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पीयू ने एमएड कोर्स में शिक्षकों की नियुक्ति के बदले नियम, सीनेटर ने किया विरोध

पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एफिलिएटेड एजुकेशन कालेजों में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर नए नियमों को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। पीयू डिप्टी रजिस्ट्रार(कालेज) की ओर से इसी हफ्ते सभी एजुकेशन कालेजों को एक पत्र जारी किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 May 2022 07:36 PM (IST)Updated: Wed, 25 May 2022 07:36 PM (IST)
पीयू ने एमएड कोर्स में शिक्षकों की नियुक्ति के बदले नियम, सीनेटर ने किया विरोध
पीयू ने एमएड कोर्स में शिक्षकों की नियुक्ति के बदले नियम, सीनेटर ने किया विरोध

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एफिलिएटेड एजुकेशन कालेजों में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर नए नियमों को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। पीयू डिप्टी रजिस्ट्रार(कालेज) की ओर से इसी हफ्ते सभी एजुकेशन कालेजों को एक पत्र जारी किया गया है। जिसमें एमएड कोर्स के लिए शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। नए नियमों के तहत जिस भी कालेज में एमएड कोर्स में स्टूडेंट्स की संख्या 25 से कम होगी। ऐसे कालेजों में शिक्षकों की संख्या पांच हो सकती है। अगर स्टूडेंट्स की संख्या 25 से अधिक है तो कालेज प्रबंधन को 10 शिक्षकों की नियुक्ति करनी होगी।

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पीयू प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ दो सीनेटर प्रोफेसर रजत संधीर और प्रो.जितेंद्र ग्रोवर ने कुलपति को पत्र लिखा है। इसमें बीएड कालेजों में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर पीयू द्वारा मनमाने ढंग से नियम बनाए जाने का विरोध किया है। प्रो.जितेंद्र ग्रोवर ने कहा कि यह पूरी तरह से नेशनल काउंसिल फार टीचर्स एजुकेशन(एनसीटीई) नियमों की अनदेखी है। 20 मई को डिप्टी रजिस्ट्रार की ओर से इस संबंध में सभी कालेजों को पत्र जारी की गई है। सीनेटर ने आरोप लगाया है कि पीयू द्वारा अपने स्तर पर एनसीटई नियमों में किसी तरह का बदलाव नहीं किया जा सकता। मामले में तुरंत पीयू डिप्टी रजिस्ट्रार (कालेज) की ओर से जारी लेटर को रद्द किए जाने की मांग की है। प्रो.जितेंद्र ग्रोवर के अनुसार नियमों में बदलाव कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है, लेकिन ऐसा फैसला लेने से पीयू की प्रतिष्ठा के साथ खिलवाड़ होगा। यह है एमएड फैकल्टी के नियम

मास्टर आफ एजुकेशन(एमएड)टीचर एजुकेशन में दो वर्ष का प्रोफेशनल प्रोग्राम होगा। कोर्स करने वाले स्टूडेंट्स के लिए थ्योरी में 80 और प्रैक्टिकल में 90 फीसद अटेंडेंस अनिवार्य है। कोर्स के लिए 200 वर्किंग डे होने चाहिए। फैकस्टी स्टूडेंट रेशों प्रति 10 स्टूडेंट्स पर एक टीचर अनिवार्य है। एमएड कोर्स चलाने वाले संस्थान में जहां 50 स्टूडेंट्स का दाखिला हो वहां पर दो प्रोफेसर, दो एसोसिएट प्रोफेसर और छह असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति अनिवार्य है। एमएड कोर्स के लिए शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर पीयू की ओर से जारी निर्देश पूरी तरह एनसीटीई नियमों की अनदेखी है। यह कुछ संस्थान को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। पीयू कुलपति तुरंत फैसले को वापस लेने का निर्देश जारी करे।

- प्रो.जितेंद्र ग्रोवर, प्रोफेसर एजुकेशन विभाग और सीनेटर पंजाब यूनिवर्सिटी।


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