पंजाब सरकार ने उद्योग विभाग में खत्म किए 683 पद, सृजित किए 38 नए पद
पंजाब कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए। कैबिनेट ने राज्य के उद्योग विभाग में 683 पद समाप्त कर दिए। इसके साथ ही सरकार ने 38 नए पद सृजित किए गए।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान घर-घर रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन अब वह विभागों में पदों को यात्म किए जा रहे हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने उद्योग और वाणिज्य विभाग में 683 पद खत्म कर दिए हैं। सरकार का कहना है कि ये वे पद हैं, जिनकी अब कोई जरूरत नहीं है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कुल 683 पद खत्म किए गए, जबकि 38 नए पदों का सृजन भी किया गया। सरकार का दावा है कि इन पदों को खत्म करने से 24.90 करोड़ रुपये की सालाना की बचत होगी। उद्योग और वाणिज्य विभाग में 1644 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से 650 पद खाली हैं। कंट्रोलर ऑफ स्टोरज के कार्यालय के 84 स्वीकृत पद हैं और इनमें से 33 पद लंबे समय से खाली पड़े हैं। 683 पुराने पदोंं के एवज में 38 नए पद सृजन करे जाएंगे।
इससे सालाना लगभग 24.90 करोड़ रुपये की बचत होगी। उद्योगों के बदलते स्वरूप से विभाग की ओर से मुहैया करवाई जा रही सेवाएं, दायरे और भूमिकाओं को फिर परिभाषित करने की जरूरत महसूस की जा रही है। ऐसे हालातों के मद्देनजर विभाग के पुनर्गठन संबंधी विचार-विमर्श किया गया।
इंजीनियरिंग विंग के पुनर्गठन को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के इंजीनियरिंग विंग के पुनर्गठन को मंजूरी दे दी है। इससे राज्य भर में व्यापक ग्रामीण विकास को सुनिश्चित किया जा सकेगा। विभाग की पुनर्गठन योजना के अंतर्गत मंत्रिमंडल ने सीधी भर्ती के खाली पड़े पद और नई बनावट के नतीजे के तौर पर खाली होने वाले पदों को भरने की मंजूरी दी। यह कदम ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के इस विंग के कामकाज को सुचारू ढंग से निपटाने और सरकारी नीतियों व योजनाओं को सही ढंग से पूरा करने में मददगार होगा। कैबिनेट ने साल 2016-17 और साल 2017-18 की सालाना प्रशासनिक रिपोर्ट और उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की साल 2016-17 की सालाना प्रशासनिक रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है।
वीरता पुरस्कार में पूर्व सैनिकों को आरक्षण में प्राथमिकता
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की हिदायतों का पालन करते हुए मंत्रिमंडल ने पूर्व सैनिकों, पूर्व सैनिकों के वारिसों, वीरता पुरस्कार विजेताओं के पोते-पोतियों को आरक्षण में पीढ़ी दर पीढ़ी प्राथमिकता के प्रचलित सिद्धांत के अनुसार निश्चित करने का फैसला किया है। रक्षा सेवाएं कल्याण विभाग की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव के साथ सहमति प्रकट करते हुए मंत्रिमंडल ने पंजाब रिक्रूटमेंट ऑफ एक्स-सर्विसमैन रूल्स-1982 के नियम 4 के तीसरे उपबंध में संशोधन करने की मंजूरी दे दी।
इसके मुताबिक आरक्षित पद के विरुद्ध भर्ती के लिए यदि कोई पूर्व सैनिक न हो और आगे उसकी पत्नी या आश्रित बच्चा मौजूद न हो तो ऐसे पद को वीरता पुरस्कार विजेता के पोते-पोती की भर्ती से भरा जाएगा। बशर्ते दूसरे उपबंध में दर्ज शर्तों के मुताबिक पुरस्कार विजेता ने खुद या उनके बच्चों या आश्रितों में से किसी ने भी आरक्षण का लाभ न लिया हो। पंजाब सरकार ने वीरता पुरस्कार विजेताओं के पोते-पोतियों को आरक्षण का लाभ देने का फैसला पहले ही किया हुआ है।
मेजर रविइंदर सिंह संधू के आश्रित को नौकरी देने की मंजूरी
मंत्रिमंडल ने भारतीय सेना में शानदार सेवाएं निभाने वाले मेजर रविइंदर सिंह संधू के अगले वारिस को नौकरी देने की मंजूरी दे दी। उनकी संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन के दौरान सूडान में ड्यूटी के दौरान मौत हो गई थी। मेजर रवि इंदर सिंह संधू कॉप्र्स ऑफ सिग्नल सूडान में यूएन मिशन में सेवा निभा रहे थे।
इस अधिकारी की दिल और फेफड़े की बीमारी के कारण 6 नवंबर, 2019 को मौत हो गई थी। इस अधिकारी की मौत को जंगी मौत नहीं घोषित किया गया था। इस कारण उनके आश्रित को किसी भी मौजूदा नीति के अंतर्गत सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती थी और इस कारण मंत्रिमंडल ने उपरोक्त लाभ देने की मंजूरी दे दी है।
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