पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा- फायरिंग में गोली किसी को लगे या नहीं आरोपित निर्दोष नहीं
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने लुधियाना के व्यक्ति की जमानत याचिका का निपटारा करते हुए टिप्पणी की कि फायरिंग के दौरान अगर किसी को गोली लगे या नहीं फिर भी आरोपित को निर्दोष करार नहीं दिया जा सकता।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने जमानत के एक मामले में साफ कर दिया है कि अगर किसी द्वारा चलाई गई गोली किसी को नहीं लगती तो इसका मतलब यह नहीं वह निर्दोष है। इस मामले में याचिकाकर्ता द्वारा चलाई गोली पीड़ित को नहीं लगी, इस आधार पर उसे जमानत का लाभ कतई नहीं दिया जा सकता।
याचिकाकर्ता लुधियाना निवासी जितेंद्र ने हाई कोर्ट को बताया कि उसने शिकायतकर्ता के पिता पर गोली नहीं चलाई थी, बल्कि हवा में फायरिंग की थी। याची ने कहा कि गोली जब किसी को छुई तक नहीं तो कैसे हत्या के प्रयास की धारा उस पर लगाई जा सकती है।
जमानत का विरोध करते हुए पंजाब सरकार ने कहा कि शिकायतकर्ता के पिता पर ही गोली चलाई गई थी, लेकिन निशाना चूकने के कारण वह बच गए। इसलिए याची की हिरासत आवश्यक है, क्योंकि अभी तक हथियार बरामद नहीं हुआ है।
हाई कोर्ट ने कहा कि केवल यह आधार कि शिकायतकर्ता का पिता बच गया, हत्या के प्रयास की धारा से याची को बचाने के लिए काफी नहीं है। जिन परिस्थितियों का हवाला दिया जा रहा है, वह ट्रायल कोर्ट को तय करना है लेकिन याची से हिरासत में पूछताछ जरूरी है ताकि हथियार बरामद किया जा सके। हाई कोर्ट के जस्टिस एचएस सेठी ने कहा कि अगर याची को जमानत दी गई तो वो मामले की जांच को प्रभावित कर सकता है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने जमानत की मांग खारिज कर दी।
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