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पंजाब यूनिवर्सिटी में बसंत पंचमी महोत्सव, विदेशी मेहमानों को पहनाई पगड़ी

पंजाब यूनिवर्सिटी के सोशल वर्क विभाग की तरफ से स्टूडेंट सेंटर पर बसंत पंचमी महोत्सव का आयोजन किया गया।

By Edited By: Published: Tue, 12 Feb 2019 02:17 AM (IST)Updated: Tue, 12 Feb 2019 03:01 AM (IST)
पंजाब यूनिवर्सिटी में बसंत पंचमी महोत्सव, विदेशी मेहमानों को पहनाई पगड़ी
पंजाब यूनिवर्सिटी में बसंत पंचमी महोत्सव, विदेशी मेहमानों को पहनाई पगड़ी

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब यूनिवर्सिटी के सोशल वर्क विभाग की तरफ से स्टूडेंट सेंटर पर बसंत पंचमी महोत्सव का आयोजन किया गया। महोत्सव की थीम महिला सशक्तीकरण रखा गया, जिसमें महिलाओं की तरफ से विभिन्न प्रकार के स्टॉल लगाए गए। इन स्टॉल पर महिलाओं की तरफ से बनाए गए सामान को डिस्पले किया गया। इनकी स्टूडेंट्स ने जमकर खरीददारी की है। महोत्सव का आरंभ डीन शंकरजी झा ने किया। महिला सशक्तीकरण पर दिया जोर वहीं विभाग की चेयरपर्सन डॉ. मोनिका एम.सिंह ने कहा कि उनका उद्देश्य था कि महिलाओं को सेल्फ डिपेंड बनाना है, ताकि वह भविष्य में किसी पर निर्भर न रहे। इसलिए उन्होंने इस समारोह में महिलाओं को स्पेशन तौर पर बुलाया। इस दौरान इंडिया ह्यूमन सोसायटी इंटरनेशनल द्वारा लगाए गए स्टॉल पर छात्रों को बर्ड केस के बारे में जागरूक किया।इस समारोह में एक स्टाल ऐसा भी लगया गया था, जिसमें कोई सामान तो नहीं बिका, मगर उस स्टॉल पर हर स्टूडेंड रूका। इस स्टॉल पर सभी को पगड़ी बांधना सिखाया गया। इस दौरान विदेशों से आए लोगों ने भी पगड़ी बांधी।

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सरोद के तारों से निकली राग बसंत की धुन

सरोद के तारों पर सधी हुई अंगुलियां जैसे ही थिरकने लगीं, उससे निकली धुन दिल को छू गई। कुछ ही पलों में माहौल संगीतमय हो गया। मौका था प्राचीन कला केंद्र की तरफ से आयोजित मासिक बैठक का। बैठक का आयोजन प्राचीन कला केंद्र सेक्टर-35 में ही किया गया। केंद्र की यह 225वीं मासिक बैठक थी। इसमें मुख्य अतिथि के तौर पर सरोद वादक प्रभात कुमार ने शिरकत की। उन्होंने सरोद वादन की प्रभावी प्रस्तुति दी। कार्यक्रम की शुरुआत राग पूरीया कल्याण से की, जिसमें अलाप के बाद जोड़ एवं झाला सुनाया गया। संगीतमय शाम को आगे बढ़ाते हुए तीन ताल में दो गतें पेश कर दर्शकों की खूब तालियां बटोरी गई। कार्यक्रम के अगले भाग में उन्होंने राग बसंत में निबद्ध एक ताल में रचित प्रस्तुति दी। वहीं अंतिम भाग में राग जिला काफी में निबद्ध धुन पेश की तथा समापन रागमाला से किया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।

सरोद वादन सीखने के लिए निभाई गुरु-शिष्य की परंपरा

प्रभात कुमार ने बताया कि उन्होंने सरोद वादक गुरु पद्माभूषण शरणरानी से सरोद की शिक्षा प्राप्त की है। प्रभात ने अल्पायु से ही गुरु शिष्य परंपरा के तहत सेनिया महीयार घराने से सरोद की शिक्षा प्राप्त की । कड़ी मेहनत और लगन से संगीत के क्षेत्र में अपनी खास जगह बनाई है और देश ही नहीं विदेशों में भी अपनी कला का प्रदर्शन करके खूब प्रशंसा अर्जित की। प्रभात ऑल इंडिया रेडियो के ए ग्रेड आर्टिस्ट हैं। उन्होंने बहुत से सम्मान एवं अवार्ड भी प्राप्त किए हैं। कार्यक्रम के अंत में केंद्र की रजिस्ट्रार सोभा कौसर ने शॉल देकर सम्मानित किया।

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