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पूर्व डीएसडब्ल्यू काे हटाए जाने के फैसले काे हाईकोर्ट में चुनाैती, पीयू के वीसी काे नाेटिस जारी Chandigarh News

पंजाब यूनिवर्सिटी में 22 अगस्त को हुई सीनेट बैठक में वाइस चांसलर प्रो. राजकुमार द्वारा पूर्व डीएसडब्ल्यू प्रोफेसर इमैनुअल नाहर को हटाए जाने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है

By Vipin KumarEdited By: Published: Fri, 30 Aug 2019 11:10 AM (IST)Updated: Fri, 30 Aug 2019 11:10 AM (IST)
पूर्व डीएसडब्ल्यू काे हटाए जाने के फैसले काे हाईकोर्ट में चुनाैती, पीयू के वीसी काे नाेटिस जारी Chandigarh News
पूर्व डीएसडब्ल्यू काे हटाए जाने के फैसले काे हाईकोर्ट में चुनाैती, पीयू के वीसी काे नाेटिस जारी Chandigarh News

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब यूनिवर्सिटी में 22 अगस्त को हुई सीनेट बैठक में वाइस चांसलर प्रो. राजकुमार द्वारा पूर्व डीएसडब्ल्यू प्रोफेसर इमैनुअल नाहर को हटाए जाने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। प्रो. इमैनुअल नाहर व अन्य कई सीनेटरों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर 22 अगस्त को पंजाब यूनिवर्सिटी में हुई सीनेट बैठक का पूरी कार्रवाई का रिकॉर्ड समन करने की मांग की है।

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याचिका में सीनेट के उस प्रस्ताव को भी लागू करने की मांग की गई है जिसमें डीएसडब्ल्यू प्रोफेसर नाहर को एक साल का सेवा विस्तार देने की सिफारिश की गई थी। याचिका में पंजाब यूनिवर्सिटी के उस आदेश को भी रद करने की मांग की गई है जिसके तहत प्रो. जगत भूषण को डीएसडब्ल्यू (डीन ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर) नियुक्त करने के आदेश जारी किए गए हैं। याचिका में आरोप लगाया गया है कि वाइस चांसलर ने नियमों के खिलाफ डीएसडब्ल्यू प्रोफेसर नाहर को हटा दिया है और डॉ. जगत भूषण को इस पद पर नियुक्त कर दिया है जोकि पूरी तरह से गलत है।

48 पक्ष में थे, 26 विरोध में

प्रोफेसर नाहर के मुताबिक सीनेट मीटिंग में 48 सीनेटर्स ने उनको ही डीएसडब्ल्यू बनाए रखने को लेकर वोट देने पर सहमति जताई थी और इसकी लिखित जानकारी भी वाइस चांसलर को मुहैया कराई थी। वहीं, मात्र 26 सीनेटर विरोध में थे। बावजूद इसके उन्हें हटा भूषण को डीएसडब्ल्यू बना दिया। हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए पंजाब यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. राजकुमार, रजिस्ट्रार प्रो. करमजीत सिंह व नवनियुक्त डीएसडब्ल्यू जगत भूषण को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

जमकर हो रही है राजनीति

बता दें कि पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव से पहले इस मुद्दे को लेकर जमकर राजनीति भी हो रही है। सीनेटरों और स्टूडेंट्स का आरोप है कि वाइस चांसलर संघ समर्थित पार्टी एबीवीपी को स्टूडेंट काउंसिल में लाने के उद्देश्य से इस प्रकार के निर्णय दे रहे हैं।

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