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पंजाब छठा वेतन आयोग ने मांगा कर्मचारियों पर खर्च और भत्तों का ब्यौरा

पंजाब छठा वेतन आयोग ने राज्‍य सरकार से कर्मचारियों पर होने वाले खर्च और उनको मिल रहे भत्‍तों के बारे में जानकारी मांगी है। आयोग इसके बाद अपनी रिपोर्ट तैयार करेगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 06:12 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 06:12 PM (IST)
पंजाब छठा वेतन आयोग ने मांगा कर्मचारियों पर खर्च और भत्तों का ब्यौरा
पंजाब छठा वेतन आयोग ने मांगा कर्मचारियों पर खर्च और भत्तों का ब्यौरा

चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। तीन साल पहले गठित पंजाब के छठे वेतन आयोग ने अपनी रिपोर्ट तैयार करने से पहले वित्त विभाग से कर्मचारियों के वेतन, खर्च और भत्तों आदि की जानकारी मांगी है। आयोग ने कई ऐसे सवाल पूछे हैं जिससे अटकलें लगाई जा रही हैं कि आयोग कई पदों को खत्म करना चाहता है। हालांकि आयोग के पत्र में यह स्पष्ट नहीं है कि यह सूचना आयोग को क्यों चाहिए। आयोग ने सभी विभागों की आय और  कर्मचारियों, वेतन व पेंशन, मेडिकल भत्ते, मेडिकल बिलों के भुगतान का 2005-06 से लेकर 2015-16 तक का ब्यौरा मांगा है।

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पंजाब के वित्त विभाग को पत्र लिख दस साल की जानकारी देने को कहा, कर्मचारियों में डर

वेतन आयोग ने पूछा है कि पांचवें वेतन आयोग की सिफारिशों को रिवाइज क्यों किया गया और इससे खजाने पर कितना भार पड़ा। आयोग ने कर्मचारियों को दी जाने वाली सालाना तरक्की पर भी सवाल उठाया है। इसके साथ ही आयोग ने पूछा है कि जब चौथे वेतन आयोग ने 8,16, 24 और 32 साल की सर्विस पर सालाना कॅरियर प्रोग्रेशन योजना शुरू की थी तो उसे 4, 9 और 14 क्यों किया गया? इससे खजाने पर कितना भार पड़ा।

यह भी पूछा वेतन आयोग ने -

-हर विभाग 2005 से लेकर 2015 तक का औसतन खर्च कितना था। दस सालों में आय कितनी रही, क्या विभाग की आय खर्च पूरा करने में सक्षम है? अगर नहीं, तो क्या इसे पूरा करने के लिए कर्ज लेकर ब्याज को कर्मचारी खर्च में शामिल किया जाता है।

-राज्य के आय-खर्च को बराबरी पर लाने या सरप्लस करने के लिए सरकार की क्या नीति है।

-दस सालों में राज्य सरकार ने आय के स्रोत, केंद्रीय योजनाओं, विश्व बैंक या एडीबी से मिली राशि में कितनी कैपिटल खर्च पर लगाई गई।

-मिनिस्ट्रियल स्टाफ को क्या तर्कसंगत बनाने के लिए वित्त विभाग की कोई योजना है।

-क्या पंजाब की जनसंख्या और कर्मचारियों का अनुपात वही है जो भारत या अन्य राज्यों की जनसंख्या और कर्मचारियों का है।

-हाउस रेंट, यात्रा भत्ता, विशेष भत्ता, यूनिफार्म भत्ता और अन्य भत्तों को रेशनलाइज करने का कोई स्कोप है। दस सालों में भत्तों पर कितना खर्च हुआ।

-भारत सरकार या अन्य राज्यों के वेतनमान के साथ पंजाब के अंतर को कम करने को लेकर क्या विचार है। 

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