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पीयू को लॉकडाउन में भी मिला फंड लेकिन खर्च के नाम पर अधिकारियों ने हाथ किए खड़े

पंजाब यूनिवर्सिटी को यूजीसी से 247 करोड़ रुपये और पंजाब सरकार से 43 करोड़ रुपये की ग्रांट मिलती है।

By Vipin KumarEdited By: Published: Sun, 05 Jul 2020 01:54 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2020 01:54 PM (IST)
पीयू को लॉकडाउन में भी मिला फंड लेकिन खर्च के नाम पर अधिकारियों ने हाथ किए खड़े
पीयू को लॉकडाउन में भी मिला फंड लेकिन खर्च के नाम पर अधिकारियों ने हाथ किए खड़े

चंडीगढ़, वैभव शर्मा। कोरोना के कारण जहां एक ओर देश और दुनिया की आर्थिक दशा खराब हो गई हैं। वहीं, दूसरी ओर पंजाब यूनिवर्सिटी को लॉकडाउन में भी फंड प्राप्त हुए है। उसके बावजूद पीयू अधिकारी पैसे न होने का रोना रो रहे है। इस बात का खुलासा पीयू अधिकारी खुद कर रहे है। लॉकडाउन के बाद से पीयू को विभिन्न जगहों से मिलने वाले फंड्स में से कुछेक प्राप्त हुए है। पैसा न होने की वजह से पीयू के कई कार्य भी अधर में लटक चुके है, जिनका इस वर्ष पूरा होना लगभग न के बराबर है।

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लॉकडाउन से पहले पीयू को यूजीसी अौर रूसा से करोड़ों रुपये की ग्रांट आई थी। यह ग्रांट किस कार्य में खर्च हुई, इसका जवाब न तो पीयू कुलपति प्रो. राजकुमार के पास और न ही फाइनेंस एंड डेवलपमेंट ऑफिसर विक्रम नैयर के पास।

छह फीसद हुआ है फंड में इजाफा

पीयू को यूजीसी और पंजाब सरकार से मिलने वाले फंड में छह फीसद का इजाफा हुआ है। पिछले तीन-चार वर्षों से इसी पॉलिसी के तहत पीयू को फंड प्राप्त हो रहा है। इस वर्ष भी अप्रैल माह में पीयू को फंड का पहला क्वाटर मिल चुका है। उसके बावजूद पीयू के पास राशि नहीं है कि वह अपने कर्मचारियों को सैलरी दे सके।

यूजीसी से 247 व पंजाब सरकार से 43 करोड़ की मिल रही ग्रांट

पीयू को यूजीसी से ग्रांट के रूप में 247 करोड़ रुपये हर वर्ष प्राप्त होते है। उसके अलावा पंजाब सरकार से भी 43 करोड़ रुपये की फंडिंग पीयू को की जाती है। पंजाब सरकार द्वारा पहले यह राशि कम दी जाती थी लेकिन पिछले कुछ वर्षों से पीयू को 43 करोड़ रुपये दिए जा रहे है।

स्टूडेंट्स वेलफेयर फंड का भी नहीं हिसाब

स्टूडेंट्स की वेलपेयर द्वारा दाखिले के समय स्टूडेंट्स से ही मोटी रकम वसूली जाती है। उसके बावजूद पिछले दो वर्षों में स्टूडेंट्स की वेलफेयर पीयू में कोई बड़ा काम नहीं हुआ है। पीयू अधिकारी अपनी नाकामी को छिपाने के लिए बहाने बना रहे है। वहीं, पीयू कुलपति हर बार फंड न होने का रोना रोते है।

ये काम पड़े है लंबित

मल्टीऑडिटोरियम, गर्ल्स हॉस्टल नंबर 11, हॉस्टल्स की मैनटेनेंस, हॉस्टल्स में वॉशिंग मशीन, सीसीटीवी कैमरे लगना, कर्मचारियों की सैलरी, पीयू में सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक के अलावा कई छोटे-बड़े कार्य है जोकि काफी समय से लंबित पड़े है।

बजट का पहला क्वाटर अप्रैल माह में ही प्राप्त हुआ है। अभी यह बजट कमेटी के पास जाएगा, उसके बाद ही कुछ फाइनल हो सकता है।

विक्रम नैयर, फाइनेंस एंड डेवलपमेंट ऑफिसर, पंजाब यूनिवर्सिटी


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