ग्रामीण विकास फंड में एक फीसद की वृद्धि
::कैबिनेट के फैसले:: --- -ग्रामीण विकास व कृषि उत्पादन मंडी एक्ट में संशोधन को हरी झडी
::कैबिनेट के फैसले::
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-ग्रामीण विकास व कृषि उत्पादन मंडी एक्ट में संशोधन को हरी झडी
-मंत्रिमंडल के फैसले से कर्ज में दबे हजारों किसानों को मिलेगी राहत
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राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने राज्य में कृषि विविधता को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न संशोधनों को स्वीकृति दी। इससे ग्रामीण बुनियादी ढाचे को मजबूत बनाकर कर्ज तले दबे किसानों को राहत मिलेगी। विधानसभा के आगामी सत्र में इस संबंधी आवश्यक बिल पेश किए जाएंगे। यह फैसला ग्रामीण विकास फीस की दर 2 से बढ़ाकर 3 प्रतिशत किए जाने के लिए 'द पंजाब रूरल डेवलपमेंट एक्ट-1987' की धारा 51 (1) व कर्ज में डूबे किसानों को राहत मुहैया करवाने के लिए 'द पंजाब एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्के एक्ट-1961 की धाराओं 23 (1), 26 व 28 में संशोधन से संबंधित है।
पहला संशोधन वस्तुओं का उत्पादन और उत्पादकों के हित सुरक्षित करने और ग्रामीण विकास फंड को कर्ज के बोझ तले दबे किसानों को राहत मुहैया करवाने में सहायक होगा। एकत्रित की गई मार्केट फीस खेती उत्पादन के बेहतर मंडीकरण और इसके बुनियादी ढाचे के विकास व रख-रखाव लिए खर्च की जाएगी। इस फीस को मक्का सुखाने वाली मशीनों, कृषि उत्पादन की दर्जाबंदी, पके फलों को कोल्ड स्टोरेज में रखने के अलावा लिंक रोड की मरम्मत के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
'द पंजाब एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट एक्ट-1961' में यह संशोधन कर्ज तले दबे किसानों की मुश्किलों का हल निकालने के साथ-साथ किसानों को उत्पादन का बेहतर मूल्य देने में सहायक होगा। इसके अलावा मंडीकरण को विश्व स्तर पर हो रहे आधुनिक तौर-तरीकों के अनुसार लागू किया जाएगा।