आढ़तियों ने गेहूं खरीद से पहले सरकार से की मजदूरोंं के लिए कर्फ्यू पास की मांग
मंडियों में 15 अप्रैल से आने वाली गेहूं की खरीद के लिए किसानों के कर्फ्यू पास बनाने से पहले आढ़तियों और मजदूरों के पास बनाने जरूरी हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। आढ़ती एसोसिएशन पंजाब के प्रधान रविंद्र चीमा ने पंजाब सरकार से मांग की है कि राज्य की मंडियों में 15 अप्रैल से आने वाली गेहूं की खरीद के लिए किसानों के कर्फ्यू पास बनाने से पहले आढ़तियों और मजदूरों के पास बनाने जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि यदि 15 अप्रैल से सरकार गेहूं की खरीद करना चाहती है तो आढ़तियों को अपने प्रबंध करने के लिए 10 तारीख तक पास जारी करने होंगे, ताकि वह प्रवासी मजदूरों की कमी को पूरा करने के लिए पंजाब के गांव-गांव में घूमकर लेबर का इंतजाम कर सकें।
रविंद्र चीमा ने पंजाब सरकार द्वारा नरेगा लेबर को गेहूं की खरीद में लगाने के प्रस्तावों पर सवाल खड़ा किया है । उन्होंने कहा कि नरेगा में काम करने वाले ज्यादातर बड़ी आयु के लोग हैं और मंडियों में 50 किलो की बोरी की लोडिंग और अनलोडिंग करना इनके बस की बात नहीं है। यह लेबर केवल सफाई आदि का काम ही कर सकती है, इसलिए आढ़तियों को गांव-गांव में जाकर लेबर का प्रबंध करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि मंडियों में बिजली के आरजी कनेक्शन लगवाने के लिए बिजली दफ्तरों में एक हफ्ता पहले आवेदन देने पड़ेंगे, अन्यथा 15 तारीख तक काम नहीं चल सकेगा। चीमा ने सरकार से यह भी मांग की कि पंजाब सरकार बिजली निगम को निर्देश जारी करेगी पिछले सीजन में लिए गए सभी आरजी कनेक्शन रिन्यू कर दिए जाएं। उन्होंने यह भी मांग की के एक आढ़ती के लाइसेंस पर एक मुनीम और 10 मजदूरों के पास जारी किए जाएं जो वह अपने पास रख सकें। यह पास 2 महीने के लिए एक बार में ही जारी कर दिए जाएं ताकि उन्हें बार-बार ना करवाना पड़े।
आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान रविंद्र चीमा ने पिछले सीजन के दौरान धान की खरीद के समय उनकी आढ़त और मजदूरों की मजदूरी ना मिलने का मामला भी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पास उठाया। कैप्टन अमरिंदर सिंह को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पिछले सीजन की पोर्टल पर छूट मिलने के बाद आढ़तियों का 200 करोड़ रूपया जारी किया जाए। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा भी आढ़तियों का बकाया रोका गया था जिसे लेने के लिए हरियाणा के आढ़तियों को हड़ताल करनी पड़ी और सरकार को आढ़तियों को उनकी बकाया अदा करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
उन्होंने कहा कि कोरोना की गंभीर बीमारी के कारण आढ़ती सरकार को किसी भी मामले में उलझाना नहीं चाहते लेकिन खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के पास यह राशि नहीं है। इसलिए पंजाब सरकार अपने खजाने में से ही यह राशि जारी करे। उन्होंने कहा कि इस मांग को सियासी रंगत ना दी जाए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार बकाया जारी नहीं करती है तो जब भी मंडियां खुलेगी सबसे पहले इसी मांग पर मीटिंग करके कोई सख्त फैसला लिया जाएगा।
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