पीयू ने नैक के हर मानक को 80 फीसद तक किया पूरा, आइक्यूएसी विभाग नेे वीसी को भेजी रिपोर्ट
वर्ष 2015 में जो भी कमियां नैक ने पंजाब यूनिवर्सिटी में बताई थी उन्हें 80 प्रतिशत तक पूरा कर लिया है।
जेएनएन, [सुमेश ठाकुर] । पंजाब यूनिवर्सिटी नैक के मानकों पर खरा उतरने का प्रयास कर रही है और वर्ष 2015 में जो भी कमियां नैक ने पीयू में बताई थी, उन्हें 80 प्रतिशत तक पूरा कर लिया है। इसकी रिपोर्ट आइक्यूएसी विभाग नेे वाइस चांसलर प्रो. राजकुमार को लिखित में भेज दी है। इसमें नेक की तरफ से लगाए गए ऑब्जेक्शन पर विस्तार से स्पष्टीकरण देते हुए उस क्षेत्र में किए गए कार्य की रिपोर्ट को वीसी को जमा कराया गया है। बोर्ड व चॉक प्रणाली क्लासेज में पढ़ाने के लिए बनी है, लेकिन उसके बाद भी पूरा कैंपस वाई-फाई फ्री कर दिया है। हर जगह नेटवर्क है, जिसके जरिए स्टूडेंट्स खुद ही नेट पर पढ़ाई कर सकते है। च्वाइस बेस क्रेडिट सिस्टम की 50 प्रतिशत तक पूर्ति हो पाई है। इसके अलावा स्टाफ की कमी अहम है जिस पर काम करने की जरूरत है।
इन चीजों पर लगाया था ऑब्जेक्शन
नैक की टीम मार्च 2015 में पीयू पहुंची थी। जिसके बाद उन्होंने रिपोर्ट में बताया था कि स्टूडेंट्स के अनुसार हॉस्टल नहीं है। जिसके कारण एक कमरे में दो से तीन स्टूडेंट्स रह रहे हैं। संकाय की कमी, बोर्ड-चॉक विधि का शिक्षण के लिए चलन, सीबीसीएस विधि चलने, तकनीकी स्टाफ की कमी, कम प्लेसमेंट अहम था। इसके बाद उन्होंने विभिन्न बिंदुओं को बनाकर वर्ष 2022 तक पूरा करने की मांग की थी।
इन पर हुआ काम
- मानविकी और सामाजिक विज्ञान विभागों द्वारा अनुसंधान के लिए संसाधन जुटाए गए।
- कंसल्टेंसी के माध्यम से आय जुटाने के प्रयास हुए।
- स्टूडेंट्स की भागीदारी को ट्रैक करने के लिए संरचित तंत्र के लिए पोर्टल की व्यवस्था की गई।
- सामान व फाइलों के रखरखाव की स्थिति में सुधार।
- स्वच्छता के लिए गीला व सूखा कूड़ा अलग किया जा रहा है।
- सूचना संसाधन पोर्टल के जरिए छात्रों की प्रगति पर ध्यान दिया जा रहा है।
- स्टूडेंट्स का वैधानिक, शैक्षणिक और औपचारिक प्रतिनिधित्व बना हुआ है।
- आइक्यूएसी को प्रभावी बनाया गया है जो हर मामले को सुलझाने के प्रयास कर रही है।
- हॉस्टल की संख्या को बढ़ाया गया है अौर उसमें बेहतर सुविधाएं देने का प्रयास किया गया है। जिसमें वांशिग मशीन अहम है।
- प्लेसमेंट व्यवस्था में बड़ा सुधार हुआ। हर साल 90 से 95 प्रतिशत की प्लेसमेंट हो रही है।
इन बिंदुओं पर पीयू को काम करना है बाकी
- मूल्य आधारित शिक्षा सभी कार्यक्रमों में एकीकृत नहीं हो पा रही है।
- सीबीसीएस सिस्टम पूरी तरह अभी लागू नहीं हो सका है।
- छात्रों के फीडबैक सभी विभागों से पूरी तरह नहीं मिल पा रहे हैं।
- संकायों में स्टाफ की कमी है। इसकी अनुमति शासन से नहीं मिली।
पीयू आइक्यूएसी निदेशक राजीव लोचन का कहना है कि नैक की ओर से जो रिपोर्ट दी गई थी, उसके अधिकांश बिंदुओं पर बेहतर काम किया गया है। कुछ बिंदुओं पर काम चल रहा है। इसकी रिपोर्ट वीसी को भेजी गई है। नैक 2022 में पीयू का दौरा करेगी, लेकिन पीयू अभी सभी बिंदुओं पर खरा उतरने के लिए तैयार है।