पंजाब इंजीनियरिंग काॅलेज मार्च तक करेगा 100 प्रोफेसर की भर्ती, यूटी प्रशासन व केंद्र सरकार को भेजा प्रपोजल
अगले साल पेक स्थापना के 100 साल पूरे करने जा रहा है। पेक में कई नए कोर्स शुरु किए गए हैं साथ ही इस साल से पांच विभिन्न विभागों में पीएचडी कोर्स भी शुरु करने की तैयारी है। पेक द्वारा प्रशासन से नई फैकल्टी देने की मांग की गई है।
चंडीगढ़, [डाॅ. सुमित सिंह श्योराण]। दुनिया भर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए काफी पंसद किए जाने वाले चंडीगढ़ स्थित पंजाब इंजीनियरिंग काॅलेज(पेक) में जल्द ही नई फैकल्टी की नियुक्ति होने जा रही है। पेक प्रशासन से मिली जानकारी अनुसार मार्च 2021 तक करीब 100 असिस्टेंट प्रोफेसर से प्रोफेसर नियुक्त किए जाएंगे। इस संबंध में प्रपोजल तैयार कर यूटी प्रशासन और केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है। उम्मीद है कि फरवरी-मार्च तक असिस्टेंट प्रोफसर से प्रोफेसर पदों पर नई भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर दिया जाए।
2021 में चंडीगढ़ के सभी पुराने एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में शामिल पेक स्थापना के 100 साल पूरे करने जा रहा है। पेक द्वारा यूटी प्रशासन को शिक्षकों की कमी को लेकर डायरेक्टर की ओर से पत्र लिखा जा चुका है, जिसमें तुरंत नई फैकल्टी देने की मांग की गई है। बीते सालों में पेक में कई नए कोर्स शुरु किए गए हैं, साथ ही इस साल से पांच विभिन्न विभागों में पीएचडी कोर्स भी शुरु करने की तैयारी है। एेसे में पेक में नई फैकल्टी की बहुत जरुरत है। दैनिक जागरण से बातचीत में पेक डायेक्टर प्रो.धीरज सांघी ने कहा कि मौजूदा समय में पेक में सिर्फ 100 के करीब फैकल्टी है,जिसमें कुछ विजिटिंग फैक्लटी भी है। उन्होंने कहा कि क्वालिटी एजुकेशन के लिए पेक जैसे प्रतिष्ठित इंस्टीट्यूट में फैकल्टी का होना बहुत जरुरी है।
पीएचडी डिग्री तभी मिलेगी पेक में असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी
पंजाब इंजीनियरिंग काॅलेज ने इंजीनियरिंग पढ़ाई की गुणवत्ता को ओर बेहतर करने के हाल ही में कई फैसले लिए हैं। जिसमें पेक फैकल्टी की नियुक्ति के लिए नियमों में बदलाव किया गया है। यहां पर भविष्य में होने वाली असिस्टेंट प्रोफेसर पदों पर भर्ती के लिए कैंडीडेट्स का पीएचडी होना अनिवार्य है। मामले में पेक द्वारा यूटी प्रशासन से अनुमति मांगी गई थी, जिसे प्रशासन ने अप्रूवल दे दी है। पेक डायरेक्टर प्रो.सांघी का कहना है कि इंस्टीट्यूट का नाम दुनिया भर में सम्मान के साथ लिया जाता है। एेसे में क्वालिटी एजुकेशन को ध्यान में रखते हुए भविष्य में फैकल्टी की नियुक्ति में पीएचडी डिग्री अनिवार्य कर दी गई है।
कई सालों बाद होगी शिक्षकों की भर्ती
पेक में कई सालों के बाद शिक्षकों के पदों पर स्थायी नियुक्ति की जा रही है। इससे पहले कई विभागों में कांट्रेक्ट या विजिटिंग फैकल्टी से ही काम चलाया जा रहा था। पेक जैसे इंस्टीट्यूट में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति को लेकर कड़ा कंपीटीशन रहने की उम्मीद है। नई फैकल्टी आने से पेक में रिसर्च को बड़े स्तर पर बढ़ावा मिलेगा। 100 नए फैकल्टी मेंबर मिलने से पीएचडी कोर्स में दाखिले के लिए विकल्प खुल जाएंगे।
पेक ने मांगा है 750 करोड़ बजट
पेक में शिक्षकों के नए पदों पर नियुक्ति और इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने के लिए केंद्र सरकार से पेक बोर्ड आॅफ गवर्नेंस ने अगले पांच साल के लिए 750 करोड़ की मांग की है। इस खास पैकेज के तहत हर साल 150 करोड़ मिलने की उम्मीद है। भावी इंजीनियर को बेहतर एक्सपोजर देने के लिए पेक भविष्य में विदेशों से भी फैकल्टी को नियुक्त करने पर विचार कर रहा है।
दूसरे इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट की तुलना में पेक में फैकल्टी बहुत ही कम है। मौजूदा स्टूडेंट रेशों के हिसाब से यहां पर 250 के करीब टीचिंग फैकल्टी होनी चाहिए, लेकिन अभी यहां 100 के करीब ही फैकल्टी है। नई फैकल्टी की नियुक्ति का प्रपोजल भेजा जा चुका है। उम्मीद है मार्च 2021 तक नियुक्तियों को लेकर प्रक्रिया शुरु कर दी जाएगी। इस समय पेक का फैकल्टी की नियुक्ति पर ही सबसे अधिक फोकस है।
प्रोफेसर धीरज सांघी, डायरेक्टर पंजाब इंजीनियरिंग काॅलेज, चंडीगढ़