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कैबिनेट: बीमार एमएसएमई व बड़ी इकाइयों को विशेष राहत पैकेज

-नई औद्योगिक नीति में माइग्रेशन स्कीम को भी मंजूरी -बॉर्डर एरिया में इकाइयां लगाने पर मिलेगी ि

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Jul 2018 10:59 PM (IST)Updated: Mon, 30 Jul 2018 10:59 PM (IST)
कैबिनेट: बीमार एमएसएमई व बड़ी इकाइयों को विशेष राहत पैकेज
कैबिनेट: बीमार एमएसएमई व बड़ी इकाइयों को विशेष राहत पैकेज

-नई औद्योगिक नीति में माइग्रेशन स्कीम को भी मंजूरी

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-बॉर्डर एरिया में इकाइयां लगाने पर मिलेगी रियायत

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राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: खराब दौर से गुजर रहे सूक्ष्म, लघु व मध्यम एंटरप्राइजिज (एमएसएमई) सेक्टर के उद्योगों व बड़ी इकाइयों के लिए मंत्रिमंडल ने विशेष राहत पैकेज को मंजूरी दी है। एमएसएमई के लिए ब्याज सब्सिडी और वित्तीय रियायतें उपलब्ध करवाने के लिए भी अंतिम रूप दिया गया है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए वित्तीय रियायतें जिला स्तर पर मंज़ूर की जाएंगी, जबकि बड़ी इकाइयों के लिए यह रियायतें सूबा स्तर पर मंजूरी की जाएंगी।

नई औद्योगिक नीति को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए पंजाब कैबिनेट ने औद्योगिक नीति के अधीन वित्तीय रियायतें हासिल करने के लिए विस्तृत स्कीमों व दिशा-निर्देशों को मंजूरी दे दी है। मंत्रिमंडल ने पहले आने वाली इकाइयों के लिए स्कीम और बॉर्डर जोन में पहली इकाई स्थापित करने के लिए स्कीम को भी मंजूरी दे दी है। औद्योगिक इकाइयों को नई औद्योगिक नीति में प्रवेश करने के लिए सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए मंत्रिमंडल ने नई औद्योगिक नीति-2017 में माइग्रेशन स्कीम को भी हरी झंडी दे दी।

सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में मंजूर किए गए दिशा-निर्देशों में स्टांप ड्यूटी के भुगतान से छूट या पुन: भुगतान की स्कीम शामिल है। इसके साथ ही सीएलयू व ईडीसी से छूट की स्कीम को भी स्वीकृति दी गई है। मंत्रिमंडल ने बिजली ड्यूटी, प्रॉपर्टी टैक्स के भुगतान से छूट के लिए भी विस्तृत दिशा-निर्देशों को मंज़ूरी दी है। वैट व एसजीएसटी के भुगतान से निवेश सब्सिडी की एक अन्य स्कीम को भी स्वीकृति मिली है।

ऑनलाइन पोर्टल से मिलेंगी रियायतें

वित्तीय रियायतों के आसान ढंग से वितरण व सभी किस्म के वित्तीय मामलों की प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन पोर्टल पहले ही स्थापित किया जा चुका है। नए अनुसंधान व विकास से जुड़ी गतिविधियों के लिए इन इकाइयों को उत्साहित करने के लिए खर्चो के पुन: भुगतान के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं। पेटेंट रजिस्ट्रेशन, गुणवत्ता सर्टिफिकेशन के अलावा कारगुजारी और क्रेडिट रेटिंग स्कीम के लिए अतिरिक्त सहायता के कारण होते खर्चो की इसमें व्यवस्था की गई है। निर्यात के लिए भाड़ा सहायता स्कीम

एमएसएमई को मंडी समर्थन उपलब्ध करवाने के लिए मंत्रिमंडल ने एमएसएमई से निर्यात के लिए भाड़ा सहायता स्कीम को मंजूरी देने के अलावा सार्वजनिक और प्राइवेट सेक्टर में इनक्युबेटर को वित्तीय रियायतें उपलब्ध करवाने को भी अंतिम रूप दे दिया है। फूड प्रोसेसिंग उद्योग पर ध्यान केंद्रित करते हुए मंत्रिमंडल ने विभिन्न टैक्सों से इस उद्योग को छूट देने के लिए इस स्कीम को भी मंजूरी दे दी है।


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