Move to Jagran APP

पंजाब कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ ने अमरिंदर को दी बड़ी नसीहत, कहा- सरकार की कमान खुद संभालें

पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ ने मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह को बड़ी नसीहत दी है। उन्‍होंने कहा कि कि कैप्‍टन अफसरों की जगह खुद शासन की कमान संभालें।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 13 Dec 2019 09:57 AM (IST)Updated: Sat, 14 Dec 2019 09:04 AM (IST)
पंजाब कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ ने अमरिंदर को दी बड़ी नसीहत, कहा- सरकार की कमान खुद संभालें
पंजाब कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ ने अमरिंदर को दी बड़ी नसीहत, कहा- सरकार की कमान खुद संभालें

चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। कांग्रेस विधायकों द्वारा सरकार की कमान अफसरों के हाथ में होने की बात कहने जाने के बाद अब पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ ने भी बड़ी बात कही है। जाखड़ ने मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह को बड़ी नसीहत दी है। उन्‍होंने आम लोगों, कांग्रेस कार्यकर्ताओं और विधायकों में नाराजगी को देखते हुए अमरिंदर सिंह को सरकार की कमान खुद संभालने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जो काम कर रही है वह जमीन पर हो भी रहे हैं या नहीं, यह तो कैप्टन को ही देखना है। इसके लिए मुख्यमंत्री क्या तरीका अपनाते हैं, यह उन पर निर्भर है।

loksabha election banner

कहा- महावत के हाथ कमान देने से काम नहीं चलेगा, जनता और कार्यकर्ताओं व विधायकों में बढ़ रही बेचैनी

उन्‍होंने कहा कि बतौर मुख्यमंत्री सरकार की कमान तो कैप्टन के पास ही है। प्रदेश अध्यक्ष के इस बयान के गंभीर मायने निकाले जा रहे हैैं। दरअसल कांग्रेस विधायक ही बार-बार आरोप लगा रहे हैं कि सरकार में ब्यूरोक्रेसी इस तरह हावी है कि उनकी भी नहीं सुनती है। कई विधायकों ने तो यहां तक कह दिया कि सरकार कैप्टन नहीं ब्यूरोक्रेसी चला रही है।

कांग्रेस विधायकों की शिकायत, अपनी सरकार में ही उनकी सुनवाई नहीं

जाखड़ ने पानीपत की लड़ाई का उदाहरण देते हुए बताया कि बाबर ने जब पहली बार हाथी की सवारी की तो पूछा कि इसकी कमान कहां है? तो उनके संतरियों ने बताया कि कमान तो महावत के हाथ है। इस पर बाबर ने कहा कि जिस चीज की कमान उनके हाथ में नहीं, वह ऐसी किसी भी चीज की सवारी नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि अब मौका आ गया है कि सरकार की कमान महावत के हाथ न देकर कैप्टन खुद संभालें।

जाखड़ ने कहा कि कैप्टन की इमेज बहुत बड़ी है और उनके कंधों पर इस इमेज का ही बोझ है। चुनाव में कैप्टन ने जो वादे किए उसे देखकर जनता ने उम्मीद से ज्यादा 77 सीटें कांग्रेस को दीं। मुझे लगता है कि इससे लोगों की उम्मीदें हमसे बहुत बढ़ गईं और हम उतनी डिलीवरी नहीं कर पाए। इसलिए लोगों में बेचैनी बढ़ती जा रही है। इस स्थिति को संभालने के लिए मुख्यमंत्री को अपने मंत्रियों के महकमों को बदलना है, ब्यूरोक्रेसी में बड़े स्तर पर बदलाव करना है, यह तो वह खुद ही जानते हैं।

एक सवाल के जवाब में जाखड़ ने कहा कि सरकार में विजन की कोई कमी नहीं है। कर्ज माफी जैसी योजनाएं हमने आते ही लागू कर दीं। अगर हम चाहते तो इसे अकालियों की तरह यह कहकर टाल सकते थे कि हमें पांच साल का जनादेश मिला है, अंतिम साल में कर देंगे।

हम सब कुछ केंद्र पर नहीं डाल सकते

उन्होंने कहा कि वित्तीय संकट भी आड़े आ रहा है, लेकिन हम सारा कुछ केंद्र पर नहीं डाल सकते। केंद्रीय योजनाओं को लाना, उसे लागू करवाना आदि तो हमारी ब्यूरोक्रेसी को ही करना है।

हलका इंचार्ज सिस्टम नहीं लागू होगा

जाखड़ ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हलका इंचार्ज का सिस्टम हम लागू नहीं करेंगे। यह अकाली दल का मॉडल है। हमारा मानना है कि ब्यूरोक्रेसी आम लोगों के काम सही तरीके से करे ताकि जनता को विधायकों के पास न जाना पड़े। काम न होने के कारण ही विधायकों की परेशानी बढ़ती है। आखिर उनकी तो जनता के प्रति जवाबदेही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.