Move to Jagran APP

पीयू गुजर रही वित्तीय घाटे से, चुनाव के लिए कहां से आएंगे पैसे

पंजाब यूनिवर्सिटी लॉकडाउन लगने के बाद से वित्तीय घाटे में चल रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 06:35 AM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 06:35 AM (IST)
पीयू गुजर रही वित्तीय घाटे से, चुनाव के लिए कहां से आएंगे पैसे
पीयू गुजर रही वित्तीय घाटे से, चुनाव के लिए कहां से आएंगे पैसे

जासं, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी लॉकडाउन लगने के बाद से वित्तीय घाटे में चल रही है। आर्थिक मदद के लिए पीयू अधिकारियों ने यूजीसी से लेकर पंजाब सरकार तक गुहार लगाई थी। जहां एक ओर पीयू के पास अपने शिक्षकों को सैलरी देने के लिए राशि नहीं है, वहीं, कैंपस में सीनेट चुनाव आयोजित करने की मांग उठाई जा रही है। चुनाव आयोजित करने के लिए लाखों रुपये का खर्चा आता है, ऐसे में अगर चुनाव आयोजित होते हैं तो पीयू के सामने राशि की किल्लत जरूर खड़ी होगी। सीनेट चुनाव मुद्दे ने इस समय पीयू में बहुत तूल पकड़ लिया है। चुनाव के लिए राशि का प्रबंध करना सबके लिए चुनौती होगा। वहीं, पीयू के अधिकारी भी बजट का रोना रो चुके है। वाइस चांसलर प्रो. राजकुमार तो यहां तक कह चुके है कि उनके पास बजट नहीं है और चुनाव के लिए वो पैसा खर्च नहीं करेंगे। उनको जो हाल ही में फंड मिला है, उसे वो, मेंटेनेंस, रिसर्च स्कॉलर के लिए सुविधा के अलावा शिक्षकों के वेतन में खर्च करेंगे। जिसके बाद सीनेट चुनाव आयोजित करने के लिए मांग कर रहे गोयल ग्रुप खेमे में हलचल ज्यादा है। फंड की कमी की वजह से रुके कई काम

loksabha election banner

कैंपस में फंड की कमी होने से कई काम रुके हुए हैं। इनमें हॉस्टल से लेकर घरों और विभागों की इमारतों की मेंटेनेंस, ग्राउंड की मेंटेनेंस, स्पो‌र्ट्स के कई प्रोजेक्ट, स्पो‌र्ट्स उपकरण से लेकर कई कार्य हैं। इसका सुबूत इसी बात से मिलता है कि पीयू के कंस्ट्रक्शन ऑफिस में फंड की कमी से दर्जनों भर फाइलें लंबित पड़ी हैं। बाहर से भी चुनावों में लगती है लोगों की ड्यूटी

जहां एक ओर चुनाव आयोजन पर लाखों रुपये खर्च होते हैं, वहीं, चुनाव में ड्यूटी करने वालों पर भी इतनी राशि का खर्चा आता है। सीनेट चुनाव में कैंपस के नॉन टीचिग स्टाफ के अलावा दूसरे राज्यों से भी लोग ड्यूटी करने आते है। सीनेट चुनाव के लिए जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पुडुचेरी के अलावा हिमाचल, पंजाब और हरियाणा से भी लोग आते हैं। इन लोगों की संख्या अगर हजार भी होती है तो भी इन पर कई लाख रुपये का खर्चा आएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.