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Punjab Assembly Session: सदन में गूंजा स्कॉलरशिप घोटाला, मंत्री धर्मसोत की बर्खास्तगी की मांग

Punjab Assembly Session पंजाब विधानसभा का एकदिवसीय मानसून सत्र शुरू हो गया है। विधानसभा में स्कॉलरशिप घोटालेे की गूंज दिखी।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 28 Aug 2020 09:24 AM (IST)Updated: Fri, 28 Aug 2020 05:39 PM (IST)
Punjab Assembly Session: सदन में गूंजा स्कॉलरशिप घोटाला, मंत्री धर्मसोत की बर्खास्तगी की मांग
Punjab Assembly Session: सदन में गूंजा स्कॉलरशिप घोटाला, मंत्री धर्मसोत की बर्खास्तगी की मांग

चंडीगढ़ [कैलाश नाथ]। पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाला पंजाब विधानसभा में भी गूंजा। विपक्ष ने मामले में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। आम आदमी पार्टी के विधायक अमन अरोड़ा, कुलतार सिंह संधवा  व लोग इंसाफ पार्टी के सिमरजीत सिंह बैंस ने घोटाले का मामला उठाया। कहा कि इस मामले की ईमानदारी से जांच होनी चाहिए। उन्होंने आरोपित मंत्री साधू सिंह धर्मसोत को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की। विपक्ष ने जब यह मांग की तब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सदन में मौजूद थे। सत्ता पक्ष का कोई भी सदस्य धर्मसोत के समर्थन में नहीं आया। वहीं, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी चुप्पी साधे रखी। 

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साधू सिंह धर्मसोत को लेकर पंजाब सरकार की परेशानी तब बढ़ी जब आप के विधायक मास्टर बदलेव सिंह ने पोस्ट मैट्रिक घोटाले में उन्हीं के विभाग के एडीशनल चीफ सेक्रेटरी कृपा शंकर सरोज द्वारा दी गई जांच रिपोर्ट (जो केवल दैनिक जागरण में छपी थी) का हवाला देते हुए कहा कि मंत्री ने गरीब व दलित बच्चों के वजीफे में घोटाला किया है। मंत्री को बर्खास्त करना चाहिेए।

आप के अमन अरोड़ा ने भी साधू सिंह को बर्खास्त करने की मांग करते हुए उन पर पर्चा दर्ज करने व पैसा रिकवरी करने की मांग की। लोक इंसाफ पार्टी के सिमरजीत सिंह बैंस ने 19 दिसंबर 2019 को तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी करण अवतार सिंह ने विभाग के डिप्टी डायरेक्टर पीएस गिल को सस्पेंड करने के निर्देश दिए, लेकिन मंत्री ने अपनी पॉवर का दुरुपयोग करते हुए उसे सस्पेंड नहीं होने दिया, जबकि कुलतार संधवा ने कोरोना से बड़ी समस्या करप्शन को बताया।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को करप्शन करने वाले मंत्री को बर्खास्त करना चाहिए। विपक्ष इस मामले में मुख्यमंत्री का बयान सुनना चाहता था। वहीं, आमतौर पर दलित मामलों में हमेशा ही फ्रंट पर रहने वाले कैबिनेट मंत्री चरणचीत सिंह चन्नी व अन्य दलित नेता शांत बैठे रहे, जिसके बाद साधू सिंह धर्मसोत ने खुद की कमान संभालते हुए कहा कि वह हरेक प्रकार की जांच का सामना करने को तैयार है। इस बीच, विपक्ष मुख्यमंत्री से सदन में बयान देने की मांग करता रहा। मुख्यमंत्री द्वारा कोई रिस्पांस नहीं देने पर लोक इंसाफ पार्टी के बैंस बंधू ने वेल में आकर नारेबाजी की, जबकि आप ने अपनी सीट से ही नारेबाजी की। मंत्री को बर्खास्त करने को लेकर काफी देर तक सदन में हंगामा चलता रहा।

सदन में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तीन कृषि अध्यादेश और पावर अमेंडमेंट बिल के विरोध का प्रस्ताव पेश किया, जिसका विधायकों ने समर्थन किया। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कृषि अध्यादेश को लेकर कहा कि पानी और एमएसपी पंजाब की जान है। केंद्र सरकार एमएसपी को खत्म करने जा रही है। उन्होंने कहा कि एमएसपी तो रहेगी लेकिन जब  मंडिया खत्म हो जाएगी तो किसान कहां जाएगा। 

