पंजाब CM अमरिंदर ने किसान आंदोलन पर अमित शाह की पहल का किया स्वागत, बाेले- अपील मानें किसान
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों के आंदोलन पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की पहल को स्वागतयोग्य बताया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि किसान केंद्रीय गृहमंत्री की अपील को स्वीकार कर लें और बुराडी में दिए गए स्थान पर धरना दें।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों के आंदोलन पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की पहल का स्वागत किया है। कैप्टन ने कहा कि किसानों को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से रोष प्रदर्शन के लिए निर्धारित जगह पर जाने के लिए की गई अपील को स्वीकार कर लेना चाहिए। इससे बातचीत जल्द शुरू होने का रास्ता साफ होगा।
अमित शाह की ओर से किसानों के साथ जल्द विचार-विमर्श करने की पेशकश का स्वागत करते हुए कैप्टन ने कहा कि यह किसानों और देश के हित में है। अमित शाह की 3 दिसंबर से पहले ही बातचीत की पेशकश इस बात का प्रमाण है कि केंद्र किसानों का पक्ष सुनने के लिए तैयार है।
कैप्टन ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने स्पष्ट किया है कि अगर किसान रोष प्रदर्शन के लिए निर्धारित जगह पर शिफ्ट हो जाते हैं तो अगले दिन ही बातचीत होगी। ऐसे में किसान नेताओं को भी आगे बढ़ना चाहिए। किसान केंद्र सरकार को बातचीत के टेबल पर लाकर आधी लड़ाई पहले ही जीत चुके हैं। उन्हें अमित शाह के बुलावे को स्वीकार करना चाहिए। कैप्टन ने दोहराया कि राज्य सरकार, केंद्र व किसानों के बीच बातचीत के मामलों में पूरा समर्थन देने और सामूहिक हित में मध्यस्थता करने के लिए राजी है।
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पीएम मोदी किसानों की मांगे पूरी करें: शिअद
उधर, शिरोमणि अकाली दल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने सभी शेड्यूल स्थगित कर किसानों की मांगों को पूरा करने की अपील की है। पार्टी ने कहा कि तीन कृषि कानूनों पर आंदोलकारियों की मांगें पूरी तरह से वैध, धर्मनिरपेक्ष तथा संवैधानिक हैं। प्रधानमंत्री और उनके सहयोगियों ने भी कई बार आश्वासन दिया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों की उपज का मंडीकरण हर परिस्थिति में जारी रहेगा। यदि ऐसा है तो सरकार को इसे कानूनी रूप देने में न तो आपत्ति होनी चाहिए न कोई समस्या। श
यहां पार्टी की कोर कमेटी की मीटिंग में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के उस बयान की निंदा की, जिसमें उन्होंने किसानों को खालिस्तानी बताया है। मीटिंग के बाद मीडिया से बात करते हुए हरचरण बैंस ने कहा कि कोर कमेटी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया है कि वह पुरानी कांग्रेस को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे है। यह वही मानसिकता है जो कांग्रेस द्वारा अकालियों के दमन के लिए जिम्मेदार थी। 1982 में तथा लगभग एक दशक तक अकाली आंदोलनकारियों को अलगाववादी के रूप में पेश किया था।
उन्होंने कहा कि सच्चाई तो यह है कि भाजपा तथा केंद्र में उसकी सरकारें किसानों की धर्मनिरपेक्षता तथा लोकतांत्रिक आंदोलन से नर्वस हो गया है। उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने राज्य सभा सदस्य बलविंदर सिंह भूंदड़, प्रो प्रेम सिंह चंदूमाजरा तथा सिंकदर सिंह मलूका सहित तीन सदस्यी कमेटी का गठन किया है, जो समान विचारधारा वाले राष्ट्रीय और क्षेत्रीय नेताओं के साथ मिलकर कृषि सुधार कानूनों को रद करवाने के लिए देश भर उन्हें एकजुट करेगी।
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