Investors Conference में बोले कैप्टन, पंजाब जरूरत के अनुसार Industrial policy बदलने को तैयार
कैप्टन ने कहा मैं पंजाब में इंडस्ट्री की मजबूत जमीन तैयार करना चाहता हूं ताकि आपके बच्चों को रोजगार के लिए भटकना न पड़े। इसके लिए मैं सब कुछ करने को तैयार हूं।
चंडीगढ़ [कैलाश नाथ]। पंजाब सरकार उद्योगों की जरूरत के अनुसार औद्योगिक नीति (Industrial policy) बदलने को तैयार है। यह घोषणा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मोहाली में प्रगतिशील पंजाब निवेशक सम्मेलन (Progressive Punjab Investors Conference) में की। निवेशकों से बात करते समय कैप्टन भावुक हो गए। उन्होंने कहा, ''मैं आपके सामने तैयार किया हुआ भाषण क्यों पढ़ूं? मैं दिल से आपसे बात करना चाहता हूं।'' ऐसा कहते हुए कैप्टन ने डायस से अपने भाषण वाले कागज को हटा दिया।
कैप्टन के इस व्यवहार से हॉल में तालियां गूंज उठीं। उन्होंने कहा, ''मैं पंजाब में इंडस्ट्री की मजबूत जमीन तैयार करना चाहता हूं, ताकि आपके बच्चों को रोजगार के लिए भटकना न पड़े। इसके लिए मैं सब कुछ करने को तैयार हूं।'' कैप्टन ने डेलीगेट्स को न्योता देते हुए कहा, ''आप मुझे अपनी जरूरतें बताएं। मैं उसके अनुसार औद्योगिक नीति को बदल दूंगा। हम 50 साल पुरानी नीतियों के साथ नहीं चल सकते।'' कैप्टन ने कहा, ''मैं आशा करता हूं कि आप यहां से इस बात से सहमत होकर जाएंगे कि हम आपकी भलाई के लिए वचनबद्ध हैं। हम आपको सुरक्षा देंगे और आपके लिए हर हाल में शांत माहौल देंगे।''
1100 करोड़ रुपये का कर्ज दिया एमएसएमई को
कैप्टन ने कहा सरकार ने मध्यम छोटे व लघु उद्यमियों (एमएसएमई) को वित्तीय सहायता देने के लिए एचडीएफसी बैंक के साथ एमओयू साइन किया है। इसके तहत 1100 करोड़ रुपये के कर्ज बांटे गए हैं।
क्या-क्या कदम उठाए
- पंजाब राइट टू बिजनेस ऑर्डिनेंस और स्टेट ग्राउंड वाटर अथॉरिटी की स्थापना को सहमति दी।
- श्रम सुधार में इंडस्ट्रियल डिसप्यूट एक्ट 1947, फैक्ट्रीज एक्ट 1948, कॉन्ट्रैक्ट लेबर रेगुलेशन एक्ट 1970 में संशोधन किए।
- पंजाब विलेज कॉमन लैंड (रेगुलेशन) रूल्स 1964 में संशोधन को मंज़ूरी दी।
- एसटीपीआइ, आइएसबी मोहाली व पंजाब तकनीकी यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर एसटीपीआइ मोहाली में स्टार्टअप पंजाब हब स्थापित किया।
विवाद भी छेड़ गए... मोहाली को पंजाब की राजधानी मानता हूं
कैप्टन ने सम्मेलन में नए विवाद को जन्म दे दिया। उन्होंने कहा कि कोई माने या न माने, लेकिन मैं मोहाली को पंजाब की राजधानी मानता हूं। कैप्टन ने भले ही निवेशकों का विश्वास जीतने के लिए ऐसा कहा हो, लेकिन भविष्य में इस पर राजनीति होनी तय है। राज्य में कांग्रेस सरकार बनने के बाद से ही विधानसभा में होने वाले राज्यपाल के अभिभाषण से चंडीगढ़ पर पंजाब का अधिकार होने व राजधानी की मांग गायब है।
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