मोहाली सीट से कांग्रेस ने कैप्टन के करीबी बलबीर सिंह सिद्धू को दी टिकट, 2007 में पहली बार आजाद लड़ा था चुनाव
Punjab Assembly Election 2022 पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 86 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट (Punjab Congress Candidate List) जारी कर दी है। मोहाली विधानसभा हलके से कांग्रेस ने पूर्व सेहत मंत्री व मौजूदा विधायक बलबीर सिंह सिद्धू (Balbir Singh Sidhu) पर दांव लगाया है।
रोहित कुमार, मोहाली। Punjab Assembly Election 2022: पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 86 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट (Punjab Congress Candidate List) जारी कर दी है। मोहाली विधानसभा हलके से कांग्रेस ने पूर्व सेहत मंत्री व मौजूदा विधायक बलबीर सिंह सिद्धू (Balbir Singh Sidhu) पर दांव लगाया है। सिद्धू तीन बार विधायक रह चुके हैं और चौथी बार भी जीत का दावा कर रहे हैं। हालांकि कायस लगाए जा रहे थे कि सिद्धू पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खास हैं इसलिए अबकी बार कांग्रेस उनकी टिकट काट सकती है।
हालांकि बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा था कि वे कांग्रेसी हैं और कांग्रेसी ही रहेंगे। तीन बार विधायक रहने के बाद पूर्व कैप्टन सरकार में बलबीर सिंह सिद्धू को पंजाब का सेहत मंत्री बनाया गया था, लेकिन पंजाब की सत्ता मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के हाथों में आने के बाद सिद्धू को मंत्री पद से हटा दिया गया।
ऐसा रहा सिद्धू का राजनीतिक सफर
बलबीर सिंह सिद्धू ने साल 2007 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर खरड़ विधानसभा क्षेत्र से पहली बार चुनाव लड़ा था। इसके बाद उन्होंन कांग्रेस का हाथ थाम लिया। इसके बाद सिद्धू ने साल 2012 और 2017 में कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ा और जीते भी। साल 2017 से लेकर सितंबर 2021 तक वह पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री रहे। सिद्धू ने जब 2007 में खरड़ सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा, उस समय मोहाली विधानसभा हलका नहीं था। जिला बनने के बनने के बाद मोहाली हलका बना था।
सिद्धू को टक्कर देने के लिए आप ने पूर्व मेयर को बनाया उम्मीदवार
वहीं, आम आदमी पार्टी ने मोहाली सीट से पूर्व मेयर कुलवंत सिंह को प्रत्याशी के तौर पर उतारा है और कांग्रेस ने एक बार फिर बलबीर सिंह सिद्धू पर विश्वास जताया है। वहीं, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और भाजपा ने अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। शिअद शुरू से ही मोहाली सीट पर पेराशूट उम्मीदवार उतारता रहा है जो शिअद की हार का कारण बनता रहा है। इस बार शिअद-बसपा का गठबंधन है। ऐसे में पहली मोहाली की सीट बसपा को दी थी, लेकिन बाद में बसपा के साथ सीट बदल ली गई। आने वाले दिनों में शिअद उम्मीदवार की घोषणा कर सकता है। इसके बाद साफ होगा कि मुकाबला किन के बीच होगा।