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Punjab Assembly Session: कांग्रेस विधायक उतरे सरकार के खिलाफ, स्पीकर के हस्तक्षेप केे बाद हुए शांत

पंंजाब विधानसभा में मंगलवार को कांग्रेस के विधायक अपनी सरकार ही सरकार के खिलाफ उतर गए। मामले में स्पीकर को हस्तक्षेप करना पड़ा।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2020 09:28 AM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2020 03:49 PM (IST)
Punjab Assembly Session: कांग्रेस विधायक उतरे सरकार के खिलाफ, स्पीकर के हस्तक्षेप केे बाद हुए शांत
Punjab Assembly Session: कांग्रेस विधायक उतरे सरकार के खिलाफ, स्पीकर के हस्तक्षेप केे बाद हुए शांत

चंडीगढ़ [कैलाश नाथ]। पंंजाब विधानसभा में मंगलवार को कांग्रेस के विधायक अपनी सरकार ही सरकार के खिलाफ उतर गए। स्थिति यह बन गई कि दो दर्जन से अधिक विधायक खड़े होकर स्पीकर की कुर्सी की तरफ जाने लगे। मामला था कांग्रेस के विधायक निर्मल सिंह शुतराना को दिल्ली के पंजाब भवन में कमरा नहीं मिलनेे का।

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इस मुद्दे पर कांग्रेस और आप एक ही मंच पर आ गए। कांग्रेस के विधायक फतेह जंग बाजवा ने ये मुद्दा उठाया था। जिस पर कांग्रेस विधायक परमिंदर सिंह पिंकी ने इसे गंभीर मुद्दा बताया, जबकि निर्मल सिंह शुतराना में इसे विशेषाधिकार हनन का मुदा बताया। उन्होंने कहा कांग्रेस कमेटी की बैठक में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली गए थे। वहां जाकर उन्हें कमरा नहीं मिला। जब उन्होंने अधिकारियों को फोन किया तो किसी ने फोन नहीं उठाया। उन्होंने कहा चंडीगढ़ के एक अधिकारी ने 17 बार फोन करने केे बाद फोन उठाया और कहा कि मीटिंग कैंसल हो गई है। आप वहांं क्या कर रहे हैंं।

विधायक ने कहा कि मुझे कमरा नहीं मिला, इसलिए मुझे वापस आना पड़ा। निर्मल सिंह के साथ कांग्रेस और आप के विधायक खड़े हो गए। हाउस का पारा चढ़ते देख स्पीकर ने संसदीय कार्य मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा को सदन को आश्वासन देने के लिए कहना पड़ा, लेकिन विधायक मोहिंद्रा की बात सुनने तो तैयार नहीं थे। इस पर स्पीकर राणा केपी सिंह ने कहा कि उनके पास सरकार का एक पत्र आया है जो कि 2007 का है। इसमें विधायक से ऊपर प्रिंसिपल सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी हैंं। इस पत्र में विधायक को सबसे नीचे रखा गया है। एक विधायक का रुतबा चीफ सेक्रेटरी के बराबर होता है। ये बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। स्पीकर ने कहा कि वो कल चीफ सेक्रेटरी को बुलाकर उस चिट्ठी को रद करवा कर विधायकोंं को उनका सम्मान दिलाएंगे।

इससे पहले गत दिवस भी कांग्रेस सरकार को ट्रांसपोर्ट पॉलिसी के मुद्दे पर अपने ही विधायक के निशाने पर सरकार आ गई। विधायक कुलबीर जीरा ने सरकार की कारगुजारी पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि प्राइवेट ट्रांसपोर्टरों ने लूट मचा रखी है। अगर पंजाब सरकार की ट्रांसपोर्ट पॉलिसी आ गई होती तो इस लूट को रोका जा सकता था।

यही नहीं, जीरा ने एडवोकेट जनरल अतुल नंदा पर भी अंगुली उठाई। जीरा ने जब यह मुद्दा उठाया, उस समय ट्रांसपोर्ट मंत्री रजिया सुल्ताना सदन में ही मौजूद थीं, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। जीरा ने सदन में शून्यकाल के दौरान कहा कि कल वह दिल्ली से राजपुरा तक इंडो-कैनेडियन बस से आए। इंडो-कैनेडियन का 2600 रुपये का टिकट सदन में दिखाते हुए जीरा ने कहा, ‘पनबस की एसी बस 1200 रुपये लेती है। पंजाब की ट्रांसपोर्ट पॉलिसी अगर आ गई होती, तो यह लूट बंद हो गई होती। एजी को इस मामले को देखना चाहिए। अगर हाईकोर्ट ने पॉलिसी पर स्टे दे रखा है, तो उसे खत्म कौन करवाएगा।’

यह पहला मौका नहीं है जब ट्रांसपोर्ट पॉलिसी को लेकर कांग्रेस सरकार पर अंगुली उठी है। इससे पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से विधायकों के साथ प्री-बजट की बैठक के दौरान भी यह मुद्दा उठता रहा है। सदन में शून्य काल में उठे इस मुद्दे के कारण ट्रांसपोर्ट मंत्री ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया।

जेल में दीपक शुक्ला की मौत का मुद्दा गर्माया

चोरी की गाड़ी के मामले में पकड़े गए साहनेवाल के दीपक शुक्ला की जेल में आत्महत्या का मुद्दा भी सदन में गर्म रहा। शिरोमणि अकाली दल के विधायक शरणजीत सिंह ढिल्लों और सिमरजीत सिंह बैंस ने इस मुद्दे को उठाया। विधायकों ने कानून व्यवस्था तार-तार होने का हवाला देते हुए कहा कि दीपक शुक्ला ने मारुति कार खरीदी थी। पुलिस ने उसे यह कह कर उठाया कि कार चोरी की है। उसकी पत्नी को भी हिरासत में रखा। युवक ने जेल में आत्महत्या कर ली। पुलिस ने किसी के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की।

खस्ताहाल सड़कों के कारण 2 साल में 61 लोगों की मौत

समाना के विधायक राजिंदर सिंह ने सदन में मुद्दा उठाया कि पटियाला से समाना और पातड़ा को जाने वाली सड़क में 2017 से लेकर 2019 तक 61 लोगों की मौत हो चुकी है। जब भी विभाग को इस सड़क को बनाने की बात की जाती है, तो कहा जाता है कि यह सड़क बिल्ट ऑपरेट और ट्रांसफर (बीओटी) के आधार पर है, इसलिए नहीं बनाई जा सकती है। यह करार 2022 में पूरा होना है। तब तक 50-60 और लोगों की जान चली जाएगी। क्या सरकार इस बात का इंतजार कर रही है।

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