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हरियाणा के चुनावी दंगल में पीयू के छात्र नेताओं ने बड़े नेताओं की लगाई नैया पार Chandigarh News

कई बड़े नेताओं की जीत में पीयू के छात्र नेताओं ने जीत में अहम भूमिका निभाई है। पीयू के यह छात्र नेता बीते चुनाव की घोषणा से पहले ही विधानसभा क्षेत्र में डेरा डाले हुए हुए थे।

By Edited By: Published: Thu, 24 Oct 2019 09:43 PM (IST)Updated: Fri, 25 Oct 2019 12:06 PM (IST)
हरियाणा के चुनावी दंगल में पीयू के छात्र नेताओं ने बड़े नेताओं की लगाई नैया पार Chandigarh News
हरियाणा के चुनावी दंगल में पीयू के छात्र नेताओं ने बड़े नेताओं की लगाई नैया पार Chandigarh News

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा विधानसभा चुनावी दंगल में कई बड़े नेताओं की जीत में पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्र नेताओं ने जीत में अहम भूमिका निभाई है। पीयू के यह छात्र नेता बीते चुनाव की घोषणा से पहले ही अपने नेताओं के लिए चुनावी विधानसभा क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं। पीयू छात्र राजनीति का पंजाब और हरियाणा की राजनीति पर सीधे तौर पर असर दिखता है। पीयू छात्र काउंसिल में प्रधान रहे एनएसयूआइ के दिवांशु बुद्धिराजा से लेकर मनोज लुबाणा, जशन कंबोज, जेजेपी समर्थक छात्र नेता अनिल ढुल, जयदीप कुमार सहित कई युवा नेताओं ने वीरवार को घोषित चुनावी नतीजों में अपने नेताओं को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। पेश है दैनिक जागरण की विशेष रिपोर्ट।

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दिवांशू बुद्धिराजा (कांग्रेस) : पंजाब यूनिवर्सिटी छात्र काउंसिल के 2014-15 चुनाव में दिवांशु ने प्रेसिडेंट पद पर जीत हासिल की थी। बीते कई सालों से एनएसयूआइ के मेहनती नेता के तौर पर पहचान बुनाई है। एनएसयूआइ के उभरते युवा नेता दिवांशु हरियाणा स्टेट प्रेसिडेंट हैं। दिवांशु ने चुनाव में कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के चुनाव क्षेत्र में जुटे रहे और हुड्डा को जीत दिलाई। 18-25 आयु वर्ग के युवाओं के वोट बैंक को जुटाने की जिम्मेदारी दिवांशु के पास थी। दिवांशु को रोहतक से कांग्रेस के पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा का काफी करीबी माना जाता है। बीते कुछ सालों से दिवांशु राजनीति में काफी सक्रिय हैं।

हरमनजोत सिंह गिल (बीजेपी) : पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस में एबीवीपी छात्र संगठन को स्थापित करने वाले हरमनजोत सिंह गिल पिहोवा में बीजेपी उम्मीदवार और भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान संदीप सिंह की चुनाव टीम का हिस्सा रहे। काफी दिनों से वह संदीप सिंह के चुनाव क्षेत्र में अपनी युवा टीम के साथ जुटे रहे और उन्होंने संदीप की जीत में अहम भूमिका निभाई। हरमनजोत सिंह के पिता सरदार हरपाल सिंह भी बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं और पिहोवा से बीजेपी की टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। हरमनजोत ने कहा कि पार्टी द्वारा उन्हें जो जिम्मेदारी दी गई, उन्होंने उसे निभाने की पूरी कोशिश की और उसमें सफलता भी मिली।

अनिल ढुल (जेजेपी) : हरियाणा चुनाव में जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने 10 सीटें जीतकर शानदार प्रदर्शन किया है। इस जीत में पंजाब यूनिवर्सिटी में इनसो के छात्र नेता रहे अनिल ढुल का खास योगदान रहा। दुष्यंत चौटाला के काफी करीबी इस युवा नेता ने जेजेपी की पूरी चुनावी कमान को संभाल रखा था। युवाओं को एकजुट करने में इन्हें महारत है। दुष्यंत चौटाला के अलावा नैना चौटाला के चुनाव को यह ही हैंडल कर रहे थे। पीयू लॉ डिपार्टमेंट के स्टूडेंट रह चुके ढुल पीयू छात्र काउंसिल चुनाव में भी अहम भूमिका निभाते रहे हैं।

मनोज लुबाणा (कांग्रेस) : पीयू कैंपस में पहली बार 2013 में प्रेसिडेंट पद पर एनएसयूआइ की जीत के कर्णधार रहे मनोज लुबाना मंझे हुए युवा नेता हैं। हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी इन्होंने पार्टी के लिए काफी मेहनत की है। यूथ कांग्रेस हरियाणा के सेक्रेटरी मनोज लुबाणा ने कालका विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के कैंडिडेट प्रदीप चौधरी के लिए जमकर कैंपेनिंग की और उन्हें जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। कई उम्मीदवारों के लिए भी चुनाव प्रचार किया।

हरियाणा चुनाव में पीयू नेताओं का दिखा दमखम

हरियाणा विधानसभा चुनाव में पीयू कैंपस के कई अन्य छात्र नेताओं ने भी वोट बैंक बटोरने में अहम भूमिका निभाई। पीयू छात्र नेता डॉ. जयदीप कुमार जेजेपी की चुनाव की रणनीति का अहम हिस्सा रहे। जयदीप नैना चौटाला की कैंपे¨नग का हिस्सा रहे और उन्हें जीत भी दिलाई। पीयू सोई पार्टी के प्रधान रहे विक्की मिड्डूखेड़ा ने सिरसा में निर्दलीय कैंडिडेट रहे गोकुल सेतिया के लिए अपनी टीम के साथ प्रचार किया। 2017 में पीयू छात्र काउंसिल में एनएसयूआइ कैंडिडेट के तौर पर प्रेसिडेंट पद जीतने वाले जशन कंबोज ने भी रानियां में अपने उम्मीदवार के लिए खूब मेहनत की। यूथ कांग्रेस हरियाणा के इंचार्ज सन्नी मेहता ने भी कांग्रेस के लिए जमकर प्रचार किया। सन्नी 2013 में छात्र काउंसिल में सेक्रेटरी पद पर जीते थे। कैथल से कांग्रेस के उम्मीदवार रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला के पूरे चुनाव कार्यक्रम को पीयू छात्र काउंसिल में दो बार प्रेसिडेंट रहे भूपेंद्र सिंह भूप्पी संभाल रहे थे। चुनाव में रणदीप सूरजेवाला काफी कम वोटों से हारे लेकिन भूपेंद्र सिंह भूप्पी की रणदीप के चुनावी कैंपेन में अहम भूमिका रही है।

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