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पंजाब के शिक्षण संस्थानों के साथ ट्रैफिक पुलिस चलाएगी मुहिम, पीएचडी स्टूडेंट्स सड़क हादसों के लिए कर रहे शोध

पंजाब में ट्रैफिक पुलिस ने एक ऐसी मुहिम शुरू की है जिससे न केवल सड़क हादसों में कमी आई है बल्कि यह दूसरे राज्यों के लिए भी उदाहरण है। पंजाब ट्रैफिक पुलिस पंजाब के शिक्षण संस्थानों के रिसर्च स्कॉलर के साथ मिलकर सड़क हादसों को रोकने पर काम रही है।

By Vinay kumarEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 08:58 AM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 08:58 AM (IST)
पंजाब के शिक्षण संस्थानों के साथ ट्रैफिक पुलिस चलाएगी मुहिम, पीएचडी स्टूडेंट्स सड़क हादसों के लिए कर रहे शोध
पंजाब ट्रैफिक के एडिशनल डायरेक्टर जनरल आफ पुलिस (एडीजीपी) शरद सत्य चौहान।

चंडीगढ़ [वैभव शर्मा]। देश सड़क हादसों के मामले में पूरी दुनिया में पहले स्थान पर आता है। 199 देशों में सबसे ज्यादा सड़क हादसे भारत में होते है। यह बात हम नहीं कह रहे है बल्कि डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट इस बात की गवाही दे रही है। लेकिन पंजाब में ट्रैफिक पुलिस ने एक ऐसी मुहिम शुरू की है जिससे न केवल सड़क हादसों में कमी आई है बल्कि यह दूसरे राज्यों के लिए भी उदाहरण है। पंजाब ट्रैफिक पुलिस पंजाब के शिक्षण संस्थानों के रिसर्च स्कॉलर के साथ मिलकर सड़क हादसों को रोकने पर काम रही है। इसमें से रिसर्च स्कालर पंजाब में होने वाले सड़क हादसों पर रिसर्च कर रहे है। इस रिसर्च में यह देखा जा रहा है कि सड़क हादसें होने का क्या कारण है। इस बात को लेकर दैनिक जागरण ने पंजाब ट्रैफिक के एडिशनल डायरेक्टर जनरल आफ पुलिस (एडीजीपी) शरद सत्य चौहान से खास बात की। एसएस चौहान प्रेस क्लब में एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में आए थे।

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होशियारपुर से लुधियाना बेल्ट पर हुआ रिसर्च, हादसों में आइ कमी

एडीजीपी ट्रैफिक चौहान ने बताया कि महाराजा रणजीत सिंह कॉलेज, गुरु नानक देव युनिवर्सिटी के अलावा पंजाब के कई कॉलेज है जिनके साथ पंजाब ट्रैफिक पुलिस ने एमओयू साइन किया है। इसके तहत इन संस्थानों से पीएचडी स्टूडेंट्स को हायर किया गसया और उन्हें होशियापुर से लुधियाना की बेल्ट पर होने वाले सड़क हादसों पर रिसर्च करने के लिए कहा गया। स्टूडेंट्स ने करीब एक वर्ष में इन हादसों पर रिसर्च करके उन्हें सौंपी जिसके उन्होंने उन पहलुओं पर कार्य। अब इस बेल्ट पर सड़क हादसों की संख्या में 50 फीसद से ज्यादा की गिरावट आई है। वहीं पंजाब में 300 ब्लैक स्पाट पाए है जहां पर ज्यादा रोड एक्सीडेंट होते है। लेकिन इनकी संख्या भी धीरे धीरे कम होगी। वहीं पंजाब यूनिवर्सिटी सहित चितकारा और थापर जैसे शिक्षण संथानों से भी बात चल रही है।

ट्रैफिक पुलिस भी कर रही स्टूडेंट्स की मदद, उपलब्ध करवा रही डाटा

चौहान ने बताया कि उन्होंने लॉकडाउन से पहले इस योजना पर काम करना शुरू किया था। जिसमें शिक्षण संस्थानों में जाकर वहरं के पीएचवडी कर रहे स्टूडेंट्स से आह्वान किया गया कि वो समाज के लिए काम करें। जिसमें पुलिस प्रशासन उनकी मदद करेगा। इसके बाद काफी पीएचडी स्टूडेंट्स ने उनसे संपर्क किया। स्टूडेंट्स को सबसे ज्यादा परेशानी एक्सीडेंटल डाटा मिलने की थी लेकिन हमने संबंधित पुलिस स्टेशन से संपर्क कर यह डाटा स्टूडेंट्स को मुहैया करवाया।

पंजाब के अलावा तमिलनाडू ने सड़क हादसों में किया सुधार

चौहान के अनुसार देश में केवल ही दो राज्य है जिन्होंने सड़क हादसों पर लगाम लगाने में सफलता हासिल की। इनमें एक पंजाब है और दूसरा तमिलनाडू। इन दोनों राज्यों में सड़क हादसों का ग्राफ गिरा है। उन्होंने कहा कि मोहाली में इंटेलीजेंस लाइट लगाई गई है, उसके साथ ही 15 से 20 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। जिनकी मदद से यहां पर ग्रीन कोरिडोर बनाया जा सकता है।

लाकडाउन में अपने लेवल पर किया रिसर्च

लाकडाउन के दौरान अप्रैल से लेकर जून माह तक सड़क हादसों पर एक सर्वे किया था। लाकडाउन में केवल आपातकालीन वाहनों को ही चलने की परमिशन थी। फिर भी पूरे देश में सड़क हादसों में 20,732 लोगों ने अपनी जान गवाई है। अपैल से जून तक 29 फीसद लोग सड़क हादसों में मारे गए है। चौहान ने कहा कि जब सड़क पर कोई भी अन्य वाहन नहीं है चज रहा है, न ट्रैफिक है तो फिर ये हादसें क्यों हुए। उन्हाेंने कहा कि हम इसी बात पर फोकस कर कार्य कर रहे है।


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