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अब 12 वर्ष से कम बच्ची के साथ दुष्कर्म पर होगी मौत की सजा

::कैबिनेट:: -दुष्कर्म और आर्थिक अपराधियों संबंधी केंद्र के अध्यादेशों को राज्य में लागू क

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 Jun 2018 08:23 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jun 2018 08:23 PM (IST)
अब 12 वर्ष से कम बच्ची के साथ दुष्कर्म पर होगी मौत की सजा
अब 12 वर्ष से कम बच्ची के साथ दुष्कर्म पर होगी मौत की सजा

::कैबिनेट::

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-दुष्कर्म और आर्थिक अपराधियों संबंधी केंद्र के अध्यादेशों को राज्य में लागू करने को स्वीकृति

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राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: मंत्रिमंडल ने बुधवार को केंद्र सरकार के दुष्कर्म व आर्थिक अपराधों में भगोड़ों से संबंधित दो अहम अध्यादेशों को राज्य में लागू करने को मंजूरी दे दी है। अब पंजाब में भी 12 साल से कम आयु की बच्ची के साथ दुष्कर्म पर मौत की सजा होगी। वहीं, दुष्कर्म करने पर कम से कम सजा को सात साल से बढ़ा कर दस साल कर दिया गया है। 16 साल से कम आयु की लड़की के साथ दुष्कर्म के लिए कम से कम सजा उम्रकैद की सजा होगी, जो पहली मदों के अनुसार 20 वर्ष बामशक्कत कैद थी । इसको अब बढ़ाकर ताउम्र कर दिया गया है। इस अध्यादेश के अंतर्गत कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर में भी संशोधन किया गया है, जिससे दुष्कर्म के मामलों में जाच दो महीनों मे मुकम्मल करना यकीनी बनाया जा सके। दुष्कर्म के मामलों पर सुनवाई दो महीनों में पूरी करना जरूरी होगा और दुष्कर्म के सभी मामलों में अपील के निपटारे के लिए छह महीनों का समय तय किया गया है। 12 और 16 वर्ष से कम आयु की लड़कियों के साथ दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म के मामलों में नामजद अपराधियों के लिए अगामी जमानत संबंधी मद में भी संशोधन किया गया है। पक्की जमानत अर्जी पर फैसले से पहले हाईकोर्ट या सेशन कोर्ट की तरफ से सुनवाई में पेश होने के लिए सरकारी वकील को 15 दिन पहले नोटिस दिया जाएगा। पीड़ित की ओर से अधिकृत किऐ व्यक्ति की मौजूदगी भी जरूरी होगी । देश छोड़ने वालों की संपत्ति होगी जब्त

आर्थिक अपराधों में भगोंड़ों संबंधी अध्यादेश अधिकारियों को देश छोड़ कर भागने वाले आर्थिक अपराधियों की जायदाद और संपत्ति को केस के साथ जोड़ने या जब्त करने की शक्ति देता है। देश में हाल ही में हुए आर्थिक घपलों खासतौर पर 13 हजार करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले, जिसमें नीरव मोदी और मेहुल चौकसी देश छोड़ कर भाग गए थे, उनके कारण केंद्र सरकार को यह अध्यादेश लाना पड़ा है। इस अध्यादेश से फिर कानून का राज स्थापित होने की उम्मीद है। क्योंकि इससे अपराधी को भारत आकर अपने अपराधों के लिए अदालती कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। इससे बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को वित्तीय घोटालों में से उगाही होने की उम्मीद है और इसके साथ इनकी आर्थिक हालत में भी सुधार आएगा।


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