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कैप्टन ने पीएम को लिखा पत्र, गुरुनानक पैलेेस में तोड़फोड़ मामला पाक के समक्ष उठाने की मांग

कैप्टन ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पाकिस्तान में गुरुनानक पैलेेस में तोड़फोड़ की जांच के लिए पाकिस्तान सरकार पर दबाव बनाने की अपील की है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Wed, 29 May 2019 04:55 PM (IST)Updated: Thu, 30 May 2019 05:01 PM (IST)
कैप्टन ने पीएम को लिखा पत्र, गुरुनानक पैलेेस में तोड़फोड़ मामला पाक के समक्ष उठाने की मांग
कैप्टन ने पीएम को लिखा पत्र, गुरुनानक पैलेेस में तोड़फोड़ मामला पाक के समक्ष उठाने की मांग

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पाकिस्तान के नरोवाल में एतिहासिक गुरुनानक पैलेेस में तोड़फोड़ की जांच के लिए पाकिस्तान सरकार पर दबाव बनाने की अपील की है। उन्होंनेे पाकिस्तान सरकार से इसकी जांच करवाने की भी मांग की है। 

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कैप्टन ने कहा कि अगर केंद्र सरकार पाकिस्तान से इजाजत ले तो उनकी सरकार इसका पुनर्निर्माण के लिए भी तैयार है। सीएम नेे पीएम से मांग की कि वह इस मामले को पाकिस्तान सरकार के समक्ष उठाएं, ताकि दोषियों पर कार्रवाई हो सके। उन्होंने यह भी मांग की कि पाकिस्तान सरकार सिख विरासत से जुड़ेे स्मारकों व स्थलों की सुरक्षा यकीनी बनाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। 

कैप्टन ने कहा इस घटना से दुनियाभर में बसे सिखों की भावनाएं आहत हुई हैं। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कैप्टन ने कहा कि यह इमारत तकरीबन चार सदियों पुरानी है और यहां बड़ी संख्या सिख श्रद्धालु जाते रहे हैं। इस इमारत को अब लालचियों ने गिरा दिया। यह घटना उस समय हुई है जब सिख कौम श्री गुरुनानक देव जी का प्रकाश पर्व मना रही है।

बता दें, पाकिस्तानी मीडिया में बताया गया था कि स्‍थानीय लोगों ने गुरुनानक महल के बड़े हिस्‍से को ध्‍वस्‍त कर दिया है। उसकी कीमती खिड़कियों और दरवाजों को बेच दिया गया। पाकिस्‍तान के एक अखबार की रिपोर्ट के अनुसार इस चार मंजिला इमारत की दीवारों पर सिख धर्म के संस्‍थापक गुरुनानक देव के अलावा हिंदू शासकों की तस्‍वीरें लगी हुई थीं।  इसमें पाकिस्‍तान के औकाफ विभाग के अधिकारियों की कथित मौन सहमति थी।  

रिपोर्ट के अनुसार ऐसा बताया जाता है कि गुरु नानक महल चार सदी पहले बनाया गया था और इसमें भारत समेत दुनियाभर से सिख आया करते हैं। इसमें बताया गया है कि प्रांतीय राजधानी लाहौर से करीब 100 किलोमीटर दूर नरोवाल शहर में बने इस महल में 16 कमरे थे। हर कमरे में कम से कम 3 नाजुक दरवाजे और कम से कम 4 रोशनदान थे। रिपोर्ट में बताया गया है कि औकाफ विभाग के अधिकारियों की कथित मौन सहमति से स्थानीय लोगों के एक समूह ने महल को आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया और उसकी कीमती खिड़कियां, दरवाजे और रोशनदान भी बेच दिए। 

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