महिला किकेट कप्तान हरमनप्रीत के लिए पंजाब सरकार बदलेगी कानून, बनी रहेंगी डीएसपी
पंजाब सरकार भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर को डीएसपी पद पर कायम रखने के लिए नियम-काूनन में बदलाव करेगी। सरकार उन्हें ऑनरेरी डीएसी बनाएगी।
चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। पंजाब सरकार भारतीय महिला टी 20 क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर के लिए राज्य का कानून बदलेगी अौर उनका डीएसपी बचा रहेगी। हरमनप्रीत के डीएसपी पद को बचाने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नया फार्मूला निकाला है और यह है सेना का फार्मूला। सरकार कानून बदलकर हरमनप्रीत को आॅनरेरी डीएसपी बनाएगी। इसके लिए कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पास किया जाएगा।
फर्जी डिग्री का मामला सामने आने के बावजूद मुख्यमंत्री अमरिंद सिंह इस स्टार महिला क्रिकेटर के प्रति काफी नरम रवैया अपना रहे हैं। यही कारण है कि मुख्यमंत्री ने फैसला किया है कि हरमनप्रीत को आॅनरेरी डीएसपी पद दिया जाएगा। इसके लिए बाकायदा कैबिनेट में भी प्रस्ताव लाया जाएगा।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नया रास्ता निकाला, आनरेरी डीएसपी पद देंगे
पुलिस प्रशासन ने भी खेल कोटे के तहत की जाने वाली भर्ती को लेकर नियमों में बदलाव की सिफारिश मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को की थी। मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों के अनुसार, हरमनप्रीत के मामले में फैसला ले लिया गया है। बाकी कुछ कानूनी पेचिंदगियों पर भी विचार किया जा रहा है। इसके बाद उनको ऑनरेरी डीएसपी बनाने पर मुहर लग जाएगी।
सेना में कैप्टन के रूप में सेवाएं दे चुके अमरिंदर सिंह ने हरमनप्रीत का डीएसपी पद बचाने के लिए सेना का ही फार्मूला अपनाया है। जिस प्रकार से सेना में खिलाडिय़ों को आॅनरेरी पद दिया जाता है वही तरीका यहां भी अपनाया जएगा। जैसे कि महेंद्र सिंह धोनी और सचिन तेंदुलकर को सेना ने ऑनरेरी पद दिए थे।
महिला विश्व कम में शानदार प्रदर्शन करने कारण खुद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरमनप्रीत को पंजाब पुलिस में डीएसपी पद का आॅफर दिया था। हरमनप्रीत ने रेलवे से नौकरी को लेकर किए गए अनुबंध को खत्म करके पंजाब पुलिस में डीएसपी बनना स्वीकार कर लिया था।
डीएसपी बनने के बाद हरमनप्रीत की तरफ से पुलिस विभाग को जमा करवाए गए दस्तावेजों की पड़ताल करवाई गई तो मेरठ की जिस यूनिवर्सिटी से उन्हें डिग्री (ग्रेजुएशन) का दस्तावेज लगाए थे, वह फर्जी पाए गए। इस बारे में पुलिस की तरफ से सरकार को दो सप्ताह पहले लिखित में सूचना दे दी गई थी कि मौजूदा नियमों के अनुसार हरमनप्रीत को डीएसपी नहीं बनाया जा सकता है, क्योंकि वह ग्रेजुएट नहीं हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों के अनुसार हरमनप्रीत को आॅनरेरी डीएसपी बनाने को लेकर बाकायदा एजेंडा भी कैबिनेट में लाया जाएगा, ताकि आगे से कोई कानूनी पेचिंदगियां न पैदा हों। अगर सरकार इसे कैबिनेट में नहीं लाती है तो कई और मामले सामने आ सकते है। गोल्डन गर्ल मनदीप से भी इसी लिए डीएसपी पद छिना था क्योंकि वह शैक्षणिक योग्यता पूरी नहीं कर पा रही थीं।
अंतरराष्ट्रीय एथलीट मनदीप कौर को पिछली सरकार के कार्यकाल में 2016 में सरकार ने उनकी उपलब्धियों को लेकर डीएसपी बनाया था। मनदीप कौर तीन बार एशियन गेम्स के अलावा 2010 कामनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। मनदीप ने 2007 में ओमान में एशियन चैंपियनशिप में पदक जीतकर अपना नाम किया था। 2009 में फिर उन्होंने एशियन चैंपियनशिप में फिर पदक जीत कर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई थी।
2010 में हुए एशियन गेम्स व उसके बाद कामलवेल्थ गेम्स में 4 गुना 400 मीटर रेस में मनदीप ने गोल्ड मेडल जीता था। इसके आधार पर सरकार ने उन्हें डीएसपी बनाया था। मनदीप की ग्रेजुएशन न होने के कारण सरकार ने 2017 में उन्हें डीएसपी के पद से हटा दिया था।
