प्राइवेट डॉक्टर भी सरकारी रेट पर ले सकेंगे PPE Kits, क्लीनिकल एस्टेबलिशमेंट एक्ट अध्यादेश जारी
सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि पंजाब में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए क्लीनिकल एस्टेबलिशमेंट एक्ट पर अध्यादेश जारी कर दिया गया है।
चंडीगढ़ [कैलाश नाथ]। प्रदेश में अब प्राइवेट डॉक्टर भी सरकारी रेट पर पीपीई किटें खरीद सकेंगे। सेहत मंत्री बलबीर सिद्धू ने यह घोषणा दैनिक जागरण की तरफ से बुधवार को करवाए गए वेबिनार के दौरान की। मंत्री ने कहा कि किटों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने डॉक्टरों व मेडिकल स्टाफ पर हो रहे हमलों को भी गंभीरता से लिया है। मंत्री ने बताया कि क्लीनिकल एस्टेबलिशमेंट एक्ट का अध्यादेश जारी कर दिया गया है, जो डॉक्टरों को पूरी सुरक्षा देगी। इसे पहले ही कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है। मंत्री ने कहा कि निश्चित रूप से डॉक्टरों की सुरक्षा चिंता का विषय है। कोविड के दौरान भी कई मामले सामने आए जब डॉक्टरों पर हमला किया गया, इसलिए पंजाब सरकार क्लीनिकल एस्टेबलिशमेंट एक्ट का अध्यादेश लाई है।
मंत्री ने कहा कि इमरजेंसी केस में मरीज का इलाज करने के लिए प्राइवेट डॉक्टरों को अब कोविड-19 की वजह से घबराने की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने डॉक्टरों को भरोसा दिया है कि इमरजेंसी केस में उन्हें सबसे पहले मरीज का इलाज करना होगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग दिशा-निर्देश जारी करेगा। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सरकार ने अस्पतालों में फ्लू कॉर्नर बनाए हैं, प्राइवेट अस्पताल भी ऐसा प्रयास करें।
वेबिनार के दौरान सेहत मंत्री के सामने यह सवाल आया कि इमरजेंसी केस में भी डॉक्टर इस बात को लेकर चिंतित हैं कि उन्हें मरीज का कोविड टेस्ट करवाना है। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि ऐसी स्थिति में डॉक्टर को मरीज का इलाज करना है। डॉ. पंकज ने कोविड के कारण डेंटल डॉक्टरों को लेकर अभी तक दिशा-निर्देश जारी नहीं होने का मुद्दा उठाया। क्योंकि एक तरफ मरीजों की समस्याएं बढ़ रही हैं और दूसरी तरफ केंद्र सरकार से कोई दिशा-निर्देश नहीं आने से डॉक्टर मरीजों का इलाज नहीं कर पा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री नें डेंटल डॉक्टरों को भरोसा दिलवाया कि वह इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखेंगे।
ओपीडी के रेट बढ़ाने की इजाजत नहीं देगी सरकार
कोविड-19 को देखते हुए ओपीडी में मरीजों को देखने के लिए जारी किए गए दिशा-निर्देश को लेकर प्राइवेट डॉक्टर चिंतित हैं। मरीज को देखने के बाद सीट (जिस पर मरीज बैठा था) को सैनिटाइज करना, उसके बाद दूसरे मरीज को देखने, इसमें न सिर्फ समय ज्यादा लगेगा बल्कि प्रयास भी बढ़ जाएंगे। इसेदेखते हुए डॉक्टर ओपीडी की फीस बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। डॉ. विकास छाबड़ा ने यह मुद्दा उठाया। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट कहा कि ओपीडी की फीस बढ़ाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। क्योंकि कोविड-19 के कारण आर्थिक स्थिति में खासी गिरावट आई है। सरकारी मुलाजिमों को छोड़ कर सभी सेक्टर में लोगों की आय कम हुई है।
ईटीपी लगाने के लिए समय बढ़ाने की मांग करेंगे सिद्धू
बायो मेडिकल वेस्ट के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा इंफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) लगाने समय सीमा 30 जून को खत्म हो रही है। अभी बहुत सारे प्राइवेट अस्पताल इसे नहीं लगा सके है। इसे देखते हुए डॉ. राजिंदर शर्मा ने कहा कि छोटे अस्पताल ईटीपी लगाने की स्थिति में नहीं हैं। लॉकडाउन व कफ्र्यू के कारण वे ईटीपी नहीं लगा सके। इसलिए इसे एक साल के लिए और बढ़ा दिया जाए। स्वास्थ्य मंत्री इस बात से संतुष्ट दिखे कि समय बढ़ाया जाए। मंत्री ने कहा कि वह खुद पीपीसीबी को पत्र लिखेंगे। दो माह तक सारे दफ्तर बंद रहे और काम काज ठप रहा। इसलिए इस समय को जरूर बढ़ाया जाए।