पंजाब सरकार ने चंडीगढ़ में पीयू और एफिलिएटेड कालेजों को 21 से खोलने के दिए आदेश
पंजाब सरकार के उच्च शिक्षा निदेशक की ओर से जारी पत्र में पंजाब की सभी सरकारी और प्राइवेट यूनिवर्सिटी के साथ ही पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ को भी कैंपस खोलने के आदेश दिए गए हैं। कोविड-19 के कारण बीते करीब आठ महीने से पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस बंद है।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब यूनिवर्सिटी कुलपति को पंजाब सरकार के उच्च शिक्षा विभाग(डायरेक्टर) की ओर से सोमवार को पत्र जारी हुआ है, जिसमें पंजाब यूनिवर्सिटी और सभी एफिलिएटेड कालेजों को 21 जनवरी 2021 से खोलने के निर्देश दिए हैं। पंजाब सरकार के उच्च शिक्षा निदेशक की ओर से जारी पत्र में पंजाब की सभी सरकारी और प्राइवेट यूनिवर्सिटी के साथ ही पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ को भी कैंपस खोलने के आदेश दिए गए हैं। कोविड-19 के कारण बीते करीब आठ महीने से पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस बंद है।
पीयू प्रशासन के अधिकारियों के पास निर्देशों की कापी तो पहुंच गई है, लेकिन पीयू को 21 जनवरी से खोलने को लेकर अभी संशय की स्थिति है। मामले में कुछ अधिकारियों का कहना है कि पंजाब सरकार के एकेडमिक को लेकर नियम पंजाब यूनिवर्सिटी पर लागू नहीं होते। ऐसे में मामले को लेकर पंजाब यूनिवर्सिटी के उच्च अधिकारियों की मंगलवार को बैठक बुलाई गई है।
पंजाब यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड 11 कालेज ही चंडीगढ़ में हैं, जबकि 185 से अधिक पीयू एफिलिएटेड कालेज पंजाब में हैं। ऐसे में अब पंजाब सरकार के आदेशों को लेकर पंजाब यूनिवर्सिटी को ही फैसला लेना है। उधर चिट्ठी में यह भी साफ तौर पर लिखा गया है कि आगामी परीक्षाएं आफलाइन ही आयोजित करनी है। जबकि पंजाब यूनिवर्सिटी की हाल ही में हुई परीक्षा को लेकर बैठक में फरवरी में प्रस्तावित परीक्षाओं को आनलाइन ही कराने पर सहमति बनी थी। इन निर्देशों से भी पंजाब यूनिवर्सिटी के लिए दिक्कतें पैदा हो सकती हैं। पंजाब उच्च शिक्षा विभाग की चिट्ठी में यह भी लिखा गया है कि स्टूडेंट्स को क्लास के लिए मजबूर नहीं किया जाए। लेकिन क्लास में आने वाले सभी स्टूडेंट्स कोविड-19 नियमों का अच्छी तरह से पालन करें।
यूटी के कालेज खुले, क्लास में नहीं आ रहे स्टूडेंट्स
पंजाब सरकार ने बेशक सभी कालेजों को खोलने के निर्देश जारी कर दिए हैं। लेकिन यूटी प्रशासन के हायर एजुकेशन विभाग ने महीने पहले ही सभी कालेजों में कक्षाएं शुरू करने का लेटर जारी कर दिया था। लेकिन कालेजों में 5 फीसद भी स्टूडेंट्स पढ़ाई के लिए नहीं आए। आखिर में कालेजों को आनलाइ्न पढ़ाई को ही जारी रखना पड़ा है। पंजाब सरकार के फैसले के बाद भी स्टूडेंट्स के कक्षाओं में आने पर संशय की स्थिति है।