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पंजाब पुलिस ने पूर्व DGP सैनी की गिरफ्तारी के प्रयास किए तेज, जमानत रद करवाने के लिए पहुंची हाई कोर्ट

पंजाब पुलिस ने मुल्तानी अपहरण मामले में पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी के गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए हैं। सैनी की जमानत रद करने के लिए पुलिस हाई कोर्ट पहुंच गई है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 17 Jul 2020 12:50 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jul 2020 01:12 PM (IST)
पंजाब पुलिस ने पूर्व DGP सैनी की गिरफ्तारी के प्रयास किए तेज, जमानत रद करवाने के लिए पहुंची हाई कोर्ट
पंजाब पुलिस ने पूर्व DGP सैनी की गिरफ्तारी के प्रयास किए तेज, जमानत रद करवाने के लिए पहुंची हाई कोर्ट

जेएनएन, चंडीगढ़। लगभग 30 साल पुराने मुल्तानी अपहरण मामले में पंजाब पुलिस ने पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) सुमेध सिंह सैनी की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए हैं। इस मामले में सैनी को मोहाली अदालत से मिली अग्रिम जमानत रद करवाने के लिए पंंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में दायर याचिका में पंजाब सरकार ने कहा है कि मोहाली अदालत ने इस मामले में अग्रिम जमानत मंजूर करके पुलिस विभाग में उच्चतम स्तर पर बैठे अधिकारियों के खिलाफ निष्पक्ष जांच की प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया है, जबकि इन अधिकारियों पर अपनी हिरासत में बंद आरोपियों के खिलाफ जघन्य और गंभीर अपराध करने के आरोप हैं।

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1991 में बलवंत सिंह मुल्तानी के अपहरण के मामले में मोहाली पुलिस द्वारा मई, 2020 में दर्ज की गई एफआइआर में सैनी को दी गई अग्रिम जमानत रद करवाने के लिए पंजाब सरकार ने 26 बिंदुओं को आधार बनाया है।

याचिका के अनुसार, आरोपित अधिकारी द्वारा किए गए अपराध की गंभीरता और जघन्यता इस बात से और बढ़ जाती है कि आरोपित अधिकारी ने पुलिस रिकॉर्ड में हेर-फेर कर संबंधित घटना को पुलिस एंकाउंटर बनाने का भी प्रयास किया। पुलिस ने पीड़ित के पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश करने और उसका पुलिस एंकाउंटर दिखाया, जबकि साक्ष्यों के अनुसार उसे पूर्व-निर्धारित तरीके से पुलिस हिरासत में ही मार दिया गया था।

पंजाब सरकार ने मोहाली अदालत द्वारा अपने आदेशों में एडवोकेट गुरशरन कौर मान के बयानों को भी पूरी तरह नजर अंदाज कर दिया, जबकि वो बलवंत सिंह मुल्तानी को अवैध हिरासत में रखे जाने और उसे टॉर्चर किए जाने की प्रत्यक्षदर्शी हैं। उन्होंने अपने बयान में मुल्तानी पर हुए जुल्मों ओर उसकी शारीरिक अवस्था बताई थी।

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की एडवोकेट गुरशरण कौर मान का कहना है कि उन्होंने 13 दिसंबर, 1991 की सुबह सेक्टर 17 के थाने में स्वयं बलवंत सिंह मुल्तानी को देखा था जब वह पुलिस टॉर्चर के बाद इतनी बुरी हालत में था कि दो कदम भी नहीं चल पा रहा था। ऐसे में उसके फरार होने का सवाल ही नहीं उठता।

गुरशरण ने बताया था कि 1991 में चंडीगढ़ में हुए एक आतंकी हमले की जांच के दौरान पुलिस ने बलवंत मुल्तानी को दिसंबर में उसके घर से हिरासत में लिया था। बलवंत की उनके पति प्रताप सिंह मान से दोस्ती थी तो पुलिस ने उन्हें भी हिरासत में ले लिया। सैनी उस समय चंडीगढ़ के एसएसपी थे। सैनी के आदेश पर पुलिस ने दोनों को सेक्टर 11 और सेक्टर 17 के थानों में बुरी तरह टॉर्चर किया था।


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