Move to Jagran APP

कैट ने पंजाब के DGP दिनकर गुप्‍ता की नियुक्ति खारिज की, कहा- दोबारा अफसरों का पैनल भेजें

कैट ने पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्‍ता की नियुक्ति को रद कर दिया है। कैट ने इस पद पर नियुक्ति के लिए दोबारा तीन अफसरों का पैनल भेजने को कहा है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 12:51 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 06:48 PM (IST)
कैट ने पंजाब के DGP दिनकर गुप्‍ता की नियुक्ति खारिज की, कहा- दोबारा अफसरों का पैनल भेजें
कैट ने पंजाब के DGP दिनकर गुप्‍ता की नियुक्ति खारिज की, कहा- दोबारा अफसरों का पैनल भेजें

चंडीगढ़, [कमल जोशी]। पंजाब सरकार और पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्‍ता को बड़ा झटका लगा है। सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) ने पंजाब के डीजीपी के रूप में दिनकर गुप्‍ता की नियुक्ति को खारिज कर दिया है। कैट ने उनकी नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिका को स्‍वीकार कर लिया है। इशुक्रवार को हुए इस घटनाक्रम ने पंजाब पुलिस और पंजाब सरकार में हड़कंप मचा दिया है। कैट ने डीजीपी की नियुक्ति के लिए चसा सप्‍ताह के अंदर दोबारा पैनल बनाकर भेजने को कहा है

loksabha election banner

पंजाब की एंटी ड्रग स्पेशल टास्क फोर्स के तत्‍कालीन डीजीपी मोहमद मुस्तफा और पीएसपीसीएल के डीजीपी (1986 बैच के अधिकारी) सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने डीजीपी के रूप में दिनकर गुप्‍ता की नियुक्ति को को कैट में चुनौती दी थी। दोनों ने यह याचिका यूपीएससी, केंद्र सरकार, पंजाब सरकार और दिनकर गुप्ता के खिलाफ दायर की थी।

कैट ने शुक्रवार को पंजाब के डीजीपी पद पर दिनकर गुप्ता की नियुक्ति को खारिज कर करते हुए कहा कि इस नियुक्ति के लिए बनाए गए पैनल में खामियां थीं। कैट ने कहा कि दिनकर गुप्ता की नियुक्ति  से पहले बनाए गए  तीन अधिकारियों के पैनल में खामियां थीं और इस पैनल का गठन सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रकाश सिंह मामले में दिए गए निर्देशों के विपरीत था। कैट ने अपने आदेश में  डीजीपी की नियुक्ति के लिए गठित की जाने वाली समिति और यूपीएससी को आदेश दिया है कि चार सप्ताह के अंदर दोबारा तीन वरिष्ठ अधिकारियों का पैनल बनाकर इस पद पर नियुक्ति के लिए भेजा जाए।

दूसरी ओर, पंजाब के गृह विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी सतीश चंद्रा का कहना है कि डीजीपी की नियुक्ति रदद् करने को लेकर कैट ने घोषणा की जानकारी मिली है लेकिन आधिकारिक रूप से उन्हें कोई पत्र नहीं मिला है।

बता दें कि अपनी याचिका मेंं सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने कहा है कि कि वह पंजाब के डीजीपी नियुक्त किए गए दिनकर गुप्‍ता से सीनियर हैं और मेरिट बेस में भी उनसे आगे है। इसलिए दिनकर गुप्‍ता से पहले डीजीपी बनने का अधिकार उन्हें मिलना चाहिए। वहीं 1985-बैच के अधिकारी मोहम्मद मुस्तफा के वकील ने अपनी दलील में कहा था कि डीजीपी लिस्ट में से वह सबसे सीनियर हैं। उनका पुलिस में रिकॉर्ड भी अच्छा रहा है।

सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने याचिका दायर कर उन्होंने यूपीएससी को नए पैनल बनाने के लिए निर्देश देने की अपील की थी। सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने कहा था कि उन्होंने पंजाब में आतंकवाद के दौर से लेकर अभी तक कईं अहम विभागों में काम किया है।

बता दें कि पंजाब ने दिनकर गुप्ता को पंजाब का डीजीपी नियुक्त किया था। मुस्तफा का नाम भी उस सूची में था और इसे पंजाब सरकार की ओर से यूपीएससी को भेजा गया था, लेकिन यूपीएससी की ओर से जिन तीन अधिकारियों का नाम शॉटलिस्ट किया गया उनमें मुस्तफा का नाम नहीं था। यूपीएससी की ओरसे जो पैनल भेजा गया था उसमें दिनकर गुप्ता, एमके तिवारी और वीके भांवरा के नाम थे। इनमें से पंजाब सरकार ने दिनकर गुप्ता को सिलेक्ट कर डीजीपी बनाया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.