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पंजाब के सीएम अमरिंदर ने CBI पर साधा निशाना, इस मामले में क्‍लोजर रिपोर्ट को किया खारिज

पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब से बेअदबी मामले में सीबीअाइ की क्‍लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 31 Jul 2019 10:22 PM (IST)Updated: Thu, 01 Aug 2019 08:56 AM (IST)
पंजाब के सीएम अमरिंदर ने CBI पर साधा निशाना, इस मामले में क्‍लोजर रिपोर्ट को किया खारिज
पंजाब के सीएम अमरिंदर ने CBI पर साधा निशाना, इस मामले में क्‍लोजर रिपोर्ट को किया खारिज

चंडीगढ़, जेएनएनन। पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं की जांच के बाद सीबीआइ द्वारा दी गई क्‍लोजर रिपोर्ट को पूरी तह से खारिज कर दिया है। कैप्‍टन ने सीबीआइ की रिपोर्ट पर गंभीर सवाल उठाया है। उन्‍होंने कहा कि यह रिपोर्ट जल्दबाजी में दी गई और सीबीआइ ने इसमें अहम तथ्‍यों व सुबूतों की अनदेखी की। यह बेहद भावनात्मक मुद्दा है इसलिए इस क्लोजर रिपोर्ट को वापिस लेते हुए नए सिरे से मामले की जांच की जाए।

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कैप्‍टन अमरिंदर सिह ने कहा कि सीबीआइ ने न केवल जांच के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं की अनदेखी की, बल्कि अपराधियों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के अपने कर्तव्य में विफल रही। सीबीआइ जांच में वित्तीय लेनदेन और विदेशी आधारित संस्थाओं के साथ संबंध सहित मामले के कई पहलुओं की आसानी से अनदेखी की गई थी। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, इससे सिख समुदाय के लोग आहत हुए और उनमें पीड़ा की भावना पैदा हुई है। सीबीआइ मामले की विस्तृत जांच सुनिश्चित करने के लिए क्‍लोजर रिपोर्ट को तुरंत वापस ले।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि सीबीआइ ने जांच में महत्वपूर्ण तथ्यों की अवहेलना की है और प्रमुख जांच एजेंसी होने के नाते वह मुख्य दोषियों को पहचानने में भी नाकाम रही है।  कैप्‍टन ने केस को दोबारा खोलने की मांग करते हुए कहा कि केस को बंद करने के कारण को वह (सीबीआइ) ही बेहतर जानती है लेकिन जिस तरीके से जांच करके जल्दबाजी में क्लोजर रिपोर्ट दे दी है वह जांच पर सवाल उठाती है। उन्होंने कहा कि सीबीआई की जांच में कई वित्तीय लेन देन और इनका विदेश से लिंक जैसे तथ्य सीबीआई ने नहीं देखे। सीबीआई ने कई मुख्य गवाह और आरोपियों को भी चिन्हित नहीं किया।

बता दें कि पूर्व अकाली भाजपा सरकार ने नवंबर 2015 में बेअदबी से जुड़े तीन केस सीबीआइ को सौंपे थे। इनमें 1 जून 2015 को श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ का बुर्ज जवाहर सिंह वाला से चोरी होना, बुर्ज जवाहर सिंह वाला की दीवारों पर धमकी भरे पोस्टरों को लगाया जाना और 12 अक्टूबर 2015 को ग्रंथ साहिब के फाड़े हुए अंगों का मिलना शामिल है। सीबीआइ ने 4 जुलाई को आरोपियों को क्लीन चिट देते हुए पंजाब पुलिस की एसआइटी द्वारा की गई जांच को खारिज कर दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सीबीआई केंद्र सरकार के नियंत्रण में है जहां भाजपा नीत गठजोड़ सरकार है। अकाली दल जिसके कार्यकाल में यह बेअदबी की घटनाएं हुई हैं, वह इस सरकार में शामिल है। जस्टिस रंजीत सिंह कमीशन ने अपनी जांच में बरगाड़ी केस में शिअद की भूमिका पर सवाल उठाया था। ऐसे में सीबीआई द्वारा दायर की गई क्लोजर रिपोर्ट पर गंभीर सवाल उठना स्वाभाविक है।

सीबीआइ के इस अनापेक्षित फैसले से न सिर्फ भारतीय सिख समुदाय बल्कि विदेशों में रह रहे सिखों को भी आघात पहुंचा है। उन्होंने कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का मामला बेहद संवेदनशील है और इसे इस प्रकार दोषियों को सजा दिए बिना बंद नहीं किया जा सकता। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे कदम से राज्य मे कानून व्यवस्था की स्थिति भी गंभीर हो सकती है जोकि राष्ट्रीय स्तर पर गंभीर परिणाम ला सकती है।
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सीबीआइ की क्लोजर रिपोर्ट पर दोबारा विचार करे केंद्र : धुम्मा

अमृतसर। दमदमी टकसाल के मुखी ज्ञानी हरनाम सिंह धुम्मा ने कहा कि बरगाड़ी बेअदबी मामले मेंं सीबीआइ की क्लोजर रिपोर्ट सिखों की भावनाओं से खिलवाड़ है। केंद्रीय गृह मंत्रालय इस पर दोबारा विचार करे। उन्होंने इस संबंधी एक पत्र केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी भेजा है। पत्र में बाबा धुम्मा ने कहा कि सीबीआइ ने एक गहरी साजिश के तहत दोषी डेरा प्रेमियों को क्लीनचिट देने की कोशिश की।

उन्‍होंने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी बर्दाश्त नहीं की जा सकती। बेअदबी जैसे संवेदनशील मामले के प्रति सीबीआइ के एकतरफा फैसले से सिख कौम में रोष है। डेरा प्रेमियों के खिलाफ ठोस सबूत भी हैं। अदालतों में भी बयान दर्ज हैं, फिर भी डेरा को क्लीन चिट देने की कोशिश की जा रही है। इस पर दमदमी टकसाली चुप नहीं बैठेगी।

उन्‍होंने कहा कि पंजाब सरकार को भी अपने स्तर पर जांच जारी रखनी चाहिए ताकि सच सारी दुनिया के सामने आ सके। मौके पर जसबीर सिंह खालसा पूर्व जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब, भाई अजैब सिंह मेंबर धर्म प्रचार कमेटी एसजीपीसी, ज्ञानी परविंदरपाल सिंह बुटर, ज्ञानी हरदीप सिंह आनंदपुर, जत्थे: सुखदेव सिंह आनंदपुर और प्रो. सरचांद सिंह आदि मौजूद थे।

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