पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र की कोविड वैक्सीनेशन नीति पर सवाल उठाए
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh ) ने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ हुई वर्चुअल बैठक में हिस्सा लिया। इस दौरान कैप्टन ने 18+ के लोगों के लिए बनाई गई कोरोना वैक्सीनेशन की नीति पर सवाल उठाए।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार की कोरोना वैक्सीनेशन नीति पर सवाल उठाए। कहा कि पहली मई से 18 साल से अधिक उम्र वर्ग के लिए शुरू होने वाले टीकाकरण के लिए केंद्र और सूबों की बराबर की हिस्सेदारी हो। साथ ही सीएम ने आक्सीजन सप्लाई भी यकीनी बनाने की मांग की।गंभीर कोविड मरीजों के इलाज के लिए सबसे अधिक जरूरी दवा के तौर पर इसकी गंभीरता को देखते मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार की तरफ से आक्सीजन की मांग को कम से कम करने के लिए सभी उपाय अपनाए जा रहे हैं।
कोरोना महामारी के साथ सबसे अधिक प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोविड की समीक्षा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से बुलाई वर्चुअल बैठक में उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार यह जरूर यकीनी बनाए कि दूसरे राज्यों में लिक्विड आक्सीजन उत्पादकों की तरफ से इसकी बांट संबंधी अपनी सभी वचनबद्धतावों का पालन किया जाए। कहा कि मौजूदा समय में यह हो नहीं रहा। पंजाब में आक्सीजन की सप्लाई हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से होती है और सप्लाई को हाइजैक किए जाने की खबरें हैं।
टीकाकरण मुहिम के बारे में मुख्यमंत्री ने बताया कि एक निर्माता की तरफ से जारी दरों के हिसाब से पंजाब सरकार पर 1000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। उन्होंने कहा कि टीकाकरण की फंडिंग केंद्र सरकार की ओर से की जाए। अंतरिम तौर पर एसडीआरएफ फंड में से खर्च करने की इजाजत दी जाए।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पीएम से मांग की कि टीकाकरण के लिए टीकों की निरंतर सप्लाई यकीनी बनाई जाए।पंजाब में सप्लाई की कमी के कारण एक हफ्ते से टीकाकरण की रफ्तार घटी है। पंजाब को कल ताज़ा स्पलाई मिली है और टीकाकरण की मांग बढ़ने से मौजूदा स्टाक सिर्फ़ तीन दिन तक ही चलेगा।
कैप्टन ने 1 मई के बाद केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध करवाए जा रहे टीके की मात्रा के बारे में स्पष्टता की कमी और अलग-अलग राज्यों और निजी खरीदारों को की जाने वाली सप्लाई को नियमित करने संबंधी चिंता ज़ाहिर की। उन्होंने बताया कि 18-45 वर्ष आयु वर्ग के टीकाकरण संबंधी रणनीति तैयार करने के बारे में सलाह-मशवरे के लिए राज्य सरकार द्वारा वायरोलॉजिस्ट डॉ. गगनदीप कंग के नेतृत्व में एक समूह बनाया गया है। केंद्र द्वारा इसमें राज्यों को अपनी कीमत पर टीका लगाने की आज्ञा दी गई है।
मुख्यमंत्री ने रेमेडैसिवर और टोसी जैसी दवाओं की कमी और कालाबाजारी की तरफ भी इशारा किया जो मीडिया और आम लोगों में बहुत दहशत पैदा कर रही है। हालांकि केंद्र सरकार इनकी सप्लाई बढ़ाने के लिए यत्न कर रही है, लेकिन लोगों को यह बताने के लिए एक स्पष्ट संदेश देना पड़ेगा कि उनके पास जादू की छड़ी नहीं है और इनके विकल्प भी उपलब्ध हैं। राज्य में एंटी-वायरल रैमेडैसीवर टीकों की कमी और टोसी टीकों की जीरो उपलब्धता की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि हालांकि अस्पताल गंभीर मरीजों के इलाज के लिए प्रोटोकोल की पालना कर रहे हैं और वैकल्पिक दवाओं का प्रयोग कर रहे हैं।