किसानों का असल दर्द बयान करेंगे..
निर्माता अक्षय शर्मा ने कुछ इन्हीं शब्दों में अपनी डॉक्यू ड्रामा फिल्म खुदकुशियां दी फसल पर बात की।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाबी गीतों में पंजाब का किसान खुश दिखाया जाता है, मगर सच्चाई में वो कर्जे तले दबा है। किसानों के भी कई वर्ग हैं, एक जिनकी अपनी जमीन है और दूसरे जो उधार के खेतों में बुआई करते हैं। पंजाब में दोनों ही तरह के किसान परेशान हैं। जमीनी तौर पर वह कर्जे में डूबे हुए हैं और सही फसल न होने पर, उनके पास आत्महत्या का ही एक रास्ता बचता है। हम उनकी इस सोच को बदलना चाहते हैं। एक सकारात्मक रवैया और सरकार को उनके इस दर्द से परिचित करवाना चाहते हैं। निर्माता अक्षय शर्मा ने कुछ इन्हीं शब्दों में अपनी डॉक्यू ड्रामा फिल्म खुदकुशियां दी फसल पर बात की। वीरवार को प्रेस क्लब-27 में वह अपनी टीम के साथ अपनी इस डॉक्यू ड्रामा पर बात करने पहुंचे। नशा, खेतों में रसायनिक खाद आदी मुद्दे हैं फिल्म में..
फिल्म का निर्देशन भगवंत सिंह कंग और कहानी जसपाल मान खेड़ा ने लिखी है। अक्षय ने कहा कि फिल्म में दिखाया गया है कि, नशे की आदत, महंगी मशीनों और रासायनिक खाद और कीटनाशक दवाइयों का बेरोक प्रयोग किसान के लिए खुदकशी की फसल पैदा करता है। कहानी एक अपाहिज नौजवान, और दो ऐसे परिवारों की है जो अपने गांव के अमीर लोगों और सरकारी तंत्र के हाथों प्रताड़ित हैं। ये परिवार अपने जीवन में आई कर्ज-रुपी आपदा से संघर्ष करते हैं और एकजुट होकर पंजाब के किसानों को कर्जामुक्त करने का बीड़ा उठाते हैं। फिल्म आत्म हत्या की समस्या और पंजाब के किसानों से जुडी मुश्किलों के स्थायी हल की दिशा में पहल करती है। फिल्म को यूट्यूब और पंजाबी चैनलों के जरिए गांव-गांव तक दिखाया जाएगा। ताकि किसान आत्महत्या की जगह एक सकारात्मक कदम उठा सके।