Punjab Budget Session: बढ़ते नशे के लिए आप सरकार ने फोड़ा शिअद और भाजपा पर ठीकरा
स्वास्थ्य मंत्री डा. बलबीर सिंह ने पंजाब में नशे के विस्तार के लिए पूर्व अकाली दल और भाजपा सरकार को दोषी ठहराया हैं। उन्होंने कहा कि 2014 के लोक सभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग ने 1.85 लाख किलो हिरोइन पकड़ी।
चंडीगढ़, जागरण संवाददाता : स्वास्थ्य मंत्री डा. बलबीर सिंह ने पंजाब में नशे के विस्तार के लिए पूर्व अकाली दल और भाजपा सरकार को दोषी ठहराया हैं। उन्होंने कहा कि 2014 के लोक सभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग ने 1.85 लाख किलो हिरोइन पकड़ी। इसमें से 1.39 लाख किलो हेरोइन पंजाब से पकड़ी गई। इससे पहले पंजाब में हेरोइन की खपत नहीं थी।
हर अपराध की जड़ नशा है
इस चुनाव में एक कद्दावर (अरुण जेटली) नेता पंजाब में चुनाव हार गए। इसके बाद सरकार ने ड्रग्स की खपत करने वालों को भी जेल में बंद कर दिया। यह नशे से पीड़ित लोग थे। इनकी जमानत नहीं हुई और जेल में वह ऐसे लोगों से मिले जो क्रिमिनल थे। यहीं से गैंगेस्टर और हार्ड कोर क्रिमिनल पैदा हुए। क्योंकि हरेक क्राइम की जड़ नशा हैं।
सत्र के अंतिम दिन नशे पर हुई बहस
पंजाब विधान सभा के बजट सत्र के अंतिम दिन ड्रग्स पर बहस के लिए स्पीकर ने 2 घंटे का समय निर्धारित किया था, लेकिन सदन में कांग्रेस और भाजपा के दोनों विधायक नहीं होने की वजह से बहस नहीं हो पाई। जिसके बाद स्पीकर ने स्वास्थ्य मंत्री को सरकार का दृष्टिकोण सदन में रखने के लिए कहा।
ड्रग्स केवल पंजाब नहीं पुरे विश्व का मुद्दा है
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ड्रग्स केवल पंजाब का नहीं बल्कि पूरे विश्व का मुद्दा है। देश में 168 मिलियन लोग नशे से पीड़ित हैं। जबकि पंजाब में 1 लाख लोग इससे पीड़ित हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य में 588 ओट क्लीनिक, 36 सरकारी नशा मुक्ति और 85 निजी सेंटर हैं। वहीं, 19 सरकारी पुनर्वास और 74 निजी सेंटर हैं। सरकारी सेंटरों पर 2.62 लाख मरीजों का इलाज हो रहा हैं। जबकि प्राइवेट केंद्रों में 6.12 लाख मरीजों का इलाज किया जा रहा हैं। मंत्री ने हैरानीजनक तथ्य सदन में रखे कि इन केंद्रों पर ठीक होने वाले मरीजों का औसत सरकारी में 1.5 और निजी में 0.04 हैं।
नशा मुक्ति केंद्र बढ़ गए पर ठीक होने वाले मरीज नजर नहीं आते
मंत्री ने बताया कि नशे की लत को छुड़ाने के लिए 2019 में 2 मिलीग्राम बुप्रेनोरफिन की गोली पर सरकारी बजट 15 करोड़ रुपये था। जोकि 2022 में बढ़कर 51 करोड़ रुपये हो गया। इसी प्रकार 4 मिलीग्राम वाली गोली का बजट 28 करोड़ था वो भी 51 करोड़ तक पहुंच गया। एक तरफ नशा मुक्ति केंद्र बढ़े, सरकार का बजट बढ़ा लेकिन ठीक होने वाले मरीजों की संख्या नहीं बढ़ी। उन्होंने कहा कि 1.1 लाख टीका लगाने वाले मरीज हैं। इनकी संख्या और भी अधिक हो सकती है।
सरकार का नजरिया
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार का नजरिया है कि जिसके पास खपत के लिए ड्रग्स पकड़ी जाए उसे जेल नहीं भेजा जाए बल्कि उसका इलाज करवाया जाए। कमर्शियल खपत के लिए पकड़े जाने पर आरोपित को जेल भेजा जाए। इसके लिए बाकायदा जिला स्तर पर कमेटियों का गठन किया जाएगा। जिसमें डॉक्टर, वकील व समाज के लोग भी होंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे सेंटर बनाए जाएंगे जहां नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्र होंगे।
धर्म और योग से नशामुक्त कराया जाएगा
मंत्री ने कहा कि टीका लगाने वाले ओरल मेडिकेशन पर शिफ्ट किया जाएगा और उनका जीवन सुधारने के लिए धर्म का सहारा लिया जाएगा। क्योंकि जहां धर्म होगा वहां पर नशा नहीं रह सकता हैं। जल्द ही मुख्यमंत्री योगा क्लास शुरू किया जाएगा। जहां पर धर्म प्रचारक नशे से ग्रस्त लोगों को धर्म से जोड़ेंगे और उन्हें योगा भी करवाया जाएगा। उन्हें काम से जोड़ने के लिए ट्रेनिंग भी दी जाएगी। जरूरत पड़ी तो एनडीपीएस कानून में बदलाव की सिफारिश भी की जाएगी।