. अवैध कॉलोनियों पर सिद्धू की पॉलिसी दरकिनार कर बाजवा के फॉर्मूले पर लग सकती मुहर
-शिक्षकों की नई ऑनलाइन तबादला पॉलिसी को भी मिल सकती है मंजूरी -पीजीआइ के सेटेलाइट सें
::कैबिनेट बैठक आज::
-शिक्षकों की नई ऑनलाइन तबादला पॉलिसी को भी मिल सकती है मंजूरी
-पीजीआइ के सेटेलाइट सेंटर को भी मंजूरी मिलने की संभावना
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कैलाश नाथ, चंडीगढ़: दो बार से टल रही पंजाब कैबिनेट की बैठक अब सोमवार को होगी। बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले होंगे। इसमें प्रमुख रूप से अवैध कॉलोनियों को लेकर पंजाब सरकार की ओर से बनाई गई नीति प्रमुख है। लंबे विचार-विमर्श और विवाद के बाद इस नीति को अंतिम रूप दिया गया है। इस नीति को लेकर खासा इंतजार किया जा रहा है। अवैध कॉलोनियों की पॉलिसी को लेकर स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा आमने सामने आ गए थे। कैबिनेट में सिद्धू की पॉलिसी को दरकिनार कर बाजवा के फॉर्मूले पर मुहर लग सकती है।
वहीं, इस बैठक में फिरोजपुर में बनने वाले पीजीआइ के सेटेलाइट सेंटर को भी मंजूरी मिलने की संभावना है।
पंजाब कैबिनेट की बैठक पहले 18 और 25 जुलाई को बुलाई गई थी, लेकिन बाद में इसे कैंसिल करना पड़ा था। आम तौर पर बुधवार को होने वाली कैबिनेट बैठक अब सोमवार को बुलाई गई है। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि पंजाब सरकार को कई महत्वपूर्ण फैसलों पर कैबिनेट की मुहर लगवानी है। सितंबर में पंजाब विधानसभा का सत्र होगा। इसे देखते हुए एजेंडों पर कैबिनेट की मुहर लगना आवश्यक है, ताकि आगामी विधानसभा सत्र में इसे बिल के रूप में पेश किया जा सके।
जानकारी के अनुसार कल होने वाली बैठक में प्रमुख एजेंडा अवैध कॉलोनियों को लेकर बनाई गई नीति पर मुहर लगवाना है। चूंकि इस नीति को लेकर कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और नवजोत सिंह सिद्धू में खासी खींचतान भी चली थी, जिसे देखते हुए सरकार जल्द नई पॉलिसी लाना चाह रही है। इसकी रिपोर्ट पहले ही मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपी जा चुकी है। आर्थिक संकट और लोगों के इंतजार को देखते हुए माना जा रहा है कि बैठक में अवैध कॉलोनियों की नीति पर मुहर लग जाएगी। विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति को मंजूरी संभव
ड्रग्स के मुद्दे को देखते हुए कैबिनेट स्वास्थ्य विभाग में विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति को मंजूरी मिल सकती है। माना जा रहा है कि कैबिनेट सेवानिवृत्त हो चुके मनोचिकित्सकों को कांट्रेक्ट पर रखने पर भी मुहर लगा सकती है। क्योंकि वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग के पास मनोचिकित्सकों की कमी है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर सिंह की अगुवाई में बनी कैबिनेट सब कमेटी पहले ही फैसला ले चुकी है। वहीं, लंबे समय समय से पेंडिंग पड़े फिरोजपुर में पीजीआइ के सेटेलाइट सेंटर का मुद्दा भी कैबिनेट के सामने आएगा। चूंकि केंद्र सरकार इसे पहले ही मंजूरी दे चुकी है। अत: अब पंजाब कैबिनेट की मुहर लगना बाकी रह गई है। शिक्षकों की परेशानी होगी दूर
पंजाब सरकार शिक्षा विभाग में शिक्षकों की नई ऑनलाइन तबादला पॉलिसी पर भी मुहर लगा सकती है। पंजाब सरकार ने पूर्व अकाली-भाजपा की ऑनलाइन तबादला पॉलिसी में बदलाव किया है। इस पॉलिसी का बड़ी बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। क्योंकि शिक्षकों की तबादला सरकार के लिए हमेशा ही परेशानी खड़ी करती रहती है। मंत्रियों का सबसे अधिक समय इस पर जाता है। इसके लिए सरकार नई ऑनलाइन तबादला पॉलिसी लाने जा रही है।