मुख्यमंत्री के इस प्रस्ताव का आम आदमी पार्टी लोक इंसाफ पार्टी ने जहां समर्थन किया, वहीं भारतीय जनता पार्टी ने विरोध किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आज अकाली दल जानबूझकर सदन से इसलिए गायब है, ताकि वह इस प्रस्ताव के समर्थन को सर्वसम्मति से पास नहीं करवाना चाहता। कैप्टन ने कहा कि जो पार्टी आनंदपुर साहिब प्रस्ताव लाई थी आज वही पार्टी संघीय ढांचे के खिलाफ है।

पंजाब विधानसभा का एक दिवसीय मानसून सत्र में 117 विधायकों में से 52 ही मौजूद हैं। आम आदमी पार्टी के तीन विधायकों को ही सदन में एंट्री मिली है, जबकि अकाली दल का कोई भी विधायक सदन में मौजूद नहीं है।सत्र शुरू होने से पहले ही आम आदमी पार्टी के विधायकों को विधानसभा परिसर में जाने से रोक लिया गया, जिसके विरोध में आम आदमी पार्टी के विधायकों ने पीपीई किट पहनकर प्रदर्शन किया। विधायक मीत हेयर ने कहा, जिन विधायकों की रिपोर्ट नेगेटिव है उन्हें क्यों रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार चाहे तो दोबारा टेस्ट करवा ले, इसमें पांच मिनट से कम समय लगता है लेकिन विधायकों को विधानसभा में जाने दिया जाए।

आम आदमी पार्टी के विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि आप विधायकों को सदन में आने से इसलिए रोका गया की कुछ के ड्राइवर आइसोलेशन में हैंं, तो सरबजीत कौर माणुके के पति ने कोरोना टेस्ट नहीं करवाया। इसे लेकर आप के विधायकों ने नारेबाजी भी की। सदन में श्री गुरु तेग बहादुर यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ पेश किया गया, जिसे सदन ने पास कर दिया। आप विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि नई यूनिवर्सिटी खोली जानी चाहिए, लेकिन जो पुरानी यूनिवर्सिटी चल रही है उसकी वित्तीय सुरक्षा भी पंजाब सरकार को करनी चाहिए। सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि नई यूनिवर्सिटी की वित्तीय असिस्टेंट को बरकरार रखा जाएगा। पंजाब कैदियों अच्छे आचरण (अस्थाई रिहाई) संशोधन बिल 2020 भी सदन सदन में पास कर दिया गया। वहींं, वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि जब तक पंजाब में कांग्रेस की सरकार है और कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री हैं तब तक पंजाब में किसानों को मिलने वाली फ्री बिजली बंद नहीं की जाएगी।

इससे पहले, विधानसभा में कोरोना पॉजीटिव विधायक मंजीत सिंह बिलासपुर के संपर्क में आने पर आप के सभी विधायकोंं को विधानसभा में नहीं जाने दिया गया। आप के विधायक बलजिंदर कौर, कुलतार सिंह संधवा व अमन अरोड़ा विधायक को ही जाने की इजाजत मिली। इसके विरोध में आप विधायकोंं ने पीपीई किट पहनकर विरोध किया। बता दें, संसदीय कार्य मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा कोरोना पॉजीटिव आए हैं, जबकि डिप्टी स्पीकर और तीन मंत्री पहले ही कोरोना पॉजीटिव आ चुके हैं। 

इनको दी गई श्रद्धांजलि

सदन में वित्तमंत्री मनप्रीत बादल के पिता और पूर्व सांसद गुरदास बादल, पूर्व मंत्री हरी सिंह जीरा, बलबीर सिंहसीनियर पूर्व ओलंपियन और हजूरी रागी भाई निर्मल सिंह समेत 25 लोगों को श्रद्धाजंलि दी गई। इसके अलावा नायब सूबेदार मनदीप सिंह, नायब सूबेदार सतनाम सिंह, नायक राजेश कुमार, नायक राजविंदर सिंह, नायक सलीम खान, नायक गुरबिंदर सिंह, लखबीर सिंह,गुरतेज सिंह दोनों सैनिक, कलाकार सतीश गुजराल को भी श्रद्धाजंलि दी गई। छह स्वतंत्रता सेेनानियों को भी श्रद्धांजलि दी गई जिनमें सुच्चा सिंह, प्यारा सिंह, तख्त सिंह, अजीत सिंह, वरियाम सिंह, संतोख सिंह, दिलीप सिंह और इंजीनियर जसवंत सिंह गिल को भी श्रद्धाजंलि दी गई।


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