पंजाब के किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल बोले- 26 की घटना के बाद लगा था आंदोलन को झटका, टिकैत ने संभाला
पंजाब के किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल का कहना है कि 26 जनवरी की घटना के बाद किसानों के कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को झटका लगा था लेकिन राकेश टिकैत ने मोर्चे को संभाल लिया।
जेएनएन, चंडीगढ़। कृषि कानूनों को लेकर आंदोलित किसान मोर्चा के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने माना कि 26 तारीख की घटना के बाद किसान आंदोलन को बड़ा झटका लगा था, लेकिन गाजीपुर में जिस तरह से राकेश टिकैत ने इस आंदोलन को संभाला उससे पंजाब, यूपी, हरियाणा, उत्तराखंड आदि से लोग फिर से आंदोलन की तरफ बढ़ गए हैं। किसान अब पहले से भी ज्यादा उत्साह के साथ धरनास्थल पर पहुंच रहे हैं । राजेवाल नेे पंजाब, हरियाणा आदि से पहुंच रहे लोगों से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें।
चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि 26 जनवरी की घटना के बाद किसानों के मन में भी यह बात आ गई है कि जब तक वह शांतिपूर्ण ढंग से अपना आंदोलन चला रहे थे उसका सरकार पर ज्यादा दबाव था। कहा कि पंजाब के अलावा हरियाणा और उत्तर प्रदेश की खापों ने एक बार फिर से अपने लोगों को आंदोलन स्थल पर पहुंचने के लिए कह दिया है। राजेवाल ने कहा, ''मुझे लगता है कि अब सरकार को अपनी हठ छोड़ देनी चाहिए। सरकारेंं लोगों के लिए होती हैं। अगर लोग ही उनके बनाए हुए कानूनों से नाराज हैं तो ऐसे कानूनों को रद करना ही जरूरी है।''
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श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह द्वारा दी गई सलाह पर राजेवाल ने कहा कि हमारी कोर कमेटी उनकी सलाह पर चर्चा करेगी। हम सभी की राय की कदर करते हैं। सिंघू बार्डर पर हो रही पत्थरबाजी पर टिप्पणी करते हुए किसान नेता ने कहा कि यह स्थानीय लोग नहीं है, बल्कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता हैं जो लोगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान मजदूर संघर्ष समिति के कैंप में बैठी महिलाओं को कल सिंघूू बार्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के चल रहे धरनास्थल पर सुरक्षित लाया गया है।
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26 जनवरी की घटना के बाद बड़ी संख्या में युवाओं के गायब होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारे पास इस तरह की रिपोर्टें आ रही हैं, क्योंकि हरियाणा सरकार ने सारा नेट बंद करके लोगों तक सही बात जाने में बाधा खड़ी कर दी है, इसलिए बहुत सारी जानकारी हमारे तक भी नहीं पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि हम प्रशासन से लगातार संपर्क करके जो युवा गायब हैं उनके बारे में जानकारी हासिल कर रहे हैं। किसान नेताओं पर दर्ज किए गए केसों के बारे में उन्होंने कहा कि जब आंदोलन चलते हैं तो केस ही दायर होते हैं कोई हार नहीं पहनाता।
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