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AICC बैठक में पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने जताई नाराजगी, कहा- धरने पर बैठे सांसदों से नहीं मिला कोई नेता

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने एआइसीसी कार्यालय में हुई बैठक में इस बात पर नाराजगी जताई कि जंतर मंतर पर कृषि कानूनों के विरोध में धरना दे रहे पंजाब के सांसदों से मिलने के लिए कोई एआइसीसी का नेता नहीं पहुंचा।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 27 Dec 2020 10:21 AM (IST)Updated: Sun, 27 Dec 2020 10:21 AM (IST)
AICC बैठक में पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने जताई नाराजगी, कहा- धरने पर बैठे सांसदों से नहीं मिला कोई नेता
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ की फाइल फोटो।

जेएनएन, चंडीगढ़। तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ जंतर मंतर पर धरना दे रहे पंजाब के कांग्रेस सांसदों को अपनी ही पार्टी की ओर से अनदेखा किए जाने पर पंंजाब प्रदेश कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ बिफर गए हैैं। दरअसल, वीरवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को दो करोड़ लोगों के हस्ताक्षरों वाला ज्ञापन सौंपने के लिए आल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआइसीसी) के कार्यालय में बैठक चल रही थी। इस दौरान गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इन कानूनों के खिलाफ राज्यसभा सदस्यों ने संसद परिसर में गांधी जी की प्रतिमा के पास धरना दिया था।

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इस पर वहां मौजूद सुनील जाखड़ खड़े हो गए और उन्होंने कहा कि पंजाब के कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू, जीएस औजला और जसबीर सिंह डिंपा जंतर मंतर पर धरने पर बैठे हैैं, लेकिन एआइसीसी का एक भी नेता उनसे मिलने नहीं गया। उन्होंने कहा भाजपा तो पहले से ही कह रही है कि कृषि कानूनों की लड़ाई पंजाब की है, क्या कांग्रेस भी उस जाल में फंस गई है।

जाखड़ ने राहुल गांधी व वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में कहा कि यह पंजाब की नहीं, बल्कि देश के किसानों की लड़ाई है जो पंजाब लड़ रहा है। जहां यह लड़ाई लड़ी जा रही है वहां से कुछ दूरी पर कुरुक्षेत्र का भी युद्ध हुआ है। पानीपत की तीन लड़ाइयां हुईं जो मुगलों ने जीती, परंतु लेकिन इस बार नया इतिहास लिखा जाएगा।

आप ने कहा, किसान हितैषी होने का ड्रामा कर रही है कांग्रेस

जाखड़ के इस बयान पर आम आदमी पार्टी (आप) ने भी चुटकी ली है। विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि जाखड़ के इस बयान से सिद्ध हो गया है कि कांग्रेस किसानों के मुद्दे पर गंभीर नहीं है, बल्कि अलग ढिंढोरा पीटकर किसान हितैषी होने का नाटक कर रही है। उन्होंने कहा कि कानून लागू होने के लिए कांग्रेस भी उतनी ही जिम्मेदार है, जितने भाजपा और अकाली दल हैैं। कांग्रेस अपना अस्तित्व बचाने के लिए ही ड्रामा कर रही है। जाखड़ के बयान ने सिद्ध कर दिया है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही किसानों के मुद्दे को लेकर आपस में मिले हुए हैं और किसान विरोधी हैं। इससे कांग्रेस की आपसी 'कलह' भी सामने आई है। 


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