किसी का पेट भरना सबसे बड़ा धर्म, समस्या समाधान टीम ने 68 दिनों तक बिना रुके हजारों लोगों तक पहुंचाया खाना
मनोज स्वयंसेवी संस्था पहले से चला रहे थे लेकिन लोगों का पेट भरने में सबसे बड़ी समस्या पैसे की और स्थान की आई।
चंडीगढ़, जेएनएन। किसी का पेट भरना इंसानियत का सबसे बड़ा कर्म और धर्म है। इसी को पूरा करके दिखाया है इंद्रा कलोनी की स्वयंसेवी संस्था समस्या समाधान टीम के फाउंडर मनोज शुक्ला ने। कोरोना वायरस महामारी के कारण जब से लाॅकडाउन और कर्फ्यू शुरू हुआ, लोगों के सामाने सबसे बड़ी समस्या खाने की थी। उसी जरूरत को पूरा किया है शहर के इंद्रा कलोनी में रहने वाले मनोज शुक्ला ने। मनोज स्वयंसेवी संस्था पहले से चला रहे थे, लेकिन लोगों का पेट भरने में सबसे बड़ी समस्या पैसे की और स्थान की आई। इसके लिए गवर्नमेंट मॉडल हाई स्कूल इंद्रा कलोनी और वहां पर कार्यरत टीचर महोम्म्द इंतजार ने मदद के हाथ बढ़ाए।
24 मार्च से शुरू हुए वायरस के बाद लगातार 68 दिनों तक दो हजार लोगों को खाना मुहैया कराया गया और उसमें पुलिस प्रशासन की तरफ से भी बेहतरीन सहयोग दिया। स्थानीय एसएचओ लखवीर सिंह ने नियम व्यवस्था को बनाए रखते हुए जेब से पैसे देकर भी जरूरतमंदों को खाना मुहैया कराया और किसी को कभी भूखा नहीं सोने दिया गया।
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वक्त और रक्त समय की जरूरत- रसिक महाराज
कोरोना वायरस महामारी ने सभी को परेशान किया हुआ है लेकिन हम अपना रक्त और वक्त देकर बहुत से लोगों की मदद कर सकते है। यह कहना है रसिक महाराज का। भाजपा उत्तराखंड प्रकोष्ठ की तरफ से पीजीआई में चल रही रक्त की कमी को पूरा करने के लिए गढ़वाल भवन सेक्टर-29 में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। जहां पर सैकड़ो लोग प्रशासन के नियमों का पालन करके रक्तदान किया। उत्तराखंड भाजपा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष भूपेन्द्र शर्मा ने बताया कि इस समय रक्तदान करने की सबसे ज्यादा जरूरत है क्योंकि कोरोना वायरस महामारी के चलते कोई भी रूटीन रक्तदान शिविर नहीं चल रहा है। पीजीआई एक ऐसा मेडीकल संस्थान है जहां पर चंडीगढ़ के अलावा पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू से भी लगातार मरीज आ रहे है। उन्हीं की जान बचाने का एक प्रयास प्रकोष्ठ की तरफ से किया गया है।