बता दें कि हरमनप्रीत कौर को पिछले दिनों उस समय बड़ा झटका लगा था जब उनका ग्रेजुएशन का सर्टिफिकेट नकली पाया गया था। इसके बाद बताया उनका पंजाब पुलिस में डीएसपी पद छीन लिए जाने की सूचना थी। बताया गया था कि उनको कांस्टेबल बनाया जा रहा है। अर्जुन पुरस्कार विजेता हरमनप्रीत के बीए के सर्टिफिकेट पर पंजाब पुलिस ने जांच के बाद सवाल उठाए थे। उधर हरमनप्रीत के पिता और भाई ने कहा था कि वह कांस्टेबल का पद किसी हालत में स्वीकार नहीं करेगी। भाई ने कहा कि हरमनप्रीत के पास कई बड़ी कंपनियों से अच्छी नौकरी का आॅफर है।
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हरमनप्रीत को पंजाब पुलिस का टैग लगाते डीजीपी सुरेश अरोड़ा व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह। (फाइल फोटो )
हरमनप्रीत ने इसी साल रेलवे की नौकरी छोड़कर पंजाब पुलिस में डीएसपी के पद पर ज्वाइन किया था। दूसरी आेर, उनके पिता हरमंदर सिंह ने कहा था कि हरमनप्रीत के अनुसार डिग्री बिल्कुल असली है। पंजाब पुलिस के डीजीपी (प्रबंधन) एमके तिवाड़ी ने हरमनप्रीत कौर के ग्रेजुएशन के सर्टिफिकेट की जांच करवाने के बाद आई रिपोर्ट का हवाला देकर उसे नकली बताया था। उन्होंने बताया था कि जांच दौरान उत्तर प्रदेश के मेरठ के चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी ने इसके असली सर्टिफिकेट होने से इन्कार किया है। बताया जाता है कि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने हरमनप्रीत के मार्क्सशीट और उसका रिकार्ड नहीं होने की बात कही है।
हरमनप्रीत ने इस साल 1 मार्च को पंजाब पुलिस में डीएसपी का पद हासिल किया था। उन्हें इस पद पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने ज्वाइन कराया था। हरमनप्रीत कौर ने यह पद पंजाब सरकार द्वारा आॅफर किए जाने के बाद रेलवे की नौकरी छोड़ दी थी।
माता-पिता के साथ हरमनप्रीत कौर। (फाइल फोटो )
इस मामले पर हरमनप्रीत ने कहा था कि सरकार इस मामले की जांच कर रही है। उन्होंने कहा, मैं आशावादी हूं आैर सही हूं। इस मामले में मैं ज्यादा बात नहीं करना चाहती। मैं अपना काम कर रही हूं।' हरमनप्रीत कौर की डिग्री को लेकर पंजाब पुलिस की ओर से चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के विजिलेंस विभाग से गोपनीय जांच करवाई गई थी।
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विश्वकप में आस्ट्रेलिया खिलाफ 171 रन बनाकर छाई थी हरमनप्रीत
- जुलाई 2017 में हुए महिला क्रिकेट के विश्वकप के सेमीफाइनल मैच के दौरान हरमनप्रीत कौर नाबाद 171 रन बनाकर चर्चा में आई थीं।
- पश्चिम रेलवे में चीफ आफिस सुपरिंटेंडेंट पद पर कार्यरत थीं। जुलाई 2017 के दौरान पंजाब की सत्ता संभालने वाले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरमनप्रीत कौर को पंजाब पुलिस में डीएसपी पद का आॅफर किया।
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- - सितंबर 2017 में हरमनप्रीत कौर ने रेलवे की नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। इस पर जनवरी में रेलवे ने हरमनप्रीत पर पांच साल का करार तोड़ने के आरोप में 27 लाख रुपये की पेनाल्टी भरने का आदेश दे दिया।
- - मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खुद इस मामले को लेकर रेल मंत्री पीयूष गोयल से बात कर मामले को सुलझाया। 1 मार्च 2018 को हरमनप्रीत कौर ने पंजाब पुलिस में डीएसपी की नौकरी हासिल कर ली। कैबिनेट ने भी हरमनप्रीत कौर को डीएसपी का पद दिए जाने के मोहर लगा दी थी। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने खुद हरमनप्रीत कौर के कंधे पर डीएसपी का स्टार लगाने की रस्म पूरी की थी।
- - 1 मार्च 2018 को पंजाब पुलिस में डीएसपी पद मिला। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने पंजाब पुलिस का बैच प्रदान किया।
- जुलाई 2018 के प्रारंभ में पंजाब पुलिस को हरमनप्रीत कौर के ग्रेजुएशन के सर्टिफिकेट के बारे में मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की रिपोर्ट मिली। इसमें हरमनप्रीत के सर्टिफिकेट के असली होने से इन्कार किया गया। विश्वविद्यालय ने कहा कि उसके पास हरमनप्रीत की मार्कशीट नहीं है।
- इसके बाद पंजाब सरकार ने हरमनप्रीत के सर्टिफिकेट के बारे में रेलवे से जानकारी मांगी। हरमनप्रीत पहले रेलवे में नौकरी करती थी।
- रेलवे से रिपोर्ट मिलने के बाद पंजाब पुलिस ने कदम उठाया और हनीप्रीत को डीएपी पद से हटाने के लिए प्रक्रिया शुरू किया गया। हरमनप्रीत को डीएसपी की जगह कांस्टेबल बनाने का निर्णय किए जाने की सूचना।