Punjab News: 'सीएम मुझे नहीं चाहते, इसलिए दिया था इस्तीफा'; राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित का खुलासा, बोले- जारी रखेंगे दौरे
Punjab News पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने कहा कि मैंने तो इस्तीफा भी दे दिया था लेकिन मंजूर नहीं हुआ तो मैं क्या करूं। राजभवन में उन्होंने अपने इस्तीफे का खुलासा किया। आए दिन मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच तनाव देखने को मिलते हैं। सीएम भगवंत मान ने राज्यपाल के दौरों पर जताए ऐतराज के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने अपने इस्तीफे की पेशकश पर खुलासा करते हुए कहा कि शायद मुझे लगा होगा सीएम मुझे नहीं चाहते। इसलिए दिया होगा इस्तीफा। उन्होंने कहा कि मैंने तो इस्तीफा दे दिया था। मंजूर नहीं हुआ तो मैं क्या करूं।
बनवारी लाल पुरोहित आज पंजाब राज भवन में मीडिया कर्मियों से बात कर रहे थे। मुख्यमंत्री भगवंत मान और राज्यपाल के बीच कभी विधानसभा का सत्र बुलाने को लेकर तो कभी मेडिकल यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर लगाने को लेकर लंबे समय तक विवाद रहा है। यह विवाद सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा।
राज्यपाल के दौरे पर सीएम ने जताया एतराज
जब सुप्रीम कोर्ट की ओर से दोनों पक्षों को खरी खोटी सुनाई गई तो कुछ ही समय बाद गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर राज्यपाल ने इस्तीफे की पेशकश कर दी, लेकिन तब से लेकर राज्यपाल ने अपने इस्तीफे को लेकर कुछ नहीं बोला। लेकिन अब तीन दिन पहले जब वह एक बार फिर सीमावर्ती जिलों के दौरे पर गए तो मुख्यमंत्री भगवत मान ने ऐतराज जताया।
#WATCH | Punjab Governor Banwarilal Purohit says, "There is no need for the CM (Bhagwant Mann) to be scared of me...I give time to every party who comes to me. Why should the Governor be a problem for anybody...I will definitely ask them to do the work that has not been done...It… pic.twitter.com/HCqHWrKHh9
हम अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकते
सीमावर्ती जिलों के दौरे के ऐतराज को दरकिनार करते हुए राज्यपाल ने स्पष्ट कर दिया कि वह पंजाब जैसे सीमावर्ती राज्य के राज्यपाल हैं और संविधानिक प्रमुख होने के नाते वह अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हट सकते। उन्होंने कहा कि सीमा पार से आ रही ड्रग्स एक गंभीर मामला है। वह अपने हर दौरे की रिपोर्ट राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को भेजते हैं।
मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीते कल राज्यपाल के दौरों पर जताए ऐतराज के बाद आज राज्यपाल ने मीडिया कर्मियों को बुलाया तो ऐसा लग रहा था कि वह एक बार फिर उन पर सीधा शाब्दिक हमला बोलेंगे लेकिन वह ऐसा करने से बचते हुए दिखाई दिए।
मैं चुनाव प्रचार नहीं कर रहा
राज्यपाल बोले, उनके दौरों को लेकर मुख्यमंत्री को ऐतराज नहीं करना चाहिए। मैं कोई चुनाव प्रचार नहीं कर रहा और न ही मुझे चुनाव लड़ना है। राज्यपाल ने कहा कि वह राज्य सरकार के काम को भी बाधित नहीं करते। उनके साथ केवल मुख्य सचिव और डीजीपी ही यहां से जाते हैं। या फिर जिस जिले में वह जाते हैं वहां के डीसी और एसएसपी होते हैं।
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ड्रग्स एक गंभीर समस्या
राज्यपाल ने खुलासा किया कि सीमाओं पर ड्रोन के जरिए आ रहे नशीले पदार्थों की समस्या से निपटने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एंटी ड्रोन दिए हैं, जो काफी सफल हैं लेकिन अभी ये केवल 25 फीसदी इलाके को ही कवर कर रहे हैं। मैंने गृह मंत्री से बात की है।
उन्होंने आश्वासन दिया है कि एक साल के अंदर-अंदर हर सीमावर्ती जिले को एंट्री ड्रोन मिल जाएगा। राज्यपाल ने कहा कि ड्रग्स एक गंभीर समस्या है लेकिन हमने हर गांव में विलेज डिफेंस कमेटियां बनाकर इसे काफी काबू कर लिया है।
थानों में पुलिस की मिलीभगत को देखते हुए पिछले दिनों मुख्यमंत्री की ओर से दस हजार कर्मचारियों को बदलने के एक सवाल के जवाब में राज्यपाल ने कहा कि यह बहुत अच्छा और प्रभावी कदम है। मैंने अपने पहले दौरे के बाद यह फीडबैक मुख्यमंत्री को दी थी कि थानों में छोटे कर्मचारियों की ड्रग तस्करों से मिलीभगत है।
ड्रग्स से निपटने में तालमेल की कमी
मुख्मयंत्री ने कहा कि पाकिस्तान सीधे तौर पर भारत से लड़ाई में नहीं पड़ रहा इसलिए उसने हमारी अगली पीढ़ी को ड्रग्स का आदि बनाकर पंगु करने की रणनीति अपनाई है। उन्होंने कहा कि मैंने अपने दौरों से यह जाना है कि ड्रग्स की समस्या से निपटने के लिए तालमेल की कमी है।
इसलिए मेरी बैठकों में सेना, बीएसएफ, एनआईए, एनसीआरबी, आईपी और पंजाब पुलिस के अधिकारी शामिल होते हैं। इनकी हर महीने जिला स्तर पर भी बैठकें होती हैं।
दस यूनिवर्सिटियां रेगुलर वीसी से खाली
यूनिवर्सिटी का चांसलर राज्यपाल के बजाय मुख्यमंत्री को बनाने वाले बिल को राष्ट्रपति की ओर से वापिस करने के सवाल पर राज्यपाल ने कहा कि यह बिल मुझ से संबंधित था इसलिए मेरी ओर से फैसला लेना सही नहीं था। इसीलिए मैंने उसे राष्ट्रपति को भेजा। वहां से यह रिजेक्ट हो गया है।
राष्ट्रपति सर्वोच्च हैं, मेरी सीएम से अपील है कि उनकी बात को मानें। उन्होंने कहा कि इस समय राज्य की दस यूनिवर्सिटियों में रेगुलर वाइस चांसलर नहीं है। यह स्थिति उच्च शिक्षा के लिए खतरनाक है। कब तक एडहॉक पर काम चलाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि वह तामिलनाडू के भी राज्यपाल रहे हैं, जहां उन्होंने 27 वीसी लगाए थे लेकिन कभी मुख्यमंत्री ने ऐतराज नहीं किया।
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