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पंजाब को 31000 करोड़ के फूड गैप में राहत की उम्मीद, वित्त मंत्री सीतारमण ने दी सहमति

पंजाब को 31000 करोड़ रुपये के फूड गैप के मामले में राहत की उम्मीद जगी है। वित्तमंत्री ने केंद्रीय खाद्य एवं मंत्री आपूर्ति के साथ साझा मीटिंग की अपील को स्वीकार कर लिया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 29 Jun 2019 09:34 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jun 2019 05:22 PM (IST)
पंजाब को 31000 करोड़ के फूड गैप में राहत की उम्मीद, वित्त मंत्री सीतारमण ने दी सहमति
पंजाब को 31000 करोड़ के फूड गैप में राहत की उम्मीद, वित्त मंत्री सीतारमण ने दी सहमति

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब को 31000 करोड़ रुपये के फूड गैप के मामले में राहत की उम्मीद जगी है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पहल पर केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, पंजाब सरकार व केंद्रीय वित्त मंत्री मिलकर इस समस्या का हल निकालेंगे। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय खाद्य एवं मंत्री आपूर्ति राम विलास पासवान के साथ साझा मीटिंग की अपील को स्वीकार कर लिया है। बैठक बजट सत्र के बाद होगी।

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कैप्टन ने गत दिवस बाद दोपहर दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ मुलाकात की। उन्होंने कैप्टन को भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार इस मसले का हमेशा के लिए निपटारा करना चाहती है। मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री को पंजाब के लिए एक और एम्स घोषित करने की अपील की। उन्होंने श्री गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के पवित्र मौके पर दूसरा एम्स लुधियाना या जालंधर में स्थापित करने का प्रस्ताव पेश किया।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठकें कर पंजाब के मसलों की बात की। कैप्टन ने कहा कि सभी मंत्रियों ने सकारात्मक समर्थन किया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव करन अवतार सिंह, प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह और रेजीडेंट कमिश्नर राखी भंडारी उपस्थित थे।

क्या है फूड गैप

फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआइ) हर साल पंजाब सरकार से अनाज खरीदती है। खरीद व इसके इंतजाम के लिए केंद्र सरकार पंजाब सरकार को पैसा देती है। केंद्र से मिले पैसे के अलावा पंजाब सरकार को इंतजाम पर अपनी तरफ से अतिरिक्त पैसा खर्च करना पड़ता है। इस तरह केंद्र से मिलने वाली राशि और कुल खर्च में हर साल अंतर रह जाता है। 2005-06 में यह अंतर 12 हजार करोड़ रुपये का था, जो अब ब्याज के साथ 31000 करोड़ रुपये हो गया है। पंजाब सरकार लंबे समय से इस गैप को खत्म करने की मांग कर रही है।

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