Punjab Pollution: दिल्ली से भी जहरीली हुई पंजाब की हवा, पटियाला में 420 पहुंचा AQI
पंजाब में पराली जलाने पर सख्ती के बावजूद मामले बढ़ रहे हैं। पिछले 48 घंटों में 573 मामले दर्ज हुए और पटियाला का एक्यूआई 420 तक पहुंचा। संगरूर में सबसे ज्यादा पराली जलाई जा रही है। हालांकि, पिछले साल के मुकाबले पराली जलाने के मामले 36% कम हैं। वायु गुणवत्ता सूचकांक कई शहरों में बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया है।

जागरण फाइल फोटो
गौरव सूद, पटियाला। पंजाब में सरकार की सख्ती के बावजूद पराली जलाने का क्रम थम नहीं रहा। राज्य में 48 घंटे में पराली जलाने के 573 मामले दर्ज किए गए और पटियाला में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) का स्तर सबसे अधिक 420 दर्ज िकया गया। सोमवार को राज्यभर भर में पराली जलाने के 133 मामले सामने आए।
रविवार को भी 440 मामले सामने आए थे। अब तक राज्य में कुल 4,195 सामने आ चुके हैं। पिछले कुछ दिनों में पराली जलाने की घटनाओं में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। सबसे अधिक पराली मुख्यमंत्री भगवंत मान के गृह जिले संगरूर में जल रही है। कुल 662 घटनाओं के साथ संगरूर पहले स्थान पर है।
619 मामलों के साथ तरनतारन दूसरे और 299 मामलों के साथ अमृतसर तीसरे स्थान पर है। संगरूर सीएम का ही नहीं आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा तथा वित्त मंत्री हरपाल चीमा का भी जिला है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं के साथ कई शहरों में एक्यूआइ का स्तर बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया।
सबसे खराब स्थिति पटियाला, जालंधर व खन्ना की रही। यहां अधिकतम एक्यूआइ क्रमश: 422, 328 व 314 दर्ज किया गया। बेशक पराली जलाने के मामले बढ़ रहे है लेकिन पिछले वर्ष के मुकाबले यह 36 प्रतिशत कम है।

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