पंजाब विधानसभा : कांग्रेस का काम रोको प्रस्ताव खारिज, हंगामा होते-होते बचा
पंजाब विधानसभा में मानसून सत्र के दूसरे दिन कई बार हंगामे की स्थिति बनी, लेकिन सत्ता व विपक्ष के समझदारी पूर्व रवैये से स्थिति बिगड़ने से बच गई। स्पीकर ने किसानों के मसले पर कांग्रेस के काम रोको प्रसताव को नामंजूर कर दिया।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा में मानसून सत्र के दूसरे दिन कई बार हंगामे की स्थिति बनी, लेकिन सत्ता व विपक्ष के समझदारी पूर्व रवैये से स्थिति बिगड़ने से बच गई। स्पीकर ने किसानों के मसले पर कांग्रेस के काम रोको प्रसताव को नामंजूर कर दिया। उन्होंने इस पर सरकार द्वारा पेश प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। दूसरी ओर, आउटसोर्सिंग में आरक्षण लागू नहीं किए जाने पर अपने विधायक ने ही सरकार पर सवाल किए।
पंजाब विधानसभा के स्पीकर चरणजीत सिंह अटवाल ने विपक्ष के नेता सुनील जाखड़ द्वारा रखे काम रोको प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया। अलबत्ता उन्होंने पहले से सरकार द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसमें पंजाब की कृषि व्यवस्था की असली तस्वीर केंद्र के समक्ष पेश करने की बात कही गई है। इस पर जाखड़ ने भी कांग्रेस द्वारा चर्चा में भाग लेने की बात कह कर सदन में हंगामे को टाल दिया। इस पस्ताव पर बुधवार को चर्चा हाेगी।
विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने जाते सुनील जाखड़।
जाखड़ ने कहा कि उन्हें खेतीबाड़ी के मसले पर बात करनी है। ऐसे में प्रस्ताव किसी का हो कोई फर्क नहीं पड़ता। इस मुद्दे पर बहस अभी क्यों नहीं हो सकती। ऐसा और कौन सा काम है जो कृषि पर बहस से ज्यादा महत्वपूर्ण है। इस पर स्पीकर ने कहा कि उन्हें तैयारी के लिए समय देने के लिए ही बुधवार का दिन रखा गया है और उस दिन दो घंटे इसी मुद्दे पर बहस की जाएगी जिसमें एक घंटा विपक्ष और एक घंटा सरकार के लिए हाेगा।
विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने जाते कैबिनेट मंत्री दलजीत सिंह चीमा।
जाखड़ ने मांग की कि यह समय बढ़ाकर दो-दो घंटे दोनों पक्षों को दिए जाएं। इस पर स्पीकर ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वह उस दिन बहस का समय बढ़ा देंगे मगर फिलहाल दो घंटे ही तय करेंगे। उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने कहा कि मुख्यमंत्री बादल ने अपनी पूरी जिंदगी किसानों के लिए दी है। वह किसानों की बदहाली को लेकर बहुत गंभीर हैं और अब भी वह किसानों के मसले पर बैठक में व्यस्त हैं। इस पर जाखड़ ने कहा कि आपसे उद्योग पर सवाल पूछेंगे मगर कृषि पर जवाब सीएम से ही मांगेंगे।
आउटसोर्सिंग में नहीं लागू की जा रही हैं आरक्षण पालिसी
मामला दलितों के आरक्षण का हो और पंजाब विधान सभा में हंगामा न हो ऐसा हो नहीं सकता। इस मामले में जस्टिस निर्मल सिंह ने तो अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा किया ही। स्पीकर डा. चरणजीत सिंह अटवाल ने भी यह कह कर सरकार की खिंचाई कर दी कि आउट सोर्सिंग से होने वाली भर्ती में आरक्षण नीति का ध्यान नहीं रखा जा रहा हैं।
डिप्टी सीएम सुखबीर बादल ने कहा कि पंजाब में दलितों के हितों के लिए जो भी योजना बनाई गई वह अकाली सरकार ने बनाई हैं। जस्टिस निर्मल सिंह ने ट्रांसपोर्ट विभाग और स्वास्थ्य विभाग में दर्जा तीन और दर्जा चार में ठेके पर रखे गए मुलाजिमों और उसमें अनुसूचित जाति के लोगों को आरक्षण के संबंध में सवाल उठाया। इसके जवाब में ट्रांसपोर्ट मंत्री अजीत सिंह कोहाड़ ने कहा कि दर्जा 3 के 1918 ठेके पर भर्ती की गई हैं। इसमें आरक्षण पालिसी के अनुसार 675 भर्ती अनुसूचित जाति व 324 भर्ती अति पिछड़ी जाति के लोगों को किया गया।
इस पर निर्मल सिंह ने मंत्री को घेरा कि उन्होंने दर्जा 4 मुलाजिमों का भी ब्योरा मांगा था लेकिन मंत्री ने नहीं दिया। उनके द्वारा बार-बार दर्जा चार मुलाजिमों का ब्योरा मांगने पर भी मंत्री जवाब नहीं दे सके। वहीं, इसी तरह स्वास्थ्य विभाग में मांगे गए जवाब में स्वास्थ्य मंत्री सुरजीत कुमार ज्याणी ने कहा कि 2013-14 और 2014-15 में दर्जा तीन के 1619 पोस्टों को आउट सोर्सिंग से भरा गया हैं। लेकिन स्वास्थ्य मंत्री ने भी यह जानकारी नहीं दी कि इसमें से कितने रिजर्व कोटे से हैं।
इस पर कांग्रेस विधायक चरणजीत सिंह चन्नी ने सवाल खड़ा कर दिया कि सुविधा केंद्र, मनरेगा आदि में आरक्षण पालिसी का ध्यान नहीं रखा जाता। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर सरकार दलितों को आरक्षण नहीं दिलवा सकती तो वह कह दे कि हम दलितों के हितों की रक्षा नहीं कर सकती।
विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने जातीं सीपीएस नवजौर कौर सिद्धू।
इस पर डिप्टी सीएम सुखबीर बादल ने मोर्चा संभाला। उन्हाेंने कहा कि हर बात का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। अकाली दल ही दलितों के हितों की रक्षा करती हैं। पंजाब में दलितों के लिए जो भी योजना हैं सभी अकाली सरकार की देन हैं। कांग्रेसी एक भी योजना बता दें।
सुखबीर ने अपनी बात खत्म ही की थी कि स्पीकर डा. चरणजीत सिंह अटवाल ने कहा 'यह बात सही है कि कांट्रेक्ट पर की जा रही भर्ती में आरक्षण पालिसी का ध्यान नहीं रखा जा रहा हैं।' स्पीकर की इस टिप्पणी पर विपक्ष ने मेज थपथपाई।,सत्ता पक्ष के दलित नेताओं को मेज थपथपाते देखा गया।