राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आइसर में विद्यार्थियों को दीं डिग्रियां
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रविवार को माेहाली पहुंचे। उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च के दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान कीं।
जेएनएन, मोहाली (चंडीगढ़)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रविवार को मोहाली पहुंचे। उन्होंने यहां इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आइसर) के दीक्षांत समारोह में भाग लिया। राष्ट्रपति ने इंस्टीट्यूट में विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की। राष्ट्रपति ने विद्यार्थियाें को राष्ट्र निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाने काे कहा। राष्ट्रपति से डिग्रियां और पदक प्राप्त कर विद्यार्थी बेहद खुश व उत्साहित थे।
राष्ट्रपति के दौरे के मद्देनजर चंडीगढ़ और मोहाली में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। राष्ट्रपति विशेष विमान से टेक्निकल एयरपोर्ट पहुंचे। इसके बाद वह इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च पहुंचे। राष्ट्रपति का संस्थान पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। यहां पहुंचने के बाद राष्ट्रपति कोविंद ने सबसे पहले संस्थान के परिसर में पौधराेपण किया और इसके बाद दीक्षांत समारोह में पहुंचे।
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद।
दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति ने इंस्टीट्यूट के विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान कीं। इस मौके पर राष्ट्रपति को संस्थान की ओर से सम्मानित किया गया। समारोह में राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों से राष्ट्र के निर्माण में जुटने का अाह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश की उन्नति में युवाआें की भूमिका सबसे अधिक है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से डिग्री और पदक प्राप्त करने के बाद खुश विद्यार्थी।
इससे पहेल राष्ट्रपति को चंडीगढ़ में होने वाली गवर्नर कान्फ्रेंस के लिए आना था, लेकिन यह कान्फ्रेंस रद कर दी गई थी। पहली बार चंडीगढ़ में गवर्नर कान्फ्रेंस का आयोजन किया जाना था। दीक्षांत समारोह में भाग लेने के बाद राष्ट्रपति हिमाचल प्रदेश के शिमला रवाना हो गए। रामनाथ कोविंद 20 से लेकर 24 मई तक चार दिन शिमला में रहेंगे।
अपने पदक दिखातीं छात्राएं।
दीक्षांत समारोह में पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर, हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी और दाेनों राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। दीक्षांत समारोह में काफी संख्या में विद्यार्थी मौजूद थे। डिग्रियां प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों का कहना था कि राष्ट्रपति के हाथों डिग्री और पदक मिलना अविस्मरणीय अनुभव है।