प्राइवेट स्कूलों ने खेला कोर्ट में केस होने का दांव, शिक्षा विभाग के अधिकारी लाचार
शहर के प्राइवेट स्कूलों द्वारा बैलेंस शीट अपलोड न करने का मामला दिन प्रतिदिन तूल पकड़ता जा रहा है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : शहर के प्राइवेट स्कूलों द्वारा बैलेंस शीट अपलोड न करने का मामला दिन प्रतिदिन तूल पकड़ता जा रहा है। वहीं शनिवार को एक बार फिर प्राइवेट स्कूल संचालकों ने दांव खेलते हुए, शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर बैलेंस शीट अपलोड करने के लिए एक्सटेंशन मांगा है। इस पत्र में इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन (आइएसए) ने हाई कोर्ट में चल रहे केस का हवाला दिया है। शहर के सभी प्राइवेट स्कूल बैलेंस शीट अपलोड करने के शिक्षा विभाग के निर्देशों को अनदेखा कर रहे हैं। हर बार शिक्षा विभाग के आदेशों को दिखाते हैं ठेंगा
पिछले चार महीनों में प्राइवेट स्कूल संचालकों ने शिक्षा विभाग के हर एक आदेश को ठेंगा दिखाया है। चाहे वह आदेश फीस बढ़ोतरी को लेकर हो, एनसीआरटी बुक्स को लेकर हो या फिर बैलेंस शीट अपलोड करने को लेकर। वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारी प्राइवेट स्कूलों के आगे लाचार और बेबस बने हुए हैं। शहर में 79 प्राइवेट स्कूल हैं और इनमें से किसी स्कूल ने इस वर्ष की बैलेंस शीट अपलोड नहीं की। वहीं कई स्कूलों ने खानापूर्ति करने के लिए पुरानी बैलेंस शीट ही अपलोड कर दी। 14 जुलाई को होनी है हाई कोर्ट में केस की सुनवाई
बैलेंस शीट को लेकर हाई कोर्ट में चल रहे केस की सुनवाई 14 जुलाई को होनी है। आइएसए प्रेसिडेंट एचएस मामिक ने कहा कि हाई कोर्ट में केस चल रहा है। इसको देखते हुए स्कूलों को बैलेंस शीट अपलोड करने का समय दिया जाए। हमने प्राइवेट स्कूलों को बैलेंस शीट अपलोड करने के लिए शनिवार रात 12 बजे तक का समय दिया है। सोमवार को डाटा कंपाइल किया जाएगा, उसके बाद ही प्राइवेट स्कूलों पर एक्शन होगा।
-हरबीर सिंह आनंद, जिला शिक्षा अधिकारी