Tricity में दांव पर लोगों की जान, प्रशासन की मेहरबानी से चल रहे अवैध पीजी Chadigarh News
लोगों की जान दांव पर लगाकर प्रशासन की मेहरबानी से शहर में अवैध पीजी चलाए जा रहे हैं। मोटी कमाई के चक्कर में पीजी संचालक और प्रशासनिक अधिकारी नियमों की अनदेखी कर रहे हैं।
चंडीगढ़, [विशाल पाठक]। शहर के अवैध पेइंग गेस्ट हाउस मौत का अड्डा बन गए हैं। लोगों की जान दांव पर लगाकर प्रशासन की मेहरबानी से शहर में अवैध पीजी चलाए जा रहे हैं। मोटी कमाई के चक्कर में पीजी संचालक और प्रशासनिक अधिकारी नियमों की अनदेखी करते हुए पेइंग गेस्ट को शह दे रहे हैं। जिसके कारण मकान नंबर-3325 में चल रहे अवैध पेइंग गेस्ट में आग लगने से तीन लड़कियों की जान चली गई।
शहर में 540 से ज्यादा अवैध ढंग से बिना रजिस्ट्रेशन के पेइंग गेस्ट चल रहे हैं। इनमें से 100 से ऊपर पेइंग गेस्ट बिल्डिंग पर मिसयूज और वॉयलेशन के नोटिस चल रहे हैं। अवैध पीजी की जानकारी होने के बावजूद पुलिस और प्रशासन इन पर कोई कार्रवाई करने को तैयार नहीं।
एक साल में सिर्फ एक पेइंग गेस्ट हाउस ने कराया रजिस्ट्रेशन
अाग बुझाने के बाद एक महिला काे बाहर ले अाती पुलिस।
एईओ मनीष कुमार लोहान ने बताया कि पिछले एक साल में सिर्फ एक पेइंग गेस्ट हाउस ने ही एस्टेट ऑफिस में रजिस्ट्रेशन कराया है। एस्टेट ऑफिस के पास कुल 27 पेइंग गेस्ट रजिस्टर्ड हैं जबकि शहर में 540 से अधिक अवैध ढंग से पेइंग गेस्ट हाउस चल रहे हैं। इनमें से किसी ने भी रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है।
सबसे ज्यादा साउथ सेक्टरों में है अवैध पेइंग गेस्ट हाउस
शहर में सबसे ज्यादा अवैध पेइंग गेस्ट हाउस साउथ सेक्टरों में हैं। शहर के साउथ सेक्टरों में 80 अवैध पेइंग गेस्ट हाउस चल रहे हैं। जबकि शहर के ईस्ट सेक्टरों में 28 और सेंट्रल सेक्टर में 17 अवैध पेइंग गेस्ट हाउस चल रहे हैं। सेक्टर-32डी के मकान नंबर-3325 में चल रहे जिस अवैध पीजी में शनिवार को आग लगी। वह भी साउथ सेक्टरों में आता है।
प्रशासन ने पेइंग गेस्ट हाउसेज के लिए यह बनाई थी पॉलिसी
कोठियों में बिना किचन के रहने वालों को पीजी (पेंइग गेस्ट) माना जाएगा। पीजी वह होंगे जोकि या तो कोठियों में कॉमन किचन का लाभ उठाते हों या फिर बाहर से खाना खाकर आते हों। पीजी को किरायेदार नहीं समझा जाएगा। पीजी के साथ कोई रेंट एग्रीमेंट नहीं होगा तथा उसे किसी भी वक्त घर से बाहर किया जा सकता है। प्रशासन ने शहर में पीजी की डेफिनिएशन कुछ तरह से तय की थी।
नोटिफिकेशन के तहत साढ़े सात मरला से बड़ी कोठियों में ही पीजी की सुविधा शुरू की जा सकती है। इससे कम एरिया के मकानों में पीजी सुविधा शुरू नहीं की जा सकती। पीजी की डेफिनिएशन तय होने के बाद शहर में अवैध रूप से चल रहे प्रशासन शिकंजा कसने जा रहा है।
शहर के इन सेक्टरों में चल रहे अवैध पीजी
शहर में सबसे अधिक पीजी सेक्टर-15, 16, 7, 8,9, 10, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 32,33, 34, 35, 36, 37, 40, 42, 44, 43, 55, 53 और 51 में चल रहे है। यही नहीं एक-एक कमरे में चार से पांच स्टूडेंट्स को रखकर उनसे मोटी कमाई की जाती है। पीजी चलाने वालों को बिजली तथा पानी का कमर्शियल बिल देना जरूरी है जोकि सामान्य बिल से अधिक है। ऐसे में पीजी की रजिस्ट्रेशन न करवाकर इससे भी बचा जा रहा था।
जानिए : ये हैं पीजी के लिए नियम
पीजी में हर स्टूडेंट के लिए कम से कम 50 वर्ग फुट जगह होना अनिवार्य है।
-पीजी नियमों के तहत यदि मकान मालिक द्वारा स्टूडेंट्स को रखा जाता है, उससे पहले मकान की वेरिफिकेशन जरूरी है।
- यदि पीजी में अधिक लोगों को रखा जाएगा तो इससे कहीं आस पड़ोस में पार्किग तथा ट्रैफिक की दिक्कत तो नहीं हो रही।
-पीजी में रहने वालों की पूरी जानकारी संबंधित थाने को भी देनी होगी। इसका पूरा रिकॉर्ड भी पीजी चलाने वाले को रखना होगा।
फासवेक ने किया था विरोध
फेडरेशन ऑफ सेक्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने शहर में अवैध रूप से चल रहे पीजी का विरोध किया था। फासवेक की मांग पर एस्टेट ऑफिस और पुलिस ने कुछ साल पहले अभियान चलाकर शहर में कई अवैध पीजी बंद भी करवाए थे। जांच में एस्टेट ऑफिस ने पाया था कि सेक्टर 35 में एक कनाल की एक कोठी में 40 स्टूडेंट्स रह रहे हैं। इस कोठी को बाद में सील भी कर दिया गया था।
रेंट एग्रीमेंट की आड़ में पीजी एस्टेट ऑफिस ने शहर के दो दर्जन से अधिक पीजी को 500 रुपये प्रति वर्ग फुट के हिसाब से जुर्माना किया था। पीजी चलाने वालों ने एस्टेट ऑफिस के समक्ष रेंट एग्रीमेंट पेश कर दिए थे। एस्टेट ऑफिस को बताया गया कि उन्होंने पीजी नहीं रखे हुए बल्कि किरायेदार रखे हुए हैं।