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पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के सुर हुए नरम, दलितों के मुद्दों को सुलझाने के लिए मिलेंगे कैप्टन से

पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी के दलित विधायकों के साथ बैठक की। बैठक में दलितों को 5-5 मरले के प्लाट और पुराने बिजली बिलों को माफ करने का मुद्दा उठा। इस दौरान नवजोत सिंह सिद्धू के सुर नरम रहे।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 02:24 PM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 06:48 PM (IST)
पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के सुर हुए नरम, दलितों के मुद्दों को सुलझाने के लिए मिलेंगे कैप्टन से
दलितों के मुद्दे पर बैठक करते पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू। फोटो पंजाब कांग्रेस के ट्विटर अकाउंट से

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। कांग्रेस के पंजाब प्रदेश प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने दलित मुद्दों को लेकर कांग्रेस के दलित विधायकों के साथ बैठक की। जिसमें दो कैबिनेट मंत्री साधू सिंह धर्मसोत और अरुणा चौधरी समेत करीब डेढ़ दर्जन विधायकों ने हिस्सा लिया। इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू के स्वर थोड़े नरम दिखे। वहीं, बैठक में दलितों को 5-5 मरले का प्लाट, कच्चे घरों को पक्का करने से लेकर संविधान के 85वें संशोधन आदि को लेकर गहन मंथन हुआ।

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बैठक में फैसला लिया गया कि प्रदेश प्रधान इन मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री के साथ बैठक करेंगे। इसके लिए सिद्धू ने कैप्टन से समय भी मांगा है। कांग्रेस भवन में लगभग तीन घंटे चली इस बैठक के दौरान मुद्दा उठा कि कांग्रेस ने दलितों को 5-5 मरले का प्लाट देने का वादा चुनाव में किया था, जो कि अभी तक पूरा नहीं हुआ है। इसमें सरपंच और पंचायत अधिकारी सबसे अधिक बाधा बन रहे है।

वहीं, यह मामला भी उठा कि कई दलित परिवारों को पुराने बिजली के बिल लग कर आ रहे है। जिसका भुगतान करना उनके बस की नहीं है। इसी प्रकार गांवों में कच्चे मकानों को पक्का करने के लिए पंजाब सरकार ने 50,000 रुपये की योजना तो शुरू की लेकिन इसका किसी को लाभ नहीं मिल पाया है। बैठक में 85वें संसोधन का मुद्दा पुनः उठा। जिस पर फैसला हुआ कि मुख्यमंत्री के साथ बैठक करके जो मुद्दे तुरंत हल हो सकते है, उसे करवाया जाए।

इस दौरान कैप्टन के प्रति तल्ख रुख रखने वाले नवजोत सिंह सिद्धू के स्वर भी नरम दिखाई दिए। एक बारगी तो उन्होंने यह भी कहा कि अगर बाहर कुछ बोला जाता है तो उससे अपनी ही सरकार की बदनामी होती है। वहीं, अरुणा चौधरी ने सामाजिक पेंशन जिसे 750 रुपये से बढ़ाकर 1500 किया गया है और आशीर्वाद योजना जिसे 21,000 से बढ़ाकर 51,000 किया गया है का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार के इस काम की जानकारी आम लोगों तक पहुंचनी चाहिए। जिस पर यह भी चर्चा हुई कि जिन लोगों को पेंशन या आशीर्वाद का लाभ हुआ है, उसके चेक बनाकर लोगों में बांटे जाएं, ताकि लोगों में सकारात्मक संदेश जा सके। फैसला हुआ कि इन मुद्दों को मुख्यमंत्री के साथ बैठक की जाएगी।

बैठक में सिद्धू के अलावा चारों कार्यकारी प्रधान कुलजीत सिंह नागरा, संगत सिंह गिलजियां, सुखमिंदर डैनी, पवन गोयल समेत विधायकों में पवन गोयल, लखबीर सिंह लक्खा, जोगिंदर सिंह, सुशील कुमार, कुलदीप वैद्य, नत्थू राम, गुरप्रीत सिंह जीपी, विधायक सतकार कौर, पिरमल सिंह, पवन आदिया मौजूद थे।


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