पूर्व इलेक्शन कमिश्नर अरोड़ा की इच्छा पूरी करने में पीयू प्रशासन फेल Chandigarh News
इस तरह पीयू प्रशासन पूर्व चीफ इलेक्शन कमिश्नर डॉ. सुनील अरोड़ा की इस इच्छा को पूरा नहीं कर पाया है।
चंडीगढ़, [वैभव शर्मा]। पंजाब यूनिवर्सिटी में वीरवार से दो दिवसीय ग्लोबल एलुमनी मीट का आयोजन हो रहा है। इसके लिए पीयू में पिछले कई दिनों से तैयारियां चल रही हैं।खास बात यह है कि एलुमनी मीट में बतौर मुख्य अतिथि पूर्व चीफ इलेक्शन कमिश्नर डॉ. सुनील अरोड़ा शामिल होंगे।
उन्होंने इस आयोजन से पहले इच्छा जताई थी वह विद्यार्थी जीवन के दौरान पीयू के जिस हॉस्टल के कमरे में अपने भाई के साथ रहते थे, उसे दोबारा देखना चाहते हैं। उसके बाद से कमरे की तलाश को लेकर पीयू प्रशासन ने दिन रात एक कर दिया,लेकिन उस कमरे को नहीं खोजा जा सका। इस तरह पीयू प्रशासन पूर्व चीफ इलेक्शन कमिश्नर डॉ. सुनील अरोड़ा की इस इच्छा को पूरा नहीं कर पाया है।
करीब 63 वर्षीय डॉ. अरोड़ा एक सितंबर 2017 से दो दिसंबर 2018 तक चीफ इलेक्शन कमिश्नर रहे। वे यहां आने के दौरान पीयू के हॉस्टल नंबर 1 में अपने विद्यार्थी जीवन में उनके नाम से अलाट कमरे में दोबारा कुछ पल बिताना चाहते थे। चीफ गेस्ट की इच्छा सुनने के बाद वाइस चांसलर प्रो.राजकुमार ने हॉस्टल के कमरे को दुरुस्त कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन 1975 में इस हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स का रिकॉर्ड अब तक नहीं मिल पाया है। यूनिवर्सिटी में पहली बार ऐसी एलुमनी मीट हो रही है, जिसमें सात देशों से पीयू के पूर्व छात्र यहां पहुंच रहे हैं। विदेशों से आने वाले बहुत से पुराने स्टूडेंट्स अपने अपने हॉस्टल जाना चाहेंगे। एलुमनी हाउस के पास अपने भी कमरे हैं, लेकिन बाकी भवन और रेस्ट हाउसेस को भी एलुमनी मीट के लिए ही बुक किया गया है।
29 नवंबर को यूआइएफटी में होगा प्रोग्राम
काउंसिल जनरल ऑफ कनाडा इन चंडीगढ़ मिया येन इसमें विशेष अतिथि होंगी। इस बीच कल्चरल प्रोग्राम भी होंगे। 29 नवंबर को यूआइएफटी में पंजाब के डिप्टी स्पीकर बीर दविंदर और सांसद त्रिलोचन सिंह श्री गुरु नानक देव पर अपना लेक्चर देंगे। कार्यक्रम के बीच गांधी भवन से लेकर स्टूडेंट्स सेंटर तक एलुमनी कॉरिडोर बनाया जाएगा, जिसमें सेल्फी प्वाइंट्स भी रहेंगे। महात्मा गांधी पर कार्टून और स्टांप भी रिलीज की जाएगी। प्रो.राजकुमार ने बताया कि करीब दो सौ एलुमनी अपने परिवार सहित यहां पहुंचने वाले हैं, जिनके लिए रहने का इंतजाम भी पीयू में ही होगा।
छात्र जीवन के दौरान डॉ. सुनील अरोड़ा पीयू के हॉस्टल में अपने भाई के साथ रहते थे। वह केवल तीन या चार माह तक यहां रहे। हमारे पास केवल उन्हीं छात्रों का रिकार्ड होता है, जिन्होंने रजिस्ट्रेशन करवाया होता है। फिर भी हमारी कोशिश जारी है। कार्यक्रम की शुरूआत होने से पूर्व तक हमारी तलाश पूरी हो सकती है। - प्रो. इमैनुअल नाहर, डीएसडब्ल्यू (मैन), पीयू