दिल्ली के राजघाट पर विधायकाें संग धरना देंगे पंजाब के सीएम अमरिंदर, मालगाडि़यां बंद करने का विरोध
पंजाब में केंद्र सरकार द्वारा मालगाडि़यों का परिचालन बंद करने के विराेध में राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह नई दिल्ली में धरना देंगे। कैप्टन अमरिंदर सिह राज्य के विधायकों के साथ राजघाट पर धरने का नेतृत्व करेंगे।
चंडीगढ़, जेएनएन। राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद के पंजाब के शिष्टमंडल से मिलने के लिए समन नहीं देने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिल्ली में धरना देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह राजघाट पर राज्य के विधायकों के एक दिन के धरने का नेतृत्व करेंगे। यह धरना केंद्र सरकार द्वारा राज्य में मालगाडि़यों का परिचालन बंद करने के विरोध में दिया जाएगा।
मालगाडि़यां बंद रहने से राज्य में थर्मल पावर प्लांटाें को कोयले की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इससे बिजली उत्पादन ठप हाे गया है। इसके साथ ही राज्य में जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है। इसके साथ ही पंजाब से सब्जियों और अनाज की सप्लाई भी नहीं हाे पा रही है। इसकी संबंध में ही राज्य का शिष्टमंडल राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद से मिलना चाहता था, लेकिन इसके लिए समय नहीं मिला।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि राज्य की हालत की ओर ध्यान दिलाने के उद्देश्य से दिल्ली में राजघाट पर एक दिन के सांकेतिक धरना देने का फैसला किया गया है। वह सुबह 10.30 बजे धरने में पहले बैच का नेतृत्व करेंगे। कैप्टन अमरिंदर ने अन्य पंजाब पार्टियों के विधायकों से भी राज्य के हित में धरने में शामिल होने की अपील की। ,
बता दें कि राज्य में किसानों के थर्मल पावर प्लांटों की ओर जाने वाले रेलवे ट्रैक को कई जगह जाम करने के बाद रेलवे ने राज्य में मालगाडियों का परिचालन बंद कर दिया था। रेलवे ने अब इस रोक को 7 नवंबर तक बढ़ा दिया है। इससे पंजाब में थर्मल पावर प्लांटों में कोयले की आपूर्ति बंद हो गई है और बिजली उत्पादन बंद हो गया है। इससे पूरे पंजाब में ब्लैक आउट का खतरा पैदा हो गया है।
इसके अलावा पिछले दिनों पंजाब सरकार द्वारा विधानसभा में केंद्र के कृषि कानूनों को राज्य में बेअसर करने के लिए चार विधेयक पारित किए गए थे। इन विधेयकाें के बारे में भी पंजाब का शिष्टमंडल राष्ट्रपति कोबिंद से मिलना चाहता था।