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पंजाब सरकार ने निवेश के लिए उद्योगपतियों को दी बड़ी राहत, जानें उद्योंगो को मिलेंगी क्‍या छूट

पंजाब सरकार ने निवेश के लिए राज्य में उद्योगों को कई छूटों का एलान किया है। इसमें बिना निरीक्षण कानूनी मंजूरी की मियाद बढ़ाना भी शामिल है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 24 Jul 2020 06:41 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 07:33 AM (IST)
पंजाब सरकार ने निवेश के लिए उद्योगपतियों को दी बड़ी राहत, जानें उद्योंगो को मिलेंगी क्‍या छूट
पंजाब सरकार ने निवेश के लिए उद्योगपतियों को दी बड़ी राहत, जानें उद्योंगो को मिलेंगी क्‍या छूट

जेएनएन, चंडीगढ़। कोविड महामारी के चलते पंजाब में निवेश मेें छूट देने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने उद्योगों को बड़ी राहत देने की घोषणा की है। उद्योगों को कई तरह की छूटों का एलान किया गया है। इसमें बिना निरीक्षण कानूनी मंजूरी की मियाद बढ़ाना भी शामिल है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के आदेशों पर पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (पीपीसीबी) ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी है। 

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मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि यह कदम इन मुश्किल स्थितियों में कानूनी मंजूरियां हासिल करने की प्रक्रिया को और आसान करने के उद्देश्य से उठाया गया है। उन्होंने कहा कि इन छूटों के साथ मौजूदा महामारी के दौरान निवेशकों को राज्य में निर्विघ्न निवेश करने का माहौल मिलेगा। 

पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन प्रो. एसएस मरवाहा ने कहा कि कोविड संकट के मद्देनज़र कंपनी स्थापना व उसे चलाने की सहमति की मियाद, अधिकार, रजिस्ट्रेशन और कोई और जरूरी मंजूरी का समय भी 30 जून 2020 तक बढ़ाया गया था, अब यह समय 31 मार्च 2021 तक कर दिया गया है, इसलिए सिर्फ़ कुछ शर्तों सहित अर्जी देनी होगी और बोर्ड की तरफ से कोई निरीक्षण नहीं किया जाएगा।

प्रो. मरवाहा ने कहा कि वातावरण संबंधी नियमों के पालन को यकीनी बनाने के लिए बोर्ड की सहमति के बिना चल रहे उद्योगों को स्वैच्छिक प्रगटावा स्कीम (वीडीएस) के तहत मंजूरी लेने के लिए अर्जी देने का समय 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है। उन्होंने कहा कि 1 नवंबर 2018 से पहले सहमति फीस जमा करवाने और एकमुश्त अनुमानित फीस 5000 रुपये का भुगतान करने के लिए छूट के साथ ऐसा कर सकते हैं।

इसके इलावा वाटर एक्ट, 1974 के अधीन सहमति प्राप्त करने को ईंटों के भट्टों की सुविधा के लिए उनके मकान मालिकों को 1नवंबर 2018 से पहले वाली सहमति फीस जमा करवाने से छूट दी गई है। इसी दौरान विज्ञान, प्रौद्यौगिकी और वातावरण के प्रमुख सचिव अलोक शेखर ने कहा कि यह कदम उद्योगों के लिए हितकर हैं। 


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