नोटबंदी आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला : पवन बंसल
काग्रेस ने नोटबंदी के दो साल पूरे होने पर केंद्र सरकार के खिलाफ शुक्रवार को सेक्टर-46 में धरना दिया।
जासं, चंडीगढ़ :
काग्रेस ने नोटबंदी के दो साल पूरे होने पर केंद्र सरकार के खिलाफ शुक्रवार को सेक्टर-46 में धरना दिया। इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा के नेतृत्व में हुए धरने में कांग्रेस ने नोटबंदी के फैसले को अर्थव्यवस्था तबाह करने वाला फैसला बताया।
पवन बंसल ने केंद्र की बीजपी सरकार पर तंज कसते हुए सवाल किया कि क्या नोटबंदी के बाद से आतंकवाद, नक्सलवाद, काला धन व जाली नोट बंद हुए। 15.44 लाख करोड़ में से 3 लाख करोड़ जमा ना हो कर जब्त हो जाने का दवा करने वाली मोदी सरकार ये बताए कि 99.9 प्रतिशत रुपये बैंकों में जमा हो चुके हैं। बाकी का रुपये रॉयल बैंक ऑफ नेपाल व भूटान तथा अदालतों में प्रॉपर्टी के तौर पर जमा है तो फिर काला धन कहां है? पवन बंसल ने आगे सवाल करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने कहा था कि नोटबंदी से बहुत अधिक मात्रा में जाली नोट पकड़े जाएंगे। 15.44 लाख करोड़ के पुराने नोटों में से मात्र 58.30 करोड़ जाली नोट ही पाये गए तो बाकी जाली नोट कहा है? बंसल ने कहा कि 2019 में जनता भाजपा को इस नोटबंदी का जवाब देगी।
अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि नोटबंदी से आतंकवाद व नक्सलवाद पर कड़ा प्रहार कर मोदी सरकार के दावे इस तरह हवा हवाई हो रहे है कि नोटबंदी के बाद से अकेले जम्मू कश्मीर में 86 बड़े हमले हुए है। जिसमें 127 जवान शहीद हुए व 99 नागरिक मारे गए और रही बात नक्सलवाद की नोटबंदी के बाद से 1030 नक्सलवादी हमले हो चुके है। छाबड़ा ने दावा किया कि इनमें 114 जवान शहीद हो चुके हैं। बल्कि पिछले हफ्ते ही 4 जवान व 1 पत्रकार की शहादत सबको याद ही होगी। नोटबंदी से 15 लाख नौकरियां, देश की अर्थव्यवस्था को 3 लाख करोड़ का नुकसान पहुंचाने वाली मोदी सरकार ये बताए कि क्या नोटबंदी काले धन को सफेद करने वाला एक घोटाला था? वरिष्ठ नेता जतिंदर भाटिया व ब्लॉक अध्यक्ष सुशील सोवत द्वारा आयोजित कार्यक्त्रम में चौकीदार चोर है, नोटबंदी एक घोटाला है, दीवाली नहीं दीवाला है आदि नारों से काग्रेस के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। मौजूद अन्य नेताओं में सुभाष चावला, दविंदर सिंह बबला, भूपिंदर बढेरी, गुरप्रीत सिंह हैप्पी, हरफूल कल्याण, हरमोहिंदर सिंह लक्की, संदीप भारद्वाज, बलविंदर सिंह, सादिक मोहम्मद, अनिता शर्मा, जलील अहमद कुरैशी, हरमेल केसरी, दीपा दुबे, विनोद शर्मा, रामेश्वर गिरी, यादविंदर मेहता, मंजीत चौहान, राज नागपाल, बिरिंदेर रॉय, भजन कौर, हरजिंदर बावा सहित अन्य काग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए।