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आवासीय क्षेत्रों में चल रहे उद्योगों पर सख्त होगा पुडा

पंजाब में हाल ही में आवासीय क्षेत्रों में चल रहे भारी उद्योग।

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 11:20 PM (IST)Updated: Fri, 01 Nov 2019 11:20 PM (IST)
आवासीय क्षेत्रों में चल रहे उद्योगों पर सख्त होगा पुडा
आवासीय क्षेत्रों में चल रहे उद्योगों पर सख्त होगा पुडा

रोहित कुमार, मोहाली : पंजाब में हाल ही में आवासीय क्षेत्रों में चल रहे उद्योगों में हुई आगजनि की घटनाओं से सबक लेते हुए पंजाब सरकार ने इन्हें रिहायशी क्षेत्रों से बाहर निकालने का फैसला कर लिया है। पंजाब अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (पुडा) ने अपने अधीन आने वाली अथॉरिटियों से राज्य स्तर पर एक सर्वे करवाने का निर्णय लिया है। वहीं उद्योग विभाग अब ऐसे उद्यमियों के विरूद्ध सख्त हो गया है, जिनके द्वारा नियमों की धज्जियां उड़ाकर आवासीय क्षेत्रों में उद्योग चलाए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार पंजाब के अमृतसर, बठिडा, जालंधर, मोहाली, पटियाला आदि शहरों में सबसे अधिक आवासीय क्षेत्रों में उद्योग चल रहे हैं। पिछले समय के दौरान बटाला तथा अमृतसर में पिछले कुछ समय के दौरान जानलेवा घटनाएं हो चुकी हैं। राज्य सरकार के पास इस समय ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं जिससे यह चिन्हित किया जा सके की आवासीय क्षेत्रों में कितने उद्योग चल रहे हैं। हालांकि करीब तीन साल पहले बटाला में हुए हादसे के बाद तत्कालीन अकाली-भाजपा सरकार ने ऐसी एक रिपोर्ट तैयार करवाई थी, लेकिन वह ठंडे बस्ते में चली गई। इस साल हो चुके बड़े हादसे

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करीब दो माह पहले बटाला, तरनतारन व अमृतसर व कुछ अन्य स्थानों पर एक के बाद एक रिहायशी क्षेत्रों में चल रहे उद्योगों में हुए धमाके और दुर्घटनाओं के बाद सरकार का ध्यान इस और खींचा है। बटाला की फ्ैक्ट्री में तो हुए धमाके में 16 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद ही यह बात भी सामने आने लगी कि राज्य के कई जिलों में तो आवासीय क्षेत्रों में न केवल घातक कैमीकल व ज्वलनशील पदार्थों के गोदाम बने हुए है, बल्कि कुछ स्थानों पर तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों को धता बता कर, हजारों लोगों की जान जोखिम में डालकर उद्योगों द्वारा उत्पादन भी किया जा रहा है। राज्य में हैं 1.94 लाख छोटे उद्योग

दिलचस्प बात यह है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास भी आवासीय क्षेत्रों में चलने वाले उद्योगों का कोई रिकॉर्ड नहीं है। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार राज्य में 1.94 लाख छोटे उद्योग है, जबकि 586 मध्यम और बड़े उद्योग है। इसके अलावा हजारों की संख्या में ऐसे भी उद्योग हैं, जिनका संचालन आवासीय क्षेत्रों में हो रहा है। पंजाब के उद्योग मंत्री सुंदर श्याम अरोड़ा ने इस संबंध में सरकार का स्टैंड स्पष्ट करते हुए कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है। राज्य में उपचुनाव के चलते इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी थी, लेकिन अब बहुत जल्द प्रदेश स्तर पर एक सर्वे करवाकर आवासीय क्षेत्रों में चल रहे उद्योगों के संबंध में रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जोखिम वाले उद्योगों से लोगों के जान माल की हानि न हो, इसके लिए खतरनाक उद्योगों को रिहायशी क्षेत्रों से बाहर करवाया जाएगा। उद्योग मंत्री के अनुसार नए छोटे-बड़े उद्योगों को आवासीय क्षेत्र में लगाने की अनुमति ही नहीं दी जा रही। उन्होंने बताया कि सरकार ने सभी जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिए है कि वें अपने-अपने क्षेत्र में समय-समय पर इसकी जांच करें। उन्होंने साफ कहा कि सरकार इस प्रयास में है कि आवासीय क्षेत्र में कोई उद्योग नहीं होना चाहिए।


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