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पीयू चंडीगढ़ में कुलपति के खिलाफ 60 दिनों से कड़ाके की ठंड में सड़कों पर प्रोफेसर, नहीं हो रही सुनवाई

इन दिनों हाड कंपा देने वाली ठंड के बीच पंजाब यूनिवर्सिटी में प्रोफेसरों का धरना लगातार जारी है। पीयू प्रशासन और पीयू वीसी के खिलाफ प्रोफेसर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। 60 दिन बीत जाने के बाद भी प्रोफेसरों की सुनवाई नहीं हो रही है।

By Ankesh KumarEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 03:20 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 03:20 PM (IST)
पीयू चंडीगढ़ में कुलपति के खिलाफ 60 दिनों से कड़ाके की ठंड में सड़कों पर प्रोफेसर, नहीं हो रही सुनवाई
पंजाब यूनिवर्सिटी स्थित स्टूडेंट सेंटर की फाइल फोटो।

चडीगढ़, [डा. सुमित सिंह श्योराण]। कड़ाके की ठंड में बीते 60 दिनों से पंजाब यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पीयू प्रशासन और कुलपति के खिलाफ कैंपस में नारेबाजी कर रहे हैं। लेकिन पीयू प्रशासन इन प्रोफेसर की कोई सुनवाई नहीं हो रही। पंजाब यूनिवर्सिटी के इतिहास में पहली बार इतने दिनों तक प्रोफेसर ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल विरोध प्रर्दशन किया है।

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सोमवार को पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (पुटा) की ओर से कुलपति के खिलाफ धरने का 60वां दिन शुरू हो चुका है। कैस प्रमोशन को लेकर पुटा और कुलपति के बीच लगातार खींचतान चल रही है। मामला सिर्फ पंजाब यूनवर्सिटी कैंपस तक सीमित नहीं रहा है। पुटा ने दो बार प्रमोशन मामले में पीयू के चांसलर और देश के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू तक को शिकायत दर्ज कराई है। चांसलर दफ्तर से भी इस मामले में पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन का कड़ी फटकार लग चुकी है।

चांसलर के दखल के बाद आखिर कुछ दिन पहले ही पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन ने  प्रमोशन को लेकर शेड्यूल जारी करना पड़ा। लेकिन पीयू ने सिर्फ 19 शिक्षकों की कैस प्रमोशन को लेकर लिस्ट जारी की है। उधर पुटा की मांग है कि जब तक सभी करीब 90 शिक्षकों की प्रमोशन का शेड्यूल जारी नहीं किया जाता, तब तक कैंपस में शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।

पुटा प्रेसिडेंट मृत्युंजय कुमार का कहना है कि पीयू प्रशासन द्वारा शिक्षकों की कैस प्रमोशन रोक कर उनके साथ अन्याय किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक सभी प्रोफेसर की प्रमोशन को लेकर लिस्ट जारी नहीं होती पुटा इस विरोध प्रदर्शन को बंद नहीं करेगा। पुटा को पूर्व प्रेसिडेंट प्रो.राजेश गिल, प्रो.मनजीत सिंह सहित अन्य रिटायर शिक्षकों का भी समर्थन मिल रहा है।

पीयू के साथ ही पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाल, गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर सहित कई दूसरी यूनिवर्सिटी से भी प्रोफेसर कैस प्रमोशन को लेकर पीयू शिक्षकों के साथ धरने पर बैठकर उनका समर्थन दे चुके हैं। पुटा ने अब इस मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री और यूटी प्रशासक और पंजाब के राज्यपाल को भी चिट्ठी लिखने का फैसला लिया है। साथ ही मामले में पुटा ने यूजीसी चेयरमैन को भी पंजाब यूनिवर्सिटी में चल रही धक्केशाही को लेकर चिट्ठी लिखने की तैयारी कर ली है।

पूूर्व एसएमओ को मकान अलाट करने पर भी विरोध

पंजाब यूनिवर्सिटी के हेल्थ सेंटर के पूर्व चीफ मेडिकल आफिसर डा. देंवेंद्र धवन को नियमों की अनदेखी कर रिटायरमेंट के बाद भी सरकारी मकान अलाट किये जाने का पुटा द्वारा विरोध किया जा रहा है। पुटा प्रेसिडेंट डा.मृत्युंजय ने कहा कि कुलपति द्वारा नियमों की अनदेखी कर डा. देवेंद्र धवन को मकान अलाट किया गया है, जबकि पंजाब यूनिवर्सिटी के कई प्रोफेसर को नौकरी में रहते हुए भी मकान  नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में कुलपति से मुलाकात कर उन्हें बताया जा चुका है। कुलपति ने भी मकान की अलाटमेंट रद्द करने का काफी दिन पहले आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

नए डीयूआइ नियुक्ति को लेकर भी पुटा के तेवर तीखे

पंजाब यूनिवर्सिटी में कुलपति के बाद डीन यूनिवर्सिटी इंस्ट्रक्शन(डीयूआइ) का पद सबसे अहम होता है। जनवरी अंत में मौजूदा डीयूआइ का कार्यकाल खत्म होने जा रही है। इस पद पर सबसे वरिष्ठ प्रोफेसर की नियुक्ति होती है। लेकिन पंजाब यूनिवर्सिटी में इस बार इस नियम को तोड़ किसी दूसरे प्रोफेसर को डीयूआइ बनाने की चर्चा जोरों पर है। एेसे में पुटा ने कुलपति को पत्र लिखकर नियमों के तहत ही सबसे वरिष्ठ प्रोफेसर को डीयूआइ बनाने की मांग की है। एेसे नहीं करने पर मामले में पुटा कानूनी कार्रवाई करने की भी तैयारी कर रहा है।